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19 जुलाई को लड़ी गई थी आजादी की पहली लड़ाई, मंगल पांडे थे मुखिया: पढ़ें पूरी खबर

19 जुलाई को लड़ी गई थी आजादी की पहली लड़ाई, मंगल पांडे थे मुखिया: पढ़ें पूरी खबर
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लखनऊ: आज के ही दिन यानी 19 जुलाई 1827 को बैरकपुर छावनी के सिपाही मंगल पाण्डे के नेतृत्व में प्रथम स्वाधीनता संग्राम का आगाज हुआ था। मंगल पाण्डे को 1857 की क्रान्ति का पहला शहीद सिपाही माना जाता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट करते हुए कहा है कि सन 1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अग्रदूत, महान क्रांतिकारी और देशभक्त सिपाही मंगल पांडेय जी की जयंती पर शत-शत नमन।


कौन हैं मंगल पांडेय

मंगल पाण्डेय का जन्म 30 जनवरी 1831 को संयुक प्रांत के बलिया जिले के नगवा गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम दिवाकर पांडे और मां का नाम श्रीमती अभय रानी था। वर्ष 1849 में 22 साल की उम्र में मंगल पांडे में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में शामिल हुए। मंगल पांडे का नाम तब सुर्खियों में आया, जब उन्होंने गाय और सुअर की चर्बी से बनी कारतूसों का इस्तेमाल करने से मना कर दिया था। भारतीय सैनिकों के बीच ऐसी खबर फैल गई कि इन कारतूसों को बनाने में गाय तथा सूअर की चर्बी का इस्तेमाल किया जाता है।


सबसे पहले मंगल पांडे ने नए कारतूसों के इस्तेमाल का विरोध किया। इसके बाद उनके हथियार छीन लिये जाने और वर्दी उतार लेने का हुक्म हुआ। गल पांडेय ने बैरकपुर छावनी में 29 मार्च 1857 को अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह का बिगुल बजा दिया। 6 अप्रैल 1857 को उन पर कोर्ट मार्शल का मुकदमा चलाकर फांसी की सजा सुनाई गई। फैसले के अनुसार उन्हें 18 अप्रैल 1857 को फांसी दी जानी थी लेकिन ब्रिटिश सरकार ने मंगल पाण्डेय को निर्धारित तिथि से दस दिन पूर्व ही 8 अप्रैल साल 1857 को फांसी पर लटका दिया गया।

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