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देश की आधी आबादी के लिए ये खबर गर्व से भरा है

देश की आधी आबादी के लिए ये खबर गर्व से भरा है
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नई दिल्ली। ये खबर देश की आधी आबादी के लिए अच्छी है। उनके लिए यह खबर गर्व के लिए है। यह पहली दफा है जब देश के सबसे पुराने चार हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस महिलाएं हैं। आज तक ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। इतिहास को पलट कर देखें तो कानून की गद्दियों पर पुरुषों का ही दबदबा रहा है। लेकिन अब वक्त बदल चुका है। महिला सशक्तीकरण और महिलाओं की भागीदारी के मामले में भारत आए दिन मिसाल पेश करते रहता है। पब्लिक सेक्टर की सबसे बड़ी बैंक की प्रमुख अरुंधति रॉय हैं। प्राइवेट सेक्टर की बैंक ICICI की प्रमुख चंद्रा कोचर भी महिला हैं।

कानूनी क्षेत्र में महिलाओं की सहभागिता कितनी है, पूरी जानकारी

लौटकर कानूनी व्यवस्था पर बात करें तो फिलहाल दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और मद्रास हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस महिलाएं हैं। 31 मार्च को इंदिरा बनर्जी मद्रास हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस नियुक्त हुईं। अब मद्रास हाईकोर्ट में 6 महिला जज हैं। पुरुष जज 53 हैं। मुंबई हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस मंजुल चेल्लूर हैं। नंबर दो पर भी महिला जज वी एम ताहिलरामनी हैं। मुंबई हाईकोर्ट में 11 महिला जज और 61 पुरुष जज हैं। दिल्ली हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस जी रोहिणी हैं। यहां 9 महिला और 35 पुरुष जज हैं। नंबर दो पर गीता मित्तल हैं। निशिता निर्मल म्हात्रे पिछले साल 1 दिसंबर से कलकत्ता हाईकोर्ट की कार्यकारी चीफ जस्टिस हैं।कोलकाता हाईकोर्ट में 4 महिला 35 पुरुष जज हैं। देश के 24 हाईकोर्ट में 632 जज हैं जिनमें महिला जज की संख्या 68 हैं। सुप्रीम कोर्ट में 28 जज हैं जिसमें आर भानुमति ही महिला हैं।

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