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हार्दिक पटेल की हालत खराब, सरकार और मीड़िया की खतरनाक चुप्पी जारी

हार्दिक पटेल की हालत खराब, सरकार और मीड़िया की खतरनाक चुप्पी जारी
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अहमदाबादः गुजरात के अहमदाबाद में अपने आवास पर ग्यारह दिनों से आमरण अनशन पर बैठे पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) के नेता हार्दिक पटेल की हालत लगातार बिगड रही है और हार्दिक की हालत पर गुजरात और देश की भाजपा सरकार और देश के मीड़िया को रूख एक समान हार्दिक पटेल को नजर अंदाज करने वाला ही है। हार्दिक पटेल किसानों की कर्ज माफी, पाटीदार आरक्षण और राजद्रोह के मामले में गिरफ्तार उनके साथी अल्पेश कथिरिया की रिहाई की मांग को लेकर 25 अगस्त से यहां ग्रीनवुड रिसार्ट स्थित अपने आवास में अनशन पर बैठे हैं।



हार्दिक ने बीच में दो दिनों तक जल का भी त्याग किया था पर एक संत ने उन्हे पानी पिला कर जल-त्याग को समाप्त करा दिया था। हार्दिक पटेल के अनशन का ग्याहरवां कदन बीत चुका है और हार्दिक से अब तक सरकार के किसी भी प्रतिनिधि ने बातचीत नहीं की है। सरकार का रूख हार्दिक पटेल के अनशन को लेकर क्या है यह गुजरात की भाजपा के रूख और बयान से पता चल जाता है राज्य में सत्तारुढ़ भाजपा का कहना है कि हार्दिक कांग्रेस के एजेंट हैं और अगले लोकसभा चुनाव के दौरान बिना वजह कोई मुद्दा पैदा कर कांग्रेस को फायदा पहुंचाने की नीयत से यह सब कर रहे हैं। अब ऐसी सरकार और ऐसी पार्टी से हार्दिक क्या किसी के लिए भी बेहतर करने और सोचने की उम्मीद नही की की जा सकती है।



बता दें कि खराब स्वास्थ्य और अपनी बिगडती हालत को देखते हुए हार्दिक पटेल ने अपनी एक वसीयत भी लिख तैयार करवाकर सरकार को चेतावनी दे दी है कि उनके अनशन को हल्के में नही लें उनकी लड़ाई निर्णायक है। और अपनी मांग के माने जाने तक वें यहीं अनशन पर डटे रहेंगे। हार्दिक ने परसो शाम से सरकारी डाक्टरों से अपने स्वास्थ्य की जांच कराने तथा उन्हें अपने रक्त और मूत्र के नमूने देने से इंकार कर दिया है। सोला सिविल अस्पताल के अधीक्षक डाॅ. आजेश देसाई ने बताया कि हार्दिक ने कल शाम और आज सुबह हमारे चिकित्सकों की टीम से अपना स्वास्थ्य जांच कराने से इंकार कर दिया है। चिकित्सकीय नैतिक प्रतिमानों के अनुसार किसी भी मरीज की सहमति के बिना जबरन उसके रक्त और मूत्र के नमूने नहीं लिए जा सकते। हालांकि उनके आवास के निकट हमारे चिकित्सकों की पूरी एक टीम सतत मौजूद है।


हालांकि हार्दिक के स्वास्थ्य का ध्यान उनके निजी डाक्टर कर रहे हैं। उनके निजी चिकित्सक डाॅ. अभय राज सिंह झाला ही अब उनके स्वास्थ्य की जांच कर रहे हैं। हार्दिक के साथियों का आरोप था कि सरकारी जांच में गड़बड़ी है और इसके चलते ही वह निजी तरीके से उनके स्वास्थ्य की जांच करा रहे हैं। इस बीच, हार्दिक के समर्थन में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्तिसिंह गोहिल आज उनके आवास पर पहुंचे। उन्होंने मुलाकात के बाद पत्रकारों से कहा कि भाजपा सरकार को हार्दिक से बातचीत करनी चाहिए। ऐसा नहीं होने पर जनता आंदोलन करेगी। ज्ञातव्य है कि हार्दिक से अब तक सरकार के किसी भी प्रतिनिधि ने बातचीत नहीं की है।



देश और गुजरात के मीड़िया की हालत भी ठीक भाजपा की प्रतिक्रिया और सत्तारूढ पार्टी के रूख के ही समान है। वह भी ग्यारह दिनों से नाममात्र के लिए हार्दिक पटेल के अनशन को दिखा रहा है। लगता है कि देश का मीड़िया या तो किसी खौफ में है अथवा वह सत्ताधीशो को नाराज करने का जोखिम लेकर पुण्य प्रसुन वाजपेयी और अभिसार शर्मा नही बनना चाहता है। बहरहाल, हार्दिक पटेल की हालत लगातार खराब होती जा रही है और देश और राज्य की सरकार खामोश और निर्विकार है और मीड़िया सरकार की राह से अलग कोई राह दिखाने की हिम्मत नही जुटा पा रहा है।

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