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संयुक्त राष्ट्र में भारत की दहाड़, पाकिस्तान को बताया 'आतंक की फैक्ट्री'

संयुक्त राष्ट्र में भारत की दहाड़, पाकिस्तान को बताया आतंक की फैक्ट्री
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भारत ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) की एक बैठक में पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए उसे आतंकियों की फैक्ट्री कहा. भारत ने स्पष्ट कहा कि पाकिस्तान 'जबरिया दुश्मनी' से बाज आए और पड़ोसी देशों में आतंकवाद की आपूर्ति करना बंद करे.



क्या कहा भारत ने

यूएनएचआरसी में भारत की राजनयिक नवनीता चक्रवर्ती ने कहा कि पाकिस्तान ने न सिर्फ दुनिया भर में आतंकवाद फैलाने का काम किया है बल्कि अपने यहां मौजूद अल्पसंख्यकों पर भी जुल्म ढाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. भारत ने अपने बयान में पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के मानवाधिकार उल्लंघन का मुद्दा भी जोर-शोर से उठाया. ईशनिंदा कानून के अनैतिक इस्तेमाल पर भारत ने कहा- भारत में अल्पसंख्यक प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और क्रिकेट टीम के कप्तान भी बन चुके हैं. क्या पाकिस्तान ऐसा कोई दावा कर सकता है?'

'भारत में आतंकवाद फैलाना बंद करे पाक'
भारत ने सीधे शब्दों में पाकिस्तान से कहा कि वह भारत के किसी भी हिस्से में हिंसा और आतंकवाद भड़काने और उसके समर्थन करने के अलावा आंतरिक मामलों में दखल देना बंद करे. भारत ने पाकिस्तानी शिष्टमंडल के जम्मू कश्मीर से जुड़े मसलों में हस्तक्षेप करने पर भी अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया. भारत ने आरोप लगाया कि पाक ने जम्मू कश्मीर के एक हिस्से पर जबरन कब्जा जमाया हुआ है. भारत ने पाकिस्तान को पीओके से अपना अवैध कब्ज़ा ख़त्म करने के लिए भी कहा.

जम्मू कश्मीर को अस्थिर करने के पीछे पाकिस्तान
आतंकवाद को मानवाधिकारों के लिए सबसे बड़ा खतरा बताते हुए चक्रवर्ती ने कहा कि पाकिस्तान ने एक बार फिर जम्मू और कश्मीर से जुड़े हमारे अंदरूनी मसलों पर झूठी बातें कहने के लिए परिषद के मंच का दुरुपयोग किया है. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में बढ़ते सांप्रदायिक तनाव पर चिंता जाहिर करते हुए चक्रवर्ती ने कहा कि वह इलाका आतंकवाद के निर्यात का केंद्र बन गया है.
भारत का जम्मू-कश्मीर राज्य बहुलतावादी और धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र का हिस्सा है, जहां स्वतंत्र न्यायपालिका, सक्रिय मीडिया और एक सक्रिय सिविल सोसायटी स्वतंत्रता सुनिश्चित करती है. इसके विपरीत, पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर का शासन कुछ लोगों के हाथों में सिमटा है और यह दुनिया में आतंकवाद फैलाने का केंद्र बन गया है. जम्मू-कश्मीर में गतिविधियां चला रहे आतंकवादी समूहों को पाकिस्तान की ओर से लगातार मिल रहा समर्थन राज्य में हमारे नागरिकों के मानवाधिकारों की सुरक्षा के मामले में प्रमुख चुनौती है.
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