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संदीप यादव ने खेसारी लाल पर हुए हमलों को लेकर दागे 7 सवाल

संदीप यादव ने खेसारी लाल पर हुए हमलों को लेकर दागे 7 सवाल
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पटना : वैशाली जिले में लोकप्रिय भोजपुरी अभिनेता व गायक खेसारी लाल यादव पे हमले को लेकर युवा राजद नेता संदीप यादव ने एक फ़ेसबुक पोस्ट के जरिये हमला की निंदा करते हुए गायक खेसारी लाल से 7 सवाल पूछे है।गौरतलब की अभी कुछ दिन पहले वैशाली में एक शो के दौरान खेसारी लाल यादव पे उग्र भीड़ ने हमला बोल दिया था उसके बाद वीडियो के जरिये खेसारी लाल यादव ने युवराज सुधीर सिंह पे हमला करवाने का आरोप लगाया था
संदीप यादव के फ़ेसबुक पोस्ट से
1. क्या भोजपुरी फिल्मों को सेंसर बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त है
और अगर है तो क्या आपने निजी शो का कभी किसी राज्य के सरकार से सुरक्षा की मांग की ??
2. फिल्म निर्माण के समय स्थानीय प्रशासन से अपनी सुरक्षा की मांग करने वाले डायरेक्टर और प्रोड्यूसर से तमाम प्रकार कि सुविधाओ का इंतजाम कराने वाले अभिनेता , क्या ये अपने निजी शो में प्रसाशन से सुरक्षा की मांग करते है ?
3. फिल्म का डायरेक्टर तमाम प्रकार कि सुविधा देता है ।इनकी जान माल की सुरक्षा करता है
रहने की ब्यवस्था करता है , क्या ये अपने निजी शो में प्रसाशन से अपनी सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करवाते है। और अगर नहीं तो आखिर क्यों ??
4. कभी भी कोई आयोजक द्वारा इनके शो का इंतजाम किया जाता है , तो इनके शो की पूरी सुरक्षा की जिम्मेदारी आयोजक की होती है ना कि किसी ब्यक्ति विशेष की
5. प्राइवेट कंसर्ट की तरफ से शो का आयोजन करना ,टिकट के बिक्री के आधार पर दर्शक को बुलाना और उनकी मनपसंद प्रस्तुति नहीं करना और दर्शकों का उग्र हो जाना,यह इनकी निजी जिम्मेदारी है ना कि किसी और कि
6. कभी भी ब्यक्तिगत रूप से पापुलर पर्सनाल्टी टिकट के बिक्री के आधार पर शो के आयोजन में आएंगे-जाएंगे और आयोजक द्वारा सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम नही रहेगा तो माबलीचिंग का खतरा हमेसा बना रहेगा,इसपे आपको गहन विचार करना होगा
7. ब्यक्तिगत व राजनैतिक रूप से किसी पे आरोप लगा कर अपनी राजनैतिक महत्वकांक्षा पूरा करने की सोच रखने वाले लोक गायक अपनी कला-सभ्यता और संकृति पे भी ध्यान दे
आज इनके ऊपर हमला होने से इनको अपने जान की चिंता बनी हुई है ,तो चलो हम आपसे सवाल करते है,इनके द्वारा गाये गीतों से हमारे समाज मे शादी-ब्याह में जो उग्र स्तिथिया उत्पन्न होती है
लोगो को मारा पीटा जाता है,कई बार लोग गम्भीर रूप से जख्मी हो जाते है या उनकी मृत्यु हो जाती है ,आखिर इसका जिम्मेदार कौन होगा??
जब भोजपुरी जगत को संवैधानिक दर्जा ( भाषा) मान्यता नहीं मिली हुई है
तो ये फिर संवैधानिक लोक गायक और भोजपुरी फिल्म अभिनेता कैसा बन जाते
मनोज तिवारी
दिनेश लाल यादव
पवन सिंह
खेसारी लाल यादव
इत्यादि अपने हिसाब से नाम जोड़ लीजियेगा
आखिर यह लोग मनोरंजन के नाम पें पैसा कमाने के अलावा हमारी भोजपुरी भाषा के लिए क्या किये है ??
रही बात सुधीर सिंह और रणधीर सिंह की तो इनको मैं ब्यक्तिगत रूप से नही जानता हु
लेकिन पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह जी ने जितनी बार सांसद रहते हुए सदन में अपना संबोधन दिया हमेसा उन्होंने भोजपुरी भाषा का इस्तेमाल किया ।
लोकसभा के पूर्व अध्य्क्ष स्व सोमनाथ चटर्जी जी द्वारा 2004 से 2009 के दौरान जब भी प्रभुनाथ सिंह जी सदन में अपनी बात रखने के लिए खड़ा होते थे, तो डांटकर बैठा दिया जाता था
और यह कहा जाता था कि आपके भाषा को मान्यता नहीं है ,इसलिए सदन की कार्यवाही में आपके भाषा को शामिल नही किया जाएगा, फिर भी वो हमेसा भोजपुरी की बात करते रहते थे,जैसे आज कल रणधीर सिंह के भाषणों में दिखता है
इन अभिनेताओं और गायकों का वजूद यही है कि आज भी इनको सेंसर बोर्ड और मान्यता प्राप्त संस्थाओं से एक पैसे की रॉयल्टी नहीं मिलती है,पहले तो ये अपना वजूद बनाये संवैधानिक रुप से मान्यता प्राप्त करे
लोकगायक और लोक संस्कृति लोक भेष-भूसा ,लोक खानपान ,लोक रहन-सहन,देश मे एकता कि बात करती है।जातीय और धार्मिक रूप से एक साथ रहने के लिये प्रेरित करती है नाकि जातीय सहानभूति लेकर जातीय उन्माद पैदा करने को कहती है,जो जातीय और धार्मिक उन्मादी होगा और इसका राजनीतिकरण करेगा उसको संस्कृति-सभ्यता का अलम्बदार नही माना जा सकता है
खेसारी लाल सहित पवन सिंह ,मनोज तिवारी व तमाम अपनी मान्यताओं पे ध्यान दे और अपने वजूद को बचाये राजनीति करने वाले लोग राजनीति करेंगे और अपने दायित्वो के प्रति समर्पित रहेंगे
ज्ञात हो कि संदीप यादव के इस फ़ेसबुक पोस्ट के आने के बाद लोगो मे एक बार फिर मामला गर्म नजर आने लगा है,देखना है आगे खेसारी लाल यादव का क्या ब्यान आता है

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