Sushma Swaraj Final Journey: पंचतत्व में विलीन हुईं सुषमा स्वराज, राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई
BY Jan Shakti Bureau7 Aug 2019 12:45 PM GMT
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Jan Shakti Bureau7 Aug 2019 12:45 PM GMT
नई दिल्ली: पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पंचतत्व में विलीन हो गईं. लोधी रोड स्थित शवदाह गृह में बीजेपी की वरिष्ठ नेता का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी ने उनके अंतिम संस्कार के रीति रिवाज पूरे किए. इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी, लाल कृष्ण आडवाणी, गृह मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, जेपी नड्डा सहित बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता लोधी रोड शवदाह गृह में मौजूद रहे. इसके अलावा सोनिया गांधी, गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, रामदास अठावले, मनोहर लाल खट्टर, शरद यादव सहित कई नेता मौजूद थे.
इससे पहले सुषमा स्वराज के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए बीजेपी मुख्यालय में रखा गया था. सुषमा स्वराज का मंगलवार रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था. वह 67 वर्ष की थीं. पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को मंगलवार रात तबीयत बिगड़ने के बाद एम्स में भर्ती कराया गया था. BJP की वरिष्ठ नेता का 2016 में गुर्दा प्रतिरोपित किया गया था और स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ा था. नौ बार सांसद रहीं सुषमा स्वराज आम लोगों मे अपार लोकप्रिय थीं. सुषमा स्वराज के निधन पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित लगभग सभी नेताओं ने शोक जताया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज के निधन पर मंगलवार को गहरा दुख व्यक्त किया था और कहा था कि भारतीय राजनीति के एक गौरवशाली अध्याय का अंत हो गया.
पीएम मोदी ने स्वराज के निधन को 'व्यक्तिगत क्षति' बताया. मोदी ने ट्वीट किया, 'असाधारण नेता के निधन से भारत शोकाकुल है.' उन्होंने कहा कि वह भूल नहीं सकते कि कैसे पूर्व विदेश मंत्री बिना थके काम करती थीं. पीएम मोदी ने कहा, 'यहां तक कि जब उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था तब भी वह अपने काम के साथ न्याय करने के लिए जो कर सकती थीं करती थीं और अपने मंत्रालय के मसलों से वाकिफ रहती थीं.' बता दें कि BJP की वरिष्ठ नेता का 2016 में गुर्दा प्रतिरोपित किया गया था और स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ा था. नौ बार सांसद रहीं सुषमा स्वराज आम लोगों मे अपार लोकप्रिय थीं. उनको ट्विटर पर एक करोड़ 20 लाख से अधिक लोग फॉलो करते हैं. वे दिल्ली की मुख्यमंत्री रही थीं. बता दें कि सुषमा स्वराज साल 1977 में सबसे कम उम्र की राज्यमंत्री बनी थीं.
अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली NDA सरकार में वे सूचना एवं प्रसारण मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री रहीं. सुषमा स्वराज देश की पहली महिला विदेश मंत्री के तौर पर जानी जाती हैं। उनका जन्म 14 फरवरी 1952 को अंबाला में हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई एसडी कॉलेज अंबाला छावनी से की, जिसके बाद पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से उन्होंने कानून की डिग्री हासिल की। 1970 में सुषमा ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ राजनीति में कदम रखे। उसी दौरान उन्होंने जेपी के अंदोलन में भी हिस्सा लिया। 1975 में सुषमा की शादी स्वराज कौशल से हुई। कौशल भी 6 साल तक राज्यसभा में सांसद रहे इसके अलावा वो मिजोरम के राज्यपाल भी रह चुके हैं।
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