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योगीराज के 20 दिन: उत्तर प्रदेश पुलिस पर 15 हमले, तीन पुलिस कर्मियों की हत्या

योगीराज के 20 दिन: उत्तर प्रदेश पुलिस पर  15 हमले, तीन पुलिस  कर्मियों की हत्या
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खनऊ: सुसाशन का डंका बजाने वाली योगी सरकार को प्रदेश की सत्त्ता शम्भाले मात्र 20 हुए हैं, लेकिन प्रदेश में गुंडे माफिया के के हौसले बुलंद हैं. हद तो यह हैं कानून के रक्षक प्रदेश में सुरक्षित नहीं हैं. गत 20 दिनों में पुलिस कर्मियों15 हमले हुए हैं, जिसमे 3 कर्मियों की मौत हो गई. अब तो हमले को लेकर गृह विभाग चिंतित है।

सचिव गृह मणि प्रसाद मिश्रा ने पुलिस पर हमले की बढ़ी घटनाओं को लेकर चिंता जाहिर की है। मीडिया सेंटर में गृह विभाग के सचिव और आईजी कानून-व्यवस्था ने पत्रकारों को बताया कि पिछले 20 दिनों में पुलिस कर्मियों पर 15 हमले हुए। इसमें तीन सिपाहियों की हत्या हुई है। इनमें 12 घटनाओं का खुलासा पुलिस ने किया है और तीन घटनाओं में अब तक गिरफ्तारियां नहीं हो सकी हैं।

आईजी कानून-व्यवस्था हरिराम शर्मा ने बताया कि डीजीपी की ओर से भी सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि बदमाशों को गिरफ्तार करने वाली टीमों को दोबारा प्रशिक्षण दिया जाए और उन्हें संभावित खतरों के बारे में बताया जाए।

पश्चिमी यूपी में हमले की घटनाएं बढ़ी

संभल में धार्मिक स्थल और ग्रंथ के अपमान के आरोप में भीड़ ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया था। इसके बाद पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई से हालात बेकाबू हो गए और संभल के एसपी व एडिशनल एसपी को हटाना पड़ा। रामपुर में गोकशी की सूचना पर पहुंची पुलिस पर भीड़ ने हमला कर दिया।

आगरा और फिरोजाबाद में सिपाहियों की हत्या कर दी गई, जबकि मुरादाबाद और अमरोहा में भी पुलिस टीम पर हमले की खबरें आईं। ताजा घटना मऊ की है। जहां एक विवादित पट्टे पर बने तालाब में पली मछलियों के बंटवारे के विवाद को सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया। दो दिन में अलग-अलग जिलों में तीन पुलिस कर्मियों की हत्या के केवल एक मामले में आरोपी की गिरफ्तारी हो सकी है। बाकी दो घटनाओं में बदमाश अभी पुलिस की पहुंच से दूर हैं।

आगरा के शाहाबाद में सिपाही अजय यादव की हत्या कर लूटी गई पिस्टल का अब तक सुराग नहीं लग सका है। वहीं, प्रतापगढ़ में सिपाही राजकुमार सिंह का हत्यारा इरशाद भी पुलिस के शिकंजे से दूर है। गृह सचिव मणि प्रसाद मिश्रा का कहना है कि जल्द ही अपराधी सलाखों के पीछे होंगे। फिरोजाबाद में सिपाही रवि रावत के हत्यारे ट्रैक्टर चालक को रविवार को ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

डीजीपी की खुली छूट,

लगातार पुलिस पर हमले के बाद डीजीपी जावीद अहमद ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बदमाशों से मुकाबला करने पूरी तैयारी से जाएं और कोई कुछ गड़बड़ करे तो ईंट से ईंट बजा दें। संघ लोक सेवा आयोग की बैठक करके दिल्ली से लौटने पर डीजीपी ने अमर उजाला से खास बातचीत में कहा कि बदमाशों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्य रूप से चार बातों को ध्यान में रखने के लिए कहा गया है। पुलिस कर्मी अपने व्यवहार में बदलाव लाएं, अपनी कार्यशैली को पारदर्शी बनाएं और घटना स्थल पर जाएं या बदमाश को पकड़ने जाएं तो पूरी तैयारी से जाएं। डीजीपी ने कहा कि पुलिस को अपना सूचना तंत्र मजबूत करने के साथ जनता में भी भरोसा कायम करना जरूरी है।

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