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Breaking: उत्तर प्रदेश से मौर्या की होगी विदाई, शिवपाल हो सकते हैं डिप्टी सीएम!

Breaking: उत्तर प्रदेश से मौर्या की होगी विदाई, शिवपाल हो सकते हैं डिप्टी सीएम!
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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आज लखनऊ VVIP गेस्ट हाउस में अमित शाह और शिवपाल की मुलाक़ात हुई है, इसी के साथ इस बात बात के संकेत मिल रहे हैं की भाजपा 2019 जीतने के लिए शिवपाल को अपने खेमे में लेना चाहती है. इस की का इशारा अमित शाह ने यादव कार्यकर्ता के घर भोजन कर दे दिया है. सूत्रों की मानें तो केशव मौर्या को केंद्र में भेज कर शिवपाल को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है.


आप को बता दे की 17 अगस्त के आसपास मोदी अपनी कैबिनेट में एक बड़ा फेरबदल करने वाले हैं। मोदी जी सबसे विश्वस्त अमित शाह को देश का अगला रक्षा मंत्री बना सकते हैं। अमित शाह को गुजरात से राज्यसभा में लाया जा रहा जिसके लिए बीजेपी ने सात विधायक कम पड़ रहे थे उनको कांग्रेस से लिया ले लिया है जिससे अमित शाह का राजयसभा पहुंचना तय है। देश की जनता को एक बात तो समझ में आ चुकी है कि जो बीजेपी कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दे रही थी, दरअसल वो कांग्रेस को बीजेपी में शामिल करके कांग्रेस मुक्त भारत बनाने का ही फंडा था।


राजनीति के जानकार बताते हैं कि अब राज्यसभा में भाजपा की कमान भी शाह के हाथों में आ जायेगी और वह कमजोर रक्षा मंत्री अरुण जेटली की जगह नेता सदन बनाए जा सकते हैं। भले ही ऊपरी सदन में भाजपा अभी अल्पमत में हो, पर अमित शाह के गुजराती फंडो के नए नए इस्तेमाल से जिस तरह गैर बीजेपी शासित प्रदेशो में वो सरकार बना रहे हैं उन सियासी तेवरों से सदन में भाजपा की सभी इछाओ को एक नई धार दे सकते हैं। माना जा रहा है कि शाह को सामने लाकर मोदी काम के बोझ से दबे जेतली को भी थोड़ा आराम देना चाहते हैं। सदन की कार्रवाइयों से फ्री होकर अरुण जेटली अपने वित्त मंत्रालय के कामकाज पर भी और ध्यान दे सकते हैं और जनता का ज्यादा से ज्यादा कैसे तेल निकाला जा सकता है उस पर भी काम कर सकेंगे। अमित शाह मंत्री बनने के बजाय गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक के आसन्न विधानसभा चुनावों को मद्देनजर रखते व्यूह रचना को अंतिम रूप देने में सक्रिय रहेंगे। अगर वह कैबिनेट मंत्री बन जाते हैं तो उन्हें पार्टी अध्यक्ष पद छोडऩा पड़ सकता है, चूंकि वर्ष 2019 के आम चुनावों में अभी मात्र 2 वर्षों से भी कम का समय बचा है इसलिए मोदी जी अमित शाह को लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं।


उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य क्या अगस्त के फेरबदल में मोदी कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं सियासी जानकार इसकी 2 प्रमुख वजह बता रहे हैं, एक तो अगर मौर्य यूपी में उप मुख्यमंत्री बने रहते हैं तो उन्हें लोकसभा की अपनी सदस्यता छोडऩी होगी। बीजेपी को पता है की राज्यसभा से इस्तीफा देने के बाद मायावती की नजरें भी फूलपुर लोकसभा क्षेत्र पर टिकी हैं। अगर केशव मौर्य यह सीट छोड़ते हैं तो इसके बाद होने वाले उप चुनाव में मायावती भी अपना पर्चा यहां से दाखिल कर सकती हैं और अखिलेश यादव कांग्रेस उनका समर्थन कर सीट जीता सकती है, चूंकि फूलपुर में दलित वोटरों की अच्छी-खासी संख्या है। इसलिए बीजेपी के उम्मीदवार के लिए मायावती को पटखनी देना आसान नहीं होगा।


इसलिए बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व चाहता है कि केशव मौर्य फूलपुर से सांसद बने रहें, बदले में उन्हें केन्द्र सरकार में राज्य मंत्री बनाया जा सकता है। लेकिन उत्तर प्रदेश में एक खबर बहुत तेज चल रही है कि केशव मौर्य और उनके पुत्र ने उत्तर प्रदेश निर्माण निगम का एक भ्रष्ट एमडी आर के गोयल को उसी पड़ पर बने रहने के लिए उससे 25 करोड़ की रिश्वत ली है जिसकी रिकार्डिंग योगी आदित्यनाथ के हाथ लग गयी है योगी जी ने मोदी जी को रिकार्डिंग दिखाते हुए कहा कि केशव मौर्य को लखनऊ से बेदखल करे। घूसखोरी की इसी रिकार्डिंग के चलते इन दिनों योगी और केशव मौर्या में तलवारें खिंची हुई हैं और आने वाले दिनों में भाजपा लखनऊ में ऐसा कोई तमाशा नहीं चाहता है। पता चले की अभी तक दुसरो की पार्टिया तोड़ते तोड़ते अपनी ही पार्टी टूटने की नौबत आ जाय इसलिए केशव मौर्य को दिल्ली जाना ही होगा।

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