Jawaharlal Nehru Biography History In Hindi | पंडित जवाहर लाल नेहरू का जीवन परिचय व इतिहास

Jawaharlal Nehru Biography History In Hindi | आजाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु के जन्म दिन को ही बाल दिवस और चिल्ड्रेन्स डे (childrens day) कहा जाता है, क्योकि नेहरु जी को बच्चे बहुत पसंद थे और बच्चे उन्हें चाचा नेहरु कहकर बुलाते थे.

Update: 2020-10-30 18:36 GMT

जवाहर लाल नेहरू का जीवन एवं परिवार परिचय (Life and family introduction of Jawaharlal Nehru)

  • पूरा नाम : पंडित जवाहरलाल नेहरु
  • जन्म : 14 नवम्बर 1889
  • जन्म स्थान : इलाहबाद, उत्तरप्रदेश
  • माता का नाम : स्वरूपरानी नेहरु
  • पिता का नाम : मोतीलाल नेहरु
  • पत्नी : कमला नेहरु (1916)
  • बच्चे : इंदिरा गाँधी
  • मृत्यु : 27 मई 1964, नई दिल्ली

जवाहर लाल नेहरू का जीवन एवं परिवार परिचय (Life and family introduction of Jawaharlal Nehru)

आजाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु के जन्म दिन को ही बाल दिवस और चिल्ड्रेन्स डे (childrens day) कहा जाता है, क्योकि नेहरु जी को बच्चे बहुत पसंद थे और बच्चे उन्हें चाचा नेहरु कहकर बुलाते थे. अगर हम नेहरु जी के जीवन को विस्तार से पढ़े, तो हमें उनके जीवन से ढेर सारी सीख पाने के लिए मिलती है. नेहरु जी एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे, देश को आजाद कराने के लिए नेहरु जी ने महात्मा गाँधी का साथ दिया था. नेहरु जी के अंदर देश प्रेम की ललक साफ दिखाई देती थी, महात्मा गाँधी उन्हें एक शिष्य मानते थे, जो उनके प्रिय थे. नेहरु जी को व्यापक रूप से आधुनिक भारत का रचियता माना जाता है.

जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे. इनके पिता प्रसिद्ध बैरिस्टर व् समाजसेवी थे . नेहरु जी सम्पन्न परिवार के इकलौते बेटे थे . इनके अलावा इनके परिवार में इनकी तीन बहिने थी. नेहरु जी कश्मीरी वंश के सारस्वत ब्राह्मण थे. नेहरु जी ने देश विदेश के नामी विध्यालयों एवम महाविध्यालयो से शिक्षा प्राप्त की. इन्होने हैरो से स्कूल की प्रारम्भिक शिक्षा एवम ट्रिनिटी कॉलेज लन्दन से लॉ की शिक्षा प्राप्त की. इसके बाद कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से कानून शास्त्र में पारंगत हुए . 7 वर्ष इंग्लैण्ड में रहकर इन्होने फैबियन समाजवाद एवं आयरिश राष्ट्रवाद की जानकारी विकसित की.

इन्हें 'गुलाब का फूल' बहुत पसंद था, जिसे वो अपनी शेरवानी में लगाकर रखते थे. इन्हें बच्चों से भी बहुत लगाव था ,बच्चे इन्हें 'चाचा नेहरु' कहकर सम्बोधित करते थे . इसी प्रेम के कारण इनका जन्मदिवस बाल दिवस के रूप में 14 नवम्बर को मनाया जाता है. नेहरु जी 'डिस्कवरी ऑफ़ इण्डिया' के रचियता के रूप में भी विख्यात रहे .

नेहरु जी की एक बेटी थी इंदिरा गाँधी. इंदिरा गाँधी अपने पिता को अपना गुरु मानती थी, देश की राजनीती को उन्होंने नेहरु जी से ही सिखा था. बचपन से ही देश की आजादी की लड़ाई को उन्होंने करीब से देखा था. यही वजह थी कि वे भी देश के प्रति अत्याधिक प्रेम रखती थी. इंदिरा जी आजाद देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री बनी. भारत देश को आगे बढ़ाने व मजबूती देने में इंदिरा जी का मुख्य योगदान था.  

जवाहरलाल नेहरु का राजनैतिक सफ़र एवं उपलब्धियां (Political Life history)

1912 में नेहरूजी ने भारत लौटकर इलाहबाद हाईकोर्ट में बेरिस्टर के रूप में कायर्रत हुए. 1916 में नेहरु जी ने कमला नामक युवती से विवाह किया. 1917 में वे होम-रुल-लीग से जुड़ गए. 1919 में नेहरु जी गाँधी के संपर्क में आये जहाँ उनके विचारो ने, नेहरु जी को बहुत प्रभावित किया और राजनीतिज्ञ ज्ञान इन्हें गाँधी जी के नेतृत्व में ही प्राप्त हुआ, यही वह समय था जब नेहरु जी ने पहली बार भारत की राजनीती में कदम रखा था, और उसे इतने करीब से देखा था. 1919 में गाँधी जी ने रोलेट-अधिनियम के खिलाफ़ मोर्चा सम्भाल रखा था. नेहरु जी, गाँधी जी के सविनय-अविज्ञा आन्दोलन से बहुत प्रभावित थे. नेहरु जी के साथ उनके परिवार ने भी गाँधी जी का अनुसरण किया, मोतीलाल नेहरु ने अपनी सम्पति का त्याग कर खादी परिवेश धारण किया. 1920-1922 में गाँधी जी द्वारा किये गये 'असहयोग-आन्दोलन' में नेहरु जी ने सक्रीय रूप से हिस्सा लिया. इस वक्त नेहरु जी पहली बार जेल गये. 1924 में इलाहबाद नगर-निगम के अध्यक्ष के रूप में दो वर्षो तक शहर की सेवा की. 1926 में इन्होने इस्तीफा दे दिया. 1926-28 तक नेहरु जी "अखिल-भारतीय-कांग्रेस" के महा-सचिव बने. गाँधी जी को नेहरु जी में भारत देश का एक महान नेता नजर आ रहा था.

1928-1929 में मोतीलाल नेहरु की अध्यक्षता में काँग्रेस के वार्षिक-सत्र का आयोजन किया गया. इस सत्र में दो गुट बने, पहले गुट में नेहरूजी एवम सुभाषचन्द्र बोस ने पूर्ण स्वतंत्रता की मांग का समर्थन किया और दुसरे गुट में मोतीलाल नेहरु और अन्य नेताओं ने सरकार के आधीन ही प्रभुत्व सम्पन्न राज्य की मांग की . इस दो प्रस्ताव की लड़ाई में गाँधी जी ने बीच का रास्ता निकाला. इन्होने कहा कि ब्रिटेन को दो वर्षो का समय दिया जायेगा, ताकि वे भारत को राज्य का दर्जा दे अन्यथा कांग्रेस एक राष्ट्रीय लड़ाई को जन्म देगी . परन्तु सरकार ने कोई उचित जवाब नहीं दिया .नेहरु जी की अध्यक्षता में दिसम्बर 1929 में काँग्रेस का वार्षिक अधिवेशन 'लाहौर' में किया गया, इसमें सभी ने एक मत होकर 'पूर्ण स्वराज' की मांग का प्रस्ताव पारित किया . 26 जनवरी 1930 में लाहौर में नेहरु जी ने स्वतंत्र भारत का ध्वज लहराया . 1930 में गाँधी जी ने 'सविय अवज्ञा आन्दोलन' का जोरो से आव्हाहन किया, जो इतना सफल रहा कि ब्रिटिश सरकार को महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिया झुकना ही पड़ा .

1935 में जब ब्रिटिश सरकार ने भारत अधिनियम का प्रस्ताव पारित किया, तब काँग्रेस ने चुनाव लड़ने का फैसला किया. नेहरु ने चुनाव के बाहर रहकर ही पार्टी का समर्थन किया . काँग्रेस ने हर प्रदेश में सरकार बनाई और सबसे अधिक जगहों पर जीत हासिल की. 1936-1937 में नेहरु जी की काँग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया . 1942 में गांधीजी के नेतृत्व में भारत छोडो आन्दोलन के बीच नेहरु जी को गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद वह 1945 में जेल से बाहर आये. 1947 में भारत एवम पकिस्तान की आजादी के समय नेहरु जी ने सरकार के साथ बातचीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

देश के प्रथम प्रधानमंत्री का चुनाव 

1947 में भारत आजादी के वक्त काँग्रेस में प्रधानमंत्री की दावेदारी के लिए चुनाव किये गये, जिसमे सरदार बल्लभ भाई पटेल एवम आचार्य कृपलानी को सर्वाधिक मत प्राप्त हुए. पर गाँधी जी के आग्रह पर जवाहरलाल नेहरू को भारत का प्रथम प्रधानमंत्री मंत्री नियुक्त किया गया. इसके बाद नेहरु जी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने .

स्वतन्त्रता के बाद भारत को सही तरह से गठित कर उसका नेतृत्व कर एक मजबूत राष्ट्र की नीव के निर्माण का कार्य नेहरु जी ने शिद्दत के साथ निभाया. भारत को आर्थिक रूप से निर्भीक बनाने के लिए भी इन्होने बहुत अहम योगदान दिया. आधुनिक-भारत के स्वप्न की मजबूत नीव का निर्माण किया . इन्होने शांति एवम संगठन के लिए 'गुट-निरपेक्ष' आन्दोलन की रचना की. इनकी बहुत मेहनत के बावजूद यह पकिस्तान और चीन से मैत्री पूर्ण सम्बन्ध नहीं बना पाए . 

जवाहरलाल नेहरु को मिला सम्मान (Jawaharlal Nehru Awards)-

1955 में नेहरु जी को देश के सर्वोच्च सम्मान 'भारत-रत्न' से नवाज़ा गया.

जवाहरलाल नेहरु जी की मृत्यु कब हुई एवं कैसे हुई (Jawaharlal Nehru Death)

नेहरु जी अपने पड़ोसी देश चीन व् पाकिस्तान के साथ संबद्ध सुधारने के लिए हमेशा प्रयासरत रहे. उनकी सोच थी कि हमें अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रखना चाहिए, लेकिन 1962 में चीन ने भारत पर हमला कर दिया, जिससे नेहरु जी बहुत आघात पहुंचा. पाकिस्तान से भी काश्मीर मसले के चलते कभी अच्छे सम्बन्ध नहीं बन पाए.

नेहरु जी की 27 मई 1964 को दिल का दौरा पड़ने से 'स्वर्गवास' हो गया. उनकी मौत भारत देश के लिए एक बहुत बड़ी क्षती थी.

देश के महान नेताओं व् स्वतंत्रता संग्रामी के रूप में उन्हें आज भी याद किया जाता है. उनकी याद में बहुत सी योजनायें, सड़क बनाई गई. जवाहरलाल नेहरु स्कूल, जवाहरलाल नेहरु टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी, जवाहरलाल नेहरु कैंसर हॉस्पिटल आदि की शुरुवात इन्ही के सम्मान में की गई.

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