राहुल गांधी- अपना टाइम आएगा! राहुल गांधी भारतीय राजनीति के जुगल हंसराज हैं. कई बार लॉन्च और रिलॉन्च हो चुके राहुल गांधी के पास भारत की सबसे पुरानी पार्टी की कमान है. परिणाम भले उनके पक्ष में न जा रहे हों लेकिन राहुल गांधी का टाइम आएगा, इस बात की उम्मीद तो की ही जा सकती है.
अमित शाह- मोदी-शाह का याराना दशकों पुराना है. अमित शाह की उम्र भी मोदी से 10 साल कम है. भारतीय राजनीति का एक चक्र तो अमित शाह के इर्द-गिर्ध ही घूमेगा आने वाले दशक में. चाहे वो सत्ता में रहें या बाहर.
योगी आदित्यनाथ पिछले दो दशकों से राजनीति में सक्रिय हैं.लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने सबसे ज्यादा चर्चा बटोरी है. योगी के पास अभी काफी समय है. लेकिन इतना तो तय है कि अगले दशक में योगी आदित्यनाथ का नाम चर्चा में आता रहेगा.
अपने पिता वाईएसआर रेड्डी की मौत के बाद जगन मोहन रेड्डी पर क्या कुछ नहीं गुजरी. उनको कांग्रेस से निकाल दिया गया, जानलेवा हमला हुआ लेकिन इसके बाद भी जगन मोहन ने सियासत के जमीन को पैदल नापा. अगले दशक में भी जगन मोहन रेड्डी कहीं ज्यादा बड़े सियासी किरदार बनकर उभर सकते हैं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके अखिलेश यादव के कार्यकाल की काफी तारीफ हुई. हालांकि इसके बावजूद उन्हें चुनावों में हार झेलनी पड़ी. लेकिन अखिलेश यादव अभी युवा हैं और उनके पास काफी वक्त है सियासत की सख्त सड़क पर पांव जमाने का. ऐसे में अगले दशक में अखिलेश यादव अहम भूमिका न निभाते नजर आएं तो आश्चर्य होना चाहिए.