शिवसेना ने योगी पर बोला हमला– किसी के बाप की हिम्मत नहीं कि वो फिल्म सिटी यहां से ले जाए

सामना ने लिखा- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिल से साधु-महात्मा हैं। इन साधु-महात्मा का मुंबई मायानगरी में आगमन हुआ और वे समुद्र तट पर स्थित ओबेरॉय ट्राइडेंट मठ में ठहरे हैं। साधु महाराज का मायानगरी में आने का मूल मकसद है कि मुंबई की फिल्म सिटी को उत्तर प्रदेश ले जाया जाए।

Update: 2020-12-03 10:45 GMT

Shiv Sena attacked CM Yogi - Nobody's father dared take that film city from here

मुंबई। फिल्म सिटी विवाद को लेकर शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में उत्तर प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है। गुरुवार को सामना ने लिखा कि किसी के बाप की हिम्मत नहीं है कि वो फिल्म सिटी मुंबई से ले जाए। योगी की दो दिन से फिल्म जगत से जुड़े लोगों के साथ मुलाकात के बाद शिवसेना लगातार हमलावर है।

सामना ने लिखा- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिल से साधु-महात्मा हैं। इन साधु-महात्मा का मुंबई मायानगरी में आगमन हुआ और वे समुद्र तट पर स्थित ओबेरॉय ट्राइडेंट मठ में ठहरे हैं। साधु महाराज का मायानगरी में आने का मूल मकसद है कि मुंबई की फिल्म सिटी को उत्तर प्रदेश ले जाया जाए। हम महाराष्ट्र से कुछ भी ले जाने नहीं देंगे। किसी के बाप की हिम्मत नहीं है कि वो फिल्म सिटी यहां से ले जाए।

उत्तर प्रदेश सिर्फ जनसंख्या के कारण फूल गया है। जातीयता, धर्मांधता से निर्माण होने वाला कानून और सुव्यवस्था का सवाल देश को सता रहा है। उद्योग नहीं, इसलिए बेरोजगारी है। इन सभी श्रमिकों, बेरोजगारों की भीड़ मुंबई जैसे शहर पर टूटती है। लखनऊ, कानपुर, मेरठ जैसे शहरों से कलाकार, संगीतकार, लेखक आदि लोग करियर संवारने के लिए सालों से मुंबई ही आ रहे हैं। योगी इन सभी को अपने साथ लेकर जाएंगे क्या? योगी हठ पर आ गए हैं और उन्होंने फिल्म सिटी को दिल पर ले लिया है।


इसके बजाय लखनऊ के लिए किसी द्वारकाधीश श्रीकृष्ण की नियुक्ति क्यों न करें? लेकिन ये द्वारिकाधीश भी मुंबई में ही मिलते हैं। कहा जाता है कि श्रीकृष्ण ने उनके मित्र सुदामा के मुट्ठीभर चावल खाए और इसके बदले सुदामा की पूरी नगरी ही सोने की बना डाली। ऐसे श्रीकृष्ण की खोज करने के लिए योगी महाराज मुंबई में आए हैं। अब उन्हें चावल कौन खाने को देता है, यह देखना होगा। कई वर्षों से लाखों उत्तर भारतीय मुंबई में अथक परिश्रम करके अपने मेहनत की रोटी खाते हैं।

मना ने अभिनेता अक्षय कुमार को विख्यात खिलाड़ी कहकर संबोधित किया। कहा- अक्षय की योगी से मुलाकात की तस्वीरें सामने आईं। अक्षय की महिमा का क्या बखान किया जाए। वे महान कलाकार हैं ही, साथ ही आम चूसकर खाने की कला में भी माहिर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी आम चूसकर खाने के संदर्भ में की गई चर्चा काफी चर्चित हुई। अब योगी महाराज के पास उन्होंने बहुधा 'चूसे हुए आम की प्रेमकथा' ऐसी कहानी की स्क्रिप्ट पेश की होगी, ऐसा प्रतीत होता है।

योगी महाराज अब फिल्म उद्योग में उतरेंगे। ऐसे में उन्हें इन विषयों को मनोरंजन के भाग के रूप में देखना चाहिए। योगी महाराज को उत्तर प्रदेश में उद्योग-धंधा बढ़ाना है, इसके लिए वे मुंबई में आए। लॉकडाउन के दौर में यही लोग मुंबई की आलोचना कर रहे थे। अब उसी मुंबई में वे आए हैं। मुंबई का वैभव ही ऐसा है। आज पूरा देश ही वैसे भीख मांगने के कगार पर है। प्रधानमंत्री की उपस्थिति में वाराणसी के गंगा तट पर दीपोत्सव का आयोजन किया गया, फिर भी लोगों के जीवन के दीये बुझ ही गए। मुंबई से नोंचकर योगी महाराज लखनऊ नोएडा में सोने की धूल कैसे उड़ाएंगे?

उत्तर प्रदेश में रोजगार के, उद्योग-धंधों के मुख्य साधन क्या हैं, यह सवाल उठता होगा तो उन्हें 'मिजार्पुर' वेब सीरीज का आनंद लेना चाहिए। मिजार्पुर का हर प्रसंग उत्तर प्रदेश की वास्तविकता होगा, ऐसा लोगों को लगता है। मुंबई के 'अंडरवर्ल्ड' पर भी फिल्में बनी ही हैं, लेकिन महाराष्ट्र ने गुंडागर्दी को कुचल दिया। मिजार्पुर में दिखाए गए उत्तर प्रदेश की 'सच्चाई को बदलने की जिम्मेदारी योगी सरकार की है। सिर्फ फिल्मसिटी की दीवारें खड़ी करने, उसमें गार्डन, नदी, अन्य सेट तैयार करने से क्या होगा?

मुंबई के बांद्रा, पाली हिल, जुहू, खार इलाकों में मायानगरी बसी है। फिर यहां की वास्तविक मायानगरी भी वे मिजार्पुर में ले जाएंगे क्या? उत्तर प्रदेश को सोने से जड़ दो और सोने की ईंटें दिल्ली से ले आओ, हमें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन उसके लिए मुंबई को बदनाम क्यों करते हो? मुंबई को क्यों नोंचते हो? मायानगरी तो दक्षिण के कई राज्यों में भी है। हैदराबाद में है। तमिलनाडु, आंध्र में है। योगी महाराज वहां भी जाकर उत्तर प्रदेश की फिल्म सिटी के कार्य को आगे बढ़ाने वाले हैं क्या?

मुंबई से उद्योग, फिल्मसिटी उठाकर ले जाना मतलब किसी बच्चे के हाथ से चॉकलेट छीनकर ले जाने जितना आसान नहीं है। महाराष्ट्र के भाजपा नेताओं का इस पर क्या मत है? या मुंबई को 'पीओके' कहने वाली अभिनेत्री को समर्थन दिया, उसी तरह इस मुंबई में आए योगी को भी उनका समर्थन है? वास्तविक 'पीओके' की कानून-व्यवस्था मिजार्पुर' से अलग नहीं है। उत्तर प्रदेश की बदनामी रोको। मायानगरी खुद-ब-खुद बन जाएगी।

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