भाजपा का दोहरा चरित्र: उत्‍तर प्रदेश के 86 एसडीएम में 56 यादव पर बवाल तो 61 जजों में 52 सवर्ण पर चुप्पी क्यों?

Update: 2017-04-11 06:59 GMT

लखनऊ: राष्ट्रीय निषाद संघ के सचिव चौधरी लौटन राम निषाद ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने सुनियोजित  तरीके से मीडिया में यह खबर फैलाई है कि लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सचिव अनिल यादव ने 86 एसडीएम में 56 सिर्फ यादवों को चयनित करा दिया।


इसके बाद आरएसएस कार्यकर्ताओं ने रातों-रात यूपी लोक सेवा आयोग को यादव आयोग लिख दिया। निषाद ने अपने बयान में कहा, "गैर यादव पिछड़ी जातियों में यादवों के प्रति नफरत भड़का कर भाजपा ने इनका वोट बैंक हथिया कर सत्ता को प्राप्त कर लिया जबकि सच्चाई यह रही कि अनिल यादव के कार्यकाल में कुल 98 एसडीएम चयनित हुए, जिसमें मात्र 14 यादव और 29 गैर यादव पिछड़ी जातियों के हुए थे।


अभी 24 मार्च, 2017 को उच्च न्यायिक सेवा का परिणाम घोषित हुआ है, जिसमें 61 जजों में 52 सवर्ण चयनित हुए हैं जबकि एक पिछड़े मुस्लिम सहित कुल नौ पिछड़े चयनित हुए हैं। क्या यह सवर्णवाद नहीं है?"


उन्होंने कहा कि जब 86 एसडीएम में 56 यादव चयनित होने का झूठा मुद्दा उठाकर बवाल मचाया गया और गैर यादव पिछड़ी जातियों में यादवों के प्रति नफरत पैदा कराई गई तो 61 जजों में 52 सिर्फ सवर्ण जाति के चयनित हुए हैं, इस पर चुप्पी क्यों साधी गई है। निषाद ने कहा, "एसडीएम चयन में और अन्य नौकरियों में सिर्फ यादवों की भर्ती का जो माहौल बनाकर गैर यादव पिछड़ी, अतिपिछड़ी जातियों में नफरत पैदा की गई और लोक सेवा आयोग के बोर्ड पर यादव सेवा आयोग लिखा गया, उत्तर प्रदेश सरकार उन नौकरियों पर श्वेत पत्र जारी करे।"

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उन्होंने बताया

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