जज (न्यायाधीश) कैसे बने | जज का वेतन | योग्यता और परीक्षा के बारे ने जानकारी

भारत में जज (सेशन कोर्ट) अर्थात न्यायाधीश (हाईकोर्ट या सुप्रीमकोर्ट) का पद सबसे अहम माना जाता है, इस पद पर आसीन व्यक्ति से यदि निर्णय लेने में जरा सी चूक हो जाए, तो निर्दोष व्यक्ति को दंड मिल सकता है| इस बात से यह अनुमान लगाया जा सकता है, कि यह पद कितना महत्वपूर्ण और गरिमामय पद है | भारत में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय सर्वोपरि माना जाता है |

Update: 2021-01-13 07:09 GMT

जज (न्यायाधीश) कैसे बने | जज का वेतन | योग्यता और परीक्षा के बारे ने जानकारी

न्यायधीश (judge) कैसे बने ?

हमारे देश के संविधान में न्याय व्यवस्था को पूरी तरह से स्वतंत्र रखा गया है, जिससे की वह कार्यपालिका द्वारा किये गए गलत कार्यो पर अंकुश लगा सके, इसलिए हमारे यहाँ जज का पद बहुत ही अहम् होता है, उसके एक गलत निर्णय से बहुत लोग प्रभावित हो सकते है, यह पद अत्यंत जिम्मेदारी का पद है, भारत में सर्वोच्च न्यायलय के मुख्य न्यायधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती और अन्य न्यायधीशों की नियुक्ति मुख्य न्यायधीश की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, इसी प्रकार सभी राज्यों के उच्च न्यायालयों में मुख्य व अन्य न्यायधीशों की नियुक्ति राज्यपाल के द्वारा की जाती है, और इनकी नियुक्ति के बाद इन्हें केवल महाभियोग के द्वारा ही हटाया जा सकता है, जज कैसे बने ? इसके बारें में आपको इस पेज पर विस्तार से बता रहे है |


शैक्षणिक योग्यता

अभ्यर्थी को बारवीं की परीक्षा 45 प्रतिशत अंको के साथ उत्तीर्ण होना अनिवार्य है, इसके बाद यूनिवर्सिटी द्वारा प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाता है, जिसमे सफल होने के बाद आपको बीए एलएलबी में प्रवेश मिल जायेगा जिसकी अवधि पांच वर्ष है, इसके साथ-साथ आप स्नातक की परीक्षा 45 प्रतिशत अंको के साथ उत्तीर्ण करके एलएलबी के तीन वर्षीय कार्यक्रम में प्रवेश प्राप्त कर सकते है |

न्यायाधीश के लिए योग्यता

  1. अभ्यर्थी को भारत का नागरिक होना अनिवार्य है
  2. न्यायाधीश बनने के लिए अभ्यर्थी को दो या दो से अधिक न्यायालयों में कम से कम पांच वर्षों तक न्यायाधीश के रूप में कार्य किया हो अथवा किसी उच्च न्यायालय में लगातार दस वर्ष तक अधिवक्ता के रूप में कार्य किया हो
  3. किसी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश या फिर उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश को उच्चतम न्यायालय के एक तदर्थ न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जा सकता है
  4. न्यायाधीश बननें के लिए आयु 62 वर्ष के अंदर होनी अनिवार्य है

प्रशिक्षण

न्यायाधीश को चयन होने के बाद उनको प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है, जिसमे न्यायालय के परीक्षणों में भाग लेने, कानूनी प्रकाशनों की समीक्षा करने और पूर्ण अभ्यास करनें का अवसर प्रदान किया जाता है, सफलतापूर्वक प्रशिक्षण के बाद आपको एक न्यायाधीश के रूप में नियुक्त कर दिया जाएगा |

न्यायाधीश के लिए व्यक्तिगत योग्यता

  1. एक न्यायाधीश के रूप में आपको तथ्यों का मूल्यांकन करने और सही निर्णय लेने में सक्षम होना चाहिए
  2. जज के लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि उन्हें कानून के विषय में अच्छी समझ होनी चाहिए, जिससे वह उन नियमों को सही से पालन करवा पाए
  3. न्यायाधीश के रूप में आपको सभी पक्षों पर विशेष ध्यान देना चाहिए, जिससे आप अच्छी तरह से केश के मूल तत्व में जाकर अच्छा निर्णय दे सके
  4. पढ़ना और लेखन क्षमता आप में अच्छी होनी चाहिए क्योकि न्यायाधीशों को तथ्यों का मूल्यांकन करना होता है और उनके बीच अंतर करना होता है, लेखन क्षमता के माध्यम से वह केश से जुड़े सभी तत्वों को स्पष्ट तरीके से लिखते है और फिर सम्पूर्ण केश स्टडी के बाद उसका निष्पक्ष निर्णय देते है

भारत सरकार या राज्य स्तरीय न्यायिक पदों पर चयन

एलएलबी की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद आप के पास अधिवक्ता के अतिरिक्त कई विकल्प खुल जाते है, आप एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब आसानी से प्राप्त कर सकते है, अनुभव बढ़ने के बाद आप सरकारी या प्राइवेट विभाग में लीगल कंसल्टेंट का कार्य कर सकते है |

भारत सरकार और राज्यों में अटॉर्नी जनरल के पद पर कार्य कर सकते है, यह बहुत ही एक्सपर्ट और अनुभवी होते हैं, इसके आलावा आप अध्यापन के क्षेत्र में जाने के लिए एलएलएम और एलएलडी कर सकते है जिसमे की अत्यधिक सम्मान प्राप्त होता है, इसके अतिरिक्त आप भारतीय और मल्टीनेशनल कंपनियों में लीगल एडवाइजर के रूप में कार्य कर सकते है |

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