यूपी में अंधेरगर्दी? कोरोना संकट के बीच 16 सरकारी डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा, डॉक्टरों को किसने इतना परेशान किया कि वे इस्तीफा दे बैठे?

देश में डॉक्टरों की किल्लत पहले से है। उसके बाद अब कोरोना संकट के बीच ये संकट और गहराता जा रहा है। उत्तर प्रदेश के उन्नाव में 16 सरकारी डॉक्टरों ने अपना सामूहिक इस्तीफा दे दिया है।

Update: 2021-05-13 11:19 GMT

देश में डॉक्टरों की किल्लत पहले से है। उसके बाद अब कोरोना संकट के बीच ये संकट और गहराता जा रहा है। उत्तर प्रदेश के उन्नाव में 16 सरकारी डॉक्टरों ने अपना सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक उन्नाव जिले के अलग-अलग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) के प्रभारी हैं। डॉक्टरों का आरोप है कि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी गलत ढंग से बात करते हैं।

प्रशासन के तानाशाही रवैये और विभाग के उच्च अधिकारियों के सहयोग ना किए जाने के कारण डॉक्टरों ने अपना सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। आज तक के मुताबिक इस्तीफा देने वाले डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना के बीच लगातार डॉक्टर अपना काम जिम्मेदारियों के साथ कर रहे हैं। इसके बावजूद प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा उन्हें दंडात्मक और तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा है।

उन्नाव से ही बुधवार की शाम भयावह तस्वीर सामने आई थी। कोरोना संक्रमण से देश में हर रोज 4 हजार से अधिक लोगों की मौत हो रही है। ये वो आंकड़े हैं जो सरकार द्वारा जारी किए जा रहे हैं। जबकि श्मशान घाटों की तस्वीरें कुछ और बयां कर रही है। पहले यूपी बिहार की नदियों में सैकड़ों शव तैरते नजर आने से हड़कंप मच गया। अब उत्तर प्रदेश के उन्नाव से भयावह तस्वीरें सामने आई हैं। यहां गंगा नदी के किनारे ही संक्रमित मरीजों के शवों को रेत में दफना दिया गया है। शुक्लागंज हाजीपुर के रौतापुर गंगा घाट पर रेती में कब्रगाह देखा गया है।

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