भिक्षक दिवस मना रहे वित्तविहीन शिक्षक, मानदेय की मांग को लेकर कराया मुंडन

Update: 2018-09-05 11:23 GMT

लखनऊः मानदेय की मांग को लेकर वित्तविहीन शिक्षकों ने बुधवार को लखनऊ के इको गार्डन में धरना-प्रदर्शन किया। इतना ही नहीं उन्होंने मुंडन भी करवाया। मुंडन के बाद वित्तविहीन शिक्षक हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पहुंचे। यहां शिक्षकों ने भिक्षा मांगी। शिक्षक गांधी प्रतिमा से होते हुए मुख्यमंत्री के आवास पर भिक्षा मांगने जा रहे थे तो पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। पुलिस ने शिक्षकों की टांगे खींचकर वहां से हटाया। शिक्षक अपने संघर्ष को लेकर रोने लगे। कई शिक्षक भड़क गए और पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे।



शिक्षकों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज कर दिया। लाठीचार्ज से भगदड़ मच गई और कई शिक्षक चोटिल हो गए। घंटों चले बवाल के बाद माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षकों को पुलिस ने 3 बसों में भरकर गिरफ्तार किया। इस दौरान मुख्य मार्ग पर लंबा जाम लग गया जिसे पुलिस ने बड़ी मुश्किल से दुरुस्त करवाया। प्रदर्शन कर रहे माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षकों ने बताया कि सरकार ने हमारा मानदेय बंद कर दिया है, जिसके चलते हमे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने योगी सरकार के इस निर्णय को पक्षपातपूर्ण करार दिया। साथ ही कहा कि डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कई धरना-प्रदर्शन व सम्मेलनों में मानदेय दिए जाने का आश्वासन दिया लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई कदम नहीं उठाया जा सका है।



सरकार के इस रवैये के खिलाफ हमारा विरोध जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षक दिवस पर वित्तविहीन सारे शिक्षकों ने लखनऊ की सड़कों पर निकलकर भिक्षा मांगने के साथ-साथ महिलाओं और पुरुषों ने मुंडन भी करवाया। जो पैसा मुंडन कराकर इकट्ठा हुआ है वो मुख्यमंत्री को देंगे। जिससे उनकी तंगी दूर हो सके। उन्होंने कहा कि इससे पहले की सरकार में हम लोगों को 1 हजार रूपए मिलते थे और इस सरकार ने वादा किया था कि यदि बीजेपी की सरकार बनी तो वह उनको सम्मान देगी। लेकिन जो मानदेय मिल रहा है वह भीख के बराबर है। शिक्षकों ने कहा कि अब इनकी सरकार है फिर भी इन्होंने अपना वादा पूरा नहीं किया और जब आज शिक्षक दिवस पर हम लोग प्रदर्शन कर रहे हैं तो हमे जबरदस्ती घसीट कर भगाया जा रहा है। यदि इसी तरह का बर्ताव रहा तो हम लोग विधानसभा के सामने आत्मदाह कर लेंगे। 

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