समलैंगिक संबंधो को लेकर संघ और बीजेपी की अलग अलग राय

Update: 2018-09-06 15:15 GMT

नई दिल्ली। समलैंगिक संबंधो को लेकर सुप्रीमकोर्ट द्वारा दिए गए आज के फैसले पर आरएसएस और बीजेपी की अलग अलग राय सामने आयी हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने इस मुद्दे पर कहा कि वह समलैंगिक संबंधो को अपराध नहीं मानता लेकिन इसका समर्थन भी नहीं करता। समलेंगिकता पर सुप्रीमकोर्ट के फैसले के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जारी बयान में कहा है- सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की तरह हम भी इस को अपराध नहीं मानते।



समलैंगिक विवाह और संबंध प्रकृति से सुसंगत एवं नैसर्गिक नहीं है इसलिए हम इस प्रकार के संबंधों का समर्थन नहीं करते। उन्होंने कहा कि परंपरा से भारत का समाज भी इस प्रकार के संबंधों को मान्यता नहीं देता। मनुष्य सामान्यतः अनुभवों से सीखता है इसलिए इस विषय को सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक स्तर पर ही संभालने की आवश्यकता है। वहीँ बीजेपी सांसद सुब्रमणियम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद इस पर अपनी नाराजगी जताई। स्वामी ने कहा कि समलेंगिकता जेनेटिक डिसॉर्डर है। इससे एचआईवी जैसे रोग फैलेंगे। एएनआई के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर स्वामी ने कहा कि यह अंतिम फैसला नहीं है और इसे बदला भी जा सकता है।



स्वामी के मुताबिक, इस फैसले को सात जजों की बेंच बदल भी सकती है। स्वामी ने कहा, 'यह अमेरिकन खेल है। जल्द ही ऐसे बार होंगे जहां होमोसेक्सुअल जा सकते हैं। इससे एचआईवी फैलेगा।' स्वामी ने कहा, 'बिल्कुल, किसी के निजी जीवन में क्या होता है यह किसी की चिंता का विषय नहीं है और न ही उन्हें सजा मिलनी चाहिए। यह (होमोसेक्सुअलिटी) असल में एक जेनेटिक डिसऑर्डर है, जैसे किसी की छह उंगलियां होती हैं। इसे सही करने के लिए मेडिकल रिसर्च होनी चाहिए।'

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