आज दिल्ली के रामलीला मैदान में मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोल, देश भर के किसान-मजदूरों का संसद मार्च

Update: 2018-09-05 05:28 GMT

नई दिल्ली: आज देश की राजधानी दिल्ली में वाम दलों के समर्थन में आज यानी बुधवार को किसान और मजदूर सगंठन मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोल रहे हैं. वाम दलों के समर्थन वाले किसान एवं मजदूर संगठनों की ओर से बुधवार को दिल्ली के रामलीला मैदान संसद कर मार्च का आयोजन किया गया.महंगाई से राहत, न्यूनतम भत्ता, किसानों की कर्जमाफी और फसलों की वाजिब कीमत की मांग को लेकर बुधवार को केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ दिल्ली में हज़ारों किसान और मजदूर रामलीला मैदान से संसद तक मार्च किया.. ऐसा पहली बार हो रहा है जब किसान एवं मजदूर किसी एक रैली में एकजुट होकर हिस्सा ले रहे हैं. आज सुबह से ही दिल्ली की सड़कों पर किसानों और मजदूरों की रैली का प्रभाव दिखना शुरू हो गया और लोगों को जाम का सामना करना पड़ा.              






 


क्या है मांगें?                                                 

किसानों की मांग है कि रोज बढ़ रही महंगाई पर लगाम लगाई जाए. खाद्य वितरण प्रणाली की व्यवस्था को ठीक किया जाए, मौजूदा पीढ़ी को उचित रोजगार मिले, सभी मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी भत्ता 18000 रुपया प्रतिमाह तय किया जाए. मजदूरों के लिए बने कानून में मजदूर विरोधी बदलाव ना किए जाएं, किसानों के लिए स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशें लागू हों. गरीब खेती मजदूर और किसानों का कर्ज माफ हो, खेती में लगे मजदूरों के लिए एक बेहतर कानून बने. पांच सितंबर की रैली के आयोजकों ने बताया कि माकपा के बैनर तले आयोजित किसान रैलियों के माध्यम से देश में किसान और मजदूरों की बदहाली के मुद्दे लगातार उठाये जाते रहेंगे. इसकी शुरुआत आज रामलीला मैदान की रैली से हो रही है. वाम समर्थित मजदूर संगठन 'सीटू' के महासचिव तपन सेन ने बताया कि रैली में हिस्सा लेने के लिये देश भर से किसान और कामगारों के दिल्ली पहुंचने का सिलसिला पिछले कुछ दिनों से जारी है. इसमें वामदलों और किसान मजदूर संगठनों के नेता हिस्सा लेंगे.                              


वाम समर्थित मजदूर संगठन 'सीटू' के महासचिव तपन सेन ने मंगलवार को बताया कि वामदलों और तमाम किसान संगठनों के साझा मंच के रूप में गठित 'मजदूर किसान संघर्ष मोर्चा' रामलीला मैदान से भविष्य के आंदोलनों की रूपरेखा घोषित करेगा. सेन ने कहा कि आजाद भारत में पहली बार सरकार के खिलाफ आयोजित रैली में किसान और मजदूर एकजुट होकर हिस्सा लेंगे. उन्होंने कहा कि यह अंतिम नहीं बल्कि पहली रैली होगी. इसमें सरकार की किसान मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन के दूसरे चरण की कार्ययोजना से अवगत कराया जायेगा. सेन ने कहा कि मौजूदा केन्द्र सरकार सिर्फ धनी और कार्पोरेट घरानों के हितों को साधने वाली नीतियां बना रही है। इसका सीधा असर गरीब मजदूरों और किसानों पर हो रहा है. सेन ने बताया कि रैली में हिस्सा लेने के लिये देश भर से किसान और कामगारों के दिल्ली पहुंचने का सिलसिला पिछले कुछ दिनों से जारी है. इसमें वामदलों और किसान मजदूर संगठनों के नेता हिस्सा लेंगे.

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