अर्णब गोस्वामी फिर मुश्किल में, 1914 पेज की चार्जशीट दायर, पुलिस ने इस केस में दायर किए आरोप

पहले आरोप था कि अप्रैल 2018 में इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक को सुसाइड के लिए उकसाने वाले साजिशकर्ताओं में अर्णव गोस्वमी समेत तीन आरोपी शामिल हैं लेकिन पुलिस ने अब अर्णब का नाम हटा लिया है।

Update: 2020-12-05 05:32 GMT

जनशक्ति: महाराष्ट्र की रायगढ़ पुलिस शुक्रवार को सुसाइड मामले में अर्णब गोस्वामी के खिलाफ 1914 पेज की चार्जशीट दाखिल की है। हालांकि इस चार्जशीट में अर्णव के खिलाफ प्रमुख आरोप हटा लिए गए है। पहले आरोप था कि अप्रैल 2018 में इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक को सुसाइड के लिए उकसाने वाले साजिशकर्ताओं में अर्णव गोस्वमी समेत तीन आरोपी शामिल हैं लेकिन पुलिस ने अब अर्णब का नाम हटा लिया है।

बता दें कि पुलिस की चार्जशीट में अर्नब गोस्वामी के अलावा दो और लोग फिरोज शेख और नीतीश सारदा का नाम शामिल था। अन्वय ने सुसाइड लेटर में लिखा था कि उसने तीन लोगों के लिए काम किया और इन लोगों ने उसके 5.40 करोड़ रुपये का बकाया नहीं लौटाया।


इस घटना के बाद रायगढ़ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली थी। इसमें आईपीसी की धारा 34 को भी जोड़ा गया था। जिसमें कथित तौर पर इन तौनों ने अन्वय को सुसाइड के लिए उकसाया था। हालाकि चार्जषीट में धारा 306 ( सुसाइड के लिए भड़काना) के तहत आरोप लगाए गए हैं। इसके अलावा धारा 109 (अपराध के लिए उकसाना) भी जोडी गई है लेकिन धारा 34 हटाना अहम है क्योंकि इस मामले में पहले जांच कर रहे अधिकारी ने 2019 में मामला बंद करने की बात कही थी। चार्जशीट में सुसाइड के पीछे तीनों आरोपियों के साथ जुड़े होने की बात को हटा दिया गया है। पुलिस ने 50 गवाहों के बयान शामिल किए हैं। इसमें मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज बयान भी शामिल है।

मामले में आरोपियों में से एक गोस्वामी को अलीबाग पुलिस द्वारा पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था। उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी। चार नवंबर को हुई अपनी गिरफ्तारी को अवैध करार देते हुए गोस्वामी ने अपनी याचिका में हाईकोर्ट से अनुरोध किया कि मामले की जांच सीबीआई या किसी दूसरी स्वतंत्र एजेंसी को स्थानांतरित की जाए।

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