पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ ज़हर उगलने वाले नरसिंहानंद सरस्वती पर FIR दर्ज, ये है पूरा मामला

गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर में एक नाबालिग मुस्लिम लड़के के पानी पीने पर पिटाई के मामले से सुर्खियों में आए महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती पर मुंबई में ईशनिंदा का केस दर्ज किया गया है.

Update: 2021-04-04 06:51 GMT

गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर में एक नाबालिग मुस्लिम लड़के के पानी पीने पर पिटाई के मामले से सुर्खियों में आए महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती पर मुंबई में ईशनिंदा का केस दर्ज किया गया है. यह केस पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ नरसिंहानंद सरस्वती के एक विवादित बयान को लेकर दर्ज करवाया गया है. रजा अकादमी के सईद नूरी ने पयधोनी पुलिस स्टेशन में यह मामला दर्ज करवाया है. दरअसल नरसिंहानंद सरस्वती का एक कथित वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें उन्हें इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणियां करते सुना जा सकता है.

इस मसले पर दिल्ली पुलिस ने कहा कि वीडियो का संज्ञान लेते हुए, जिसमें एक व्यक्ति को प्रेस क्लब में एक कार्यक्रम में पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का उपयोग करते हुए देखा जा सकता है, पर आईपीसी की धारा 153-ए और 295-ए के तहत पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है.

नरसिंहानंद इससे पहले एक नाबालिग मुस्लिम लड़के की पिटाई के मामले में बचाव करते नजर आए थे. नाबालिग बच्चे की पिटाई के एक दिन बाद पुजारी ने अपने ऊपर लगे सभी आरोप को सिरे से नकारते हुए कहा था कि नाबालिग लड़का मंदिर खराब करने की कोशिश कर रहा था. इतना ही नहीं कई बार उसने वहां पर लूट को भी अंजाम दिया.

नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि कोई भी शख्स अगर मंदिर में आकर प्रार्थना करना चाहता है तो उनका स्वागत है. लेकिन अगर किसी व्यक्ति को इसमें विश्वास नहीं है तो वह मंदिर से दूर रहे. क्योंकि यह सार्वजनिक स्थल या पार्क नहीं है. यह हिंदुओं के लिए धार्मिक स्थान है. वह लड़का यहां शैतानी के इरादे से आया था. लेकिन जब हमारे एक कर्मचारी ने उसे पकड़ लिया तो उसने बताया कि वो यहां पानी पीने आया है. इसके अलावा जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं वो गलत हैं.

नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि बाहर से कोई भी शख्स सिर्फ पानी पीने मंदिर के लिए अंदर नहीं घुसेगा. जबकि बाहर ही नल लगा हुआ है. इसके अलावा सरकारी हैंडपंप भी लगा है. मंदिर के अंदर कई बार चोरी, लूट और छेड़छाड़ की घटनाएं घट चुकी हैं. इसी वजह से हमने मंदिर के बाहर गैर हिंदुओं की एंट्री बैन वाला बोर्ड लगाया है.

हालांकि मंदिर के बाहर लगे बोर्ड के ऊपर लिखा है कि मंदिर के अंदर मुसलामानों का प्रवेश वर्जित है. इस बारे में पूछे जाने पर पुजारी ने कहा कि यह बोर्ड दशकों पुराना है. किसी भी धर्म का शख्स अगर मंदिर के अंदर हिंदू रीति रिवाज से पूजा करना चाहता है तो उसका स्वागत है. लेकिन अगर किसी का हमारे धर्म से कोई लेना देना नहीं है तो उन्हें मंदिर के अंदर घुसने नहीं दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को इस बोर्ड से शिकायत है लेकिन मैं स्पष्ट कर दूं, इसे हटाया नहीं जाएगा.

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