'शुद्र' वाले बयान पर बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, जानें पूरी बात

बिहार के पूर्व सीएम व हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने भोपाल की बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगों का अपमान करने का आरोप लगाया है।

Update: 2020-12-15 16:48 GMT

‘शुद्र’ वाले बयान पर बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, जानें पूरी बात

जनशक्ति। बिहार के पूर्व सीएम व हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने भोपाल की बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगों का अपमान करने का आरोप लगाया है। मांझी ने प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर नाराज़गी जाहिर करते हुए बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से कहा है कि वे अपनी सांसद साध्वी प्रज्ञा को समझाएं कि एससी/एसटी वर्ग को अपमानित न करें।

जीतन राम मांझी ने ट्विटर के जरिए अपनी नाराज़गी का इज़हार करते हुए लिखा है, 'बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी से आग्रह है कि अपने बड़बोली सांसद प्रज्ञा ठाकुर को समझाएँ कि वह SC/ST समाज को अपमानित मत करें। प्रज्ञा ठाकुर हमें मत बताएं कि कौन शुद्र है और कौन आतंकवादी।'

बीजेपी का साथ छोड़िए या अपमान सहिए

मांझी के इस बयान के बाद सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई है। मांझी के इस बयान को बिहार एनडीए में दरार के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। मामले पर कम्युनिस्ट पार्टी ने मांझी से बीजेपी का साथ छोड़ने को कहा है। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के पोलित ब्यूरो की सदस्य सुभाषिनी अली ने ट्वीट किया, 'जीतन राम जी आप सब कुछ जानते हैं। इनका साथ छोड़िए या फिर अपमान बर्दाश्त कीजिए।' हालांकि, मांझी के इस बयान पर बीजेपी ने अब तक चुप्पी साध रखी है। बीजेपी के किसी नेता ने अबतक इस मामले पर कोई बयान नहीं दिया है।

क्या कहा था प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने

दरअसल, भोपाल की बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने सीहोर में आयोजित क्षत्रिय महासभा के कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर शूद्र कहे जाने वाले समुदाय के बारे में विवादित बयान दिया था। प्रज्ञा ने था, 'हमारी धर्म व्यवस्था में चार वर्ग तय किए गए थे- ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र। ब्राह्मण को ब्राह्मण कहो तो उसे बुरा नहीं लगता, क्षत्रिय को क्षत्रिय कहो तो उसे बुरा नहीं लगता, वैश्य को वैश्य कहो तो उसे भी बुरा नहीं लगता, लेकिन शूद्र को शूद्र कह दो तो उसे बुरा लग जाता है, क्योंकि उसमें नासमझी है, यह लोग समझ नहीं पाते।'

इतना ही नहीं प्रज्ञा ठाकुर ने क्षत्रियों से अपील की थी कि वह ज्यादा से ज्यादा बच्चा पैदा करें। उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण पर बात करते हुए कहा कि राष्ट्रहित में क्षत्रियों को ज़्यादा से ज़्यादा बच्चे पैदा करने चाहिए। अगर क्षत्रिय खत्म हो जाएंगे, तो देश की रक्षा कौन करेगा? उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण सिर्फ उन लोगों के लिए है जो देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होते हैं, क्षत्रियों को तो ज़्यादा बच्चे पैदा करने पर ज़ोर देना चाहिए।

इससे पहले भी प्रज्ञा ठाकुर अपने भड़काऊ बयानों को लेकर सुर्खिर्यों में रही हैं। संसद में उन्होंने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था। तब विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया था। मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आपत्ति जताई था और कहा था कि ठाकुर ने अपने बयान के लिए भले ही माफी मांग ली हो लेकिन वह व्यक्तिगत तौर पर उन्हें कभी माफ नहीं कर पाएंगे। 

प्रज्ञा ठाकुर ने दिया था ये बयान

भोपाल के पास सीहोर में सोमवार को क्षत्रीय समाज के कार्यक्रम में प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था, हमारी धर्म व्यवस्था में चार वर्ग तय किए गए थे। ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र। ब्राह्मण को ब्राह्मण कहो उसे बुरा नहीं लगता, क्षत्रिय को क्षत्रिय कहो उसे बुरा नहीं लगता, वैश्य को वैश्य कहो तो बुरा नहीं लगता, मगर शूद्र को शूद्र कहो तो उसे बुरा लग जाता है, क्योंकि उसमें नासमझी है, ये समझ नहीं पाते।

प्रज्ञा ठाकुर पहले भी दे चुकी हैं विवादित बयान

बीजेपी की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर पहले भी कई बार विवादित बयान दे चुकी हैं। इससे पहले भाजपा के प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में लेने के दौरान साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने चीन के मुद्दे पर कांग्रेस की ओर से पूछे गए सवालों को लेकर कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि विदेशी महिला के गर्भ से जन्मा कोई भी व्यक्ति राष्ट्रभक्त नहीं हो सकता। साध्वी ने चाणक्य को याद करते हुए कहा था कि इस भूमि का पुत्र ही देश की रक्षा कर सकता है। हालांकि अपने बयान में साध्वी ने किसी का नाम नहीं लिया मगर उनका इशारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी की ओर ही था।

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