बिहार : नीतीश सरकार का तुग़लकी फ़रमान, सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों को नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी

बिहार में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन अब लोगों को भारी पड़ सकता है। बिहार सरकार ने एक फरमान जारी करते हुए कहा कि राज्य में हिंसक प्रदर्शनों में शामिल होने वालों को सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी। बता दें कि इससे पहले, नीतीश सरकार की पुलिस ने सोशल मीडिया पर सोच समझ कर लिखने का फरमान जारी किया था।

Update: 2021-02-03 05:57 GMT

जनशक्ति: बिहार में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन अब लोगों को भारी पड़ सकता है। बिहार सरकार ने एक फरमान जारी करते हुए कहा कि राज्य में हिंसक प्रदर्शनों में शामिल होने वालों को सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी। बता दें कि इससे पहले, नीतीश सरकार की पुलिस ने सोशल मीडिया पर सोच समझ कर लिखने का फरमान जारी किया था।

आजतक की खबर के अनुसार, बिहार के पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल की ओर से जारी फरमान में कहा गया है कि विरोध-प्रदर्शन, सड़क जाम या ऐसे किसी अन्य मामले में हंगामा हुआ और कानून व्यवस्था में बाधा डाली गई, तो प्रदर्शन में शामिल व्यक्तियों को न सरकारी नौकरी मिलेगी और न ठेका।


इस आदेश में कहा गया है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान सड़क जाम करने, हिंसा फैलाने या किसी भी तरह विधि व्यवस्था में समस्या उत्पन्न करने जैसे आपराधिक कृत्य में शामिल होता है और अगर उसके खिलाफ पुलिस चार्जशीट दाखिल कर देती है, तो उनके पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट में इसका स्पष्ट उल्लेख होगा। ऐसे में न सरकारी नौकरी मिलेगी और न ही सरकारी ठेका ले सकेंगे।

ग़ौरतलब है कि राज्य सरकार से जुड़े ठेके में चरित्र प्रमाण पत्र अनिवार्य किए जाने के बाद डीजीपी एसके सिंघल ने पुलिस सत्यापन प्रतिवेदन (पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट) के संबंध में एक विस्तृत आदेश जारी किया है। इसकी आवश्यकता कई कार्यों के लिए होती है। वहीं चरित्र प्रमाण पत्र भी इसी रिपोर्ट के आधार पर जारी होता है। पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट के दौरान किन बातों का ख्याल रखना है और किन बिंदुओं पर जांच करनी है, इस आदेश में यह भी साफ किया है।

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