राकेश टिकैत का किसानों के नाम संबोधन, महज 40 सेकेंड में फिर से आंदोलन को किया खड़ा

Rakesh tikait address to farmers देश की राजधानी दिल्ली में 26 जनवरी की हिंसा के बाद किसान आंदोलन पर लगातार खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। गुरुवार को देर रात तक गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षाबल और किसान जिस तरह से आमने-सामने थे, उससे किसान आंदोलन के भविष्य को लेकर सवाल खड़े होने लगे थे। हालांकि भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के नेतृत्व में किसान अभी भी वहां डटे हुए हैं।

Update: 2021-01-29 16:07 GMT

Rakesh tikait address to farmers देश की राजधानी दिल्ली में 26 जनवरी की हिंसा के बाद किसान आंदोलन पर लगातार खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। गुरुवार को देर रात तक गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षाबल और किसान जिस तरह से आमने-सामने थे, उससे किसान आंदोलन के भविष्य को लेकर सवाल खड़े होने लगे थे। हालांकि भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के नेतृत्व में किसान अभी भी वहां डटे हुए हैं। शुक्रवार को राकेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ उनका ये आंदोलन लगातार जारी रहेगा। राकेश टिकैत ने कहा कि बीती रात भले ही इस तरह की बातें कही गई हों कि किसान आंदोलन ढीला पड़ रहा है, लेकिन हमने 40 सेकेंड के अंदर आंदोलन को फिर से खड़ा कर दिया।

यूपी के इन जिलों से गाजीपुर पहुंचे किसान

राकेश टिकैत ने बताया कि कल रात बॉर्डर पर जो स्थिति थी, वो 26 जनवरी की हिंसा से भी कहीं ज्यादा खतरनाक थी। उन्होंने बताया करीब 10 हजार किसान पिछले 24 घंटे के अंदर गाजीपुर बॉर्डर पर इकट्ठा हुए हैं। राकेश टिकैत ने बताया कि प्रशासन के लगातार दबाव के बावजूद भी उन्होंने यूपी के मेरठ, बागपत, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद और बुलंदशहर से अधिक से अधिक संख्या में किसान यूपी गेट पहुंचे थे।

जब मीडिया से बात करते हुए रो गए थे राकेश टिकैत

आपको बता दें कि गुरुवार की रात को गाजीपुर बॉर्डर पर माहौल बेहद ही तनावपूर्ण हो गया था। वहां पर भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती कर दी गई थी। इसके अलावा प्रशासनिक अधिकारियों की गतिविधियां भी काफी तेज हो गई थी। इस तनावपूर्ण स्थिति के बीच कई किसान आंदोलन को छोड़कर जाने भी लग गए थे। इस तनावपूर्ण स्थिति में जब मीडिया ने राकेश टिकैत से बात की तो वो बात करते-करतो रो पड़े थे।

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