शिवसेना का अन्ना पर हमला, सामना में पूछा किसके साइड से हो?

समाजसेवी अन्ना हज़ारे द्वारा आंदोलन शुरू करने से पहले आंदोलन को वापस लेने के एलान को लेकर शिवसेना ने निशाना साधा है. शुक्रवार को अन्ना हज़ारे की मुलाकात महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ हुई थी जिसके बाद अन्ना ने अपने आंदोलन को रद्द करने का एलान किया था.

Update: 2021-01-30 18:48 GMT

जनशक्ति: समाजसेवी अन्ना हज़ारे द्वारा आंदोलन शुरू करने से पहले आंदोलन को वापस लेने के एलान को लेकर शिवसेना ने निशाना साधा है. शुक्रवार को अन्ना हज़ारे की मुलाकात महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ हुई थी जिसके बाद अन्ना ने अपने आंदोलन को रद्द करने का एलान किया था. इसीको लेकर शिवसेना ने अन्ना हज़ारे पर सामना में सम्पादकीय के ज़रिये निशाना साधा है. सामना में अन्ना से सवाल पूछा गया है की अन्ना को बताना चाहिए की वो किसके साथ है? देश के किसानों के साथ या सरकार के साथ?

संपादकीय में लिखा गया है, "मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते अन्ना दो बार दिल्ली आए और उन्होंने जोरदार आंदोलन किया. इस आंदोलन की मशाल में तेल डालने का काम तो भाजपा कर रही थी लेकिन विगत सात वर्षों में मोदी शासन में नोटबंदी से लॉकडाउन तक कई निर्णयों से जनता बेजार हुई, लेकिन अन्ना ने करवट भी नहीं बदली, ऐसा आरोप भी होता रहा है. मतलब आंदोलन सिर्फ कांग्रेस के शासन में करना है क्या? बाकी अब रामराज अवतरित हो गया है क्या?"

संपादकीय में आगे लिखा है, "अन्ना द्वारा अनशन का अस्त्र बाहर निकालना और बाद में उसे म्यान में डाल देना, ऐसा इससे पहले भी हो चुका है. इसलिए अभी भी हुआ तो इसमें अनपेक्षित जैसा कुछ नहीं था. भाजपा नेताओं द्वारा दिए गए आश्वासन के कारण अन्ना संतुष्ट हो गए होंगे तो यह उनकी समस्या है. किसानों के मामले में दमन का फिलहाल जो चक्र चल रहा है, कृषि कानूनों के कारण जो दहशत पैदा हुई है बुनियादी सवाल उसे लेकर है. इस संदर्भ में एक निर्णायक भूमिका अन्ना अख्तियार कर रहे हैं और उसी दृष्टिकोण से अनशन कर रहे हैं, ऐसा दृश्य निर्माण हुआ था, परंतु अन्ना ने अनशन पीछे ले लिया. इसलिए कृषि कानून को लेकर उनकी निश्चित तौर पर भूमिका क्या है, फिलहाल तो यह अस्पष्ट ही है."

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