Bal Thackeray Biography in Hindi | बाल ठाकरे की जीवनी

Bal Thackeray Biography in Hindi |

Update: 2020-11-22 11:17 GMT

Bal Thackeray Biography in Hindi

Bal Thackeray Biography in Hindi | बाल ठाकरे की जीवनी

  • नाम बाल केशव ठाकरे
  • जन्म 23 जनवरी 1926
  • जन्मस्थान पुणे, महाराष्ट्र, भारत
  • पिता केशव सीताराम ठाकरे
  • माता रमाबाई ठाकरे
  • पत्नी मीना ठाकरे
  • व्यवसाय राजनेता
  • नागरिकता भारतीय

शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे (Bal Thackeray Biography in Hindi)

बालासाहेब ठाकरे भारत के महाराष्ट्र राज्य के एक प्रख्यात राजकीय लीडर थे, उन्होंने शिवसेना के नाम से एक प्रख्यात हिन्दु संगठन बनाया था बाद में शिवसेना एक बड़ी पोलिटिकल पार्टी बनकर उभरी और बालासाहेब अंत तक शिवसेना का प्रमुख भी रहे। महाराष्ट्र के मराठा लोग उन्हें बहोत प्यार करते थे। बालासाहेब मराठी भाषा में मराठी अखबार भी चलते थे। पुरे भारत में वह हिन्दू सम्राट के लिए जाने जाते थे। Bal Thackeray Founder of Shiv Sena

प्रारंभिक जीवन (Bal Thackeray Early Life)

बालासाहेब का जन्म 23th जनवरी साल 1926 को भारत के पुणे शहर में हुआ था। उनका बचपन का नाम बाल केशव ठाकरे था। उनके पिता का नाम केशव सीताराम ठाकरे था और उनके माता का नाम रमाबाई था। बालासाहेब अपने मातापिता के 9 संतानो में से सबसे बड़े थे। Bal Thackeray Biography in Hindi

विवाह (Bal Thackeray Marriage)

बालासाहेब ने मीना ठाकरे से विवाह किया था, बाद में साल 1996 में उनकी पत्नी का देहांत हो गया। इस दोनों को तीन बेटे हुए, उनमे से एक बड़े बेटे बिंदुमाधव का मार्ग दुर्घटना में देहांत हो गया, और उनके दो छोटे बेटो का नाम जयदेव ठाकरे और उद्धव ठाकरे है। उनके बेटे उद्धव ठाकरे ने बालासाहेब के देहांत के बाद शिवसेना का कमान संभाला।

कार्टूनिस्‍ट के रूप में करियर (Bal Thackeray As a Cartoonist)

बालासाहेब ने अंग्रेज़ी अखबार 'द फ्री प्रेस जर्नल' में कार्टूनिष्ट की नौकरी से अपनी करियर की शुरुआत की थी। कुछ साल इस अखबार में नौकरी करने के बाद साल 1960 में वह नौकरी छोड़कर अपना खुद का मार्मिक साप्ताहिक अख़बार छापना शुरू कर दिया। बालासाहेब हर रविवार को 'टाइम्स ऑफ़ इंडिया' अखबार में अपना लेख लिखा करते थे।

महाराष्‍ट्र मूवमेंट में योगदान (Bal Thackeray Contribution to Maharashtra Movement)

बालासाहेब के पिताजी श्री केशव ठाकरे 'महाराष्‍ट्र मूवमेंट' आंदोलन में सक्रिय कार्यकर्त्ता थे। बाल ठाकरे ने अपने पिता केशव ठाकरे के साथ महाराष्‍ट्र राज्‍य के निर्माण में भाषा के आधार पर मूवमेंट में बहोत योगदान दिया था। उनके अखबार मार्मिक के आधार पर मुंबई में गुजराती और मारवाड़ी लोगो के बढ़ता प्रभाव के खिलाफ आवाज उठाया था।

राजनीतिक करियर (Bal Thackeray Political Career)

साल 1966 में बालासाहेब ठाकरे ने महाराष्ट्र में 'शिवसेना' नामक अपनी खुद का एक हिंदूवादी संगठन की स्थापना की। बाद में शिवसेना एक राजकीय पार्टी बानी और उनकी इस पार्टी निशान धनुष बाण रखा और उनके ध्वज का कलर भगवा रंग का रखा।

शिवसेना की स्थापना के बाद बालासाहेब अपने उत्तेजित करने वाले भाषणों से पुरे भारत में काफी प्रख्यात हो गए। उत्तेजित बयानों से उनके खिलाफ कई लोगो ने कोर्ट में मुकदमे भी चलाए। पार्टी स्थापना के कुछ साल उनको सफलता नहीं मिली लेकिन धीरे धीरे शिवसेना आगे बढ़ने लगी।

20वी सदी के अंत तक भारत में कांग्रेस पार्टी का एकतरफ़ा वर्चष्व रहा था। लेकिन साल 1995 में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना ने गठबंधन करके भारत देश में विरोध पक्ष मजबूत कर दिया और दोनों पार्टी के बिच समजोता हुआ की महाराष्ट्र की राजनितिक लड़ाई में दोनों पार्टिया साथ खड़े रहेंगे। राज ठाकरे को गलता था की बालासाहेब के बाद शिवसेना का सध्यक्ष वह बनेंगे लेकिन उद्धव ठाकरे को पार्टी में ज्यादा महत्व देने के बाद 2005 में राज ठाकरे अपने चाचा से नाराज हो गया।

इसके बाद राज ठाकरे शिवसेना से दूर होकर साल 2006 में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना नामक एक पार्टी का गठन किया। राज ठाकरे भी उनके चाचा बालासाहेब की तरह भाषणों में बहोत उत्तेजीत बयान करते है इसीलिए कई लोगो ने उनके खिलाफ भी कई बार मुकदमे चलाये है। राज ठाकरे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का अध्यक्ष बने और बालासाहेब के बाद उद्धव ठाकरे शिवसेना के अध्यक्ष बने।

मृत्यु (Bal Thackeray Death)

बालासाहेब के जीवन के आखरी दिनों में वे बहोत नादुरस्त रहने की वजह से 25 जुलाई 2012 को उन्हें लीलावती होस्पिटल मुंबई में दाखिल किया गया। इसके बाद ख़राब तबियत के चलते होस्पिटल में 14 नवम्बर 2012 को उन्होंने खाना पीना भी त्याग दिया था। बाद में डॉक्टर सलाह पर उन्हें हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया और उनके घर पर ही ऑक्सीजन के सहारे इलाज जारी रखा। बाद में 86 वर्ष की उम्र में 17 नवम्बर 2012 के दिन हिन्दू सम्राट बालासाहेब का निधन हो गया।

बाल ठाकरे पर फिल्म (Film on Bal Thackeray)

बालासाहेब के जीवन के आदर्शो और निजी जीवन को बताने के लिए साल 2015 में एक मराठी फिल्म भी बनाई गई थी, जिसका नाम 'बाल-कडू' रखा गया था। यह फिल्म उनके जन्म के दिन रिलीज की गई थी। इसके बाद साल 2019 में उनके जीवन पर एक और फिल्म 'ठाकरे' बनाई गई थी। जिसमे बालासाहेब ठाकरे का किरदार नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने किया था।

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