Bernie Sanders biography in hindi | बर्नी सैंडर्स की जीवनी हिंदी में

Update: 2020-11-11 17:48 GMT

Bernie Sanders biography in hindi अमेरिका की राष्ट्रपति के लिए होने वाले चुनाव में बर्नी सैंडर्स डेमोक्रेटिक पार्टी के उमीदवार है| 1941 में ब्रुकलिन न्यूयॉर्क में जन्मे बर्नी ने अपना राजनैतिक सफ़र बुर्लिंगटोप, वेरमोंट के मेयर के रूप में शुरू किया था| वेरमोंट की बड़े बड़े शहरों में बर्नी ने 1981 से 1989 तक राजनीती चलाई| 1988 में उन्होंने राष्ट्रिय राजनीती की ओर रुख किया और US हाउस ऑफ़ रिप्रेजेन्टेटिव के सदस्य बन गए| इसके बाद 1990 से 2006 तक वे US हाउस ऑफ़ रिप्रेजेन्टेटिव के मुखिया रहे| 2007 में बर्नी ने US सीनेट का चुनाव जीत लिया और सीनेटर बन गए| 2012 में वे इस पद के लिए फिर से चुने गए| 2015 में उन्होंने घोषणा की कि वे डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन करेंगें|

बर्नी सैंडर्स जीवन परिचय Bernie Sanders biography in hindi

  • पूरा नाम बर्नार्ड बर्नी संदेर्स
  • जन्म 8 सितम्बर 1941
  • जन्म स्थान न्यूयॉर्क
  • माता-पिता डोरोथी संदेर्स, जेविश एली संदेर्स
  • पत्नी देवोरह शिलिंग (1964-1966)
  • जेन मारा (1988- अभी तक)
  • बच्चे लेवी, डेव, करीना व हीथर

बर्नी सैंडर्स का शुरुवाती जीवन व पारिवारिक परिचय 

स्वतंत्र राजनैतिक बर्नी ब्रुकलिन में जन्मे, उनका एक भाई था, वे सबसे छोटे थे| बर्नी के पिता जेविश पोलैंड के रहने वाले थे, जो सेल्समेन थे व पेंट बेचा करते थे| गरीब परिवार में जन्मे बर्नी ने बचपन से ही गरीबी को करीब से देखा था, बचपन में उन्होंने अमेरिका की आर्थिक असमानता को खुद अनुभव किया था| एक अख़बार में इंटरव्यू देते समय उन्होंने कहा कि ' मैंने बहुत सी असमानता, अनुचित बातों को देखा है जो मेरे राजनीती में आने की सबसे बड़ी प्रेरणा बनी|' अमेरिका के सामाजिक कार्यकर्त्ता यूजीनेवी देब्स को, वो अपना आदर्श मानते है|

बर्नी सैंडर्स ने 1966 में देब्रोह से शादी की थी, 2 साल बाद इनका डाइवोर्स हो गया, इनके कोई बच्चे नहीं थे| इसके बाद इनकी गर्लफ्रेंड सुसान कम्बेल से उन्हें 1969 में एक बेटा लेवी हुआ| 1988 में बर्नी सैंडर्स ने जेन से शादी कर ली, जो वेरमोंट में एक कॉलेज की प्रधान बनी| इससे संदेर्स को 3 सौतेले बच्चे है जिसे वो अपना ही मानते है| संदेर्स के 7 नाती पोते भी है|

बर्नी सैंडर्स का एजुकेशन व करियर

बर्नी सैंडर्स ने ब्रुकलिन के जेम्स मेडिसन हाई स्कूल से स्कूल की पढाई पूरी की, फिर वे ब्रुकलिन कॉलेज में दाखिल हो गए| कुछ समय बाद उन्होंने शिकागो यूनिवर्सिटी में दाखिला ले लिया, जहाँ से उन्होंने पोलिटिकल साइंस में BA की पढाई पूरी की| संदेर्स कहते है उन्हें राजनीती में बचपन से रूचि थी| उन्होंने हिटलर के जीवन से बहुत सी बातें सीखी थी, उनका कहना था 1932 में हिटलर ने चुनाव जीता और वही दुसरे विश्व युद्ध कारण बना, जिसके कारण लाखों लोगों की मौत हुई| राजनीती एक बहुत महत्वपूर्ण कार्य है जिसे लोग देखकर कर ही बहुत कुछ सीखते है और उससे प्रेरित होते है| इसलिए राजनीती के प्रधान को सही इन्सान बहुत जरुरी है|

कॉलेज के दिनों में बर्नी सैंडर्स सिविल राईट मूवमेंट में भी कार्यरत थे| रेसियल इक्वलिटी में वे कांग्रेस के मेम्बर थे, जिसे CORE भी कहते है| कॉलेज ख़त्म होने के बाद बर्नी सैंडर्स इसराइल के कीबुत्स में रहने लगे, इसके बाद वे वेरमोंट में स्थापित हुए| उन्होंने अपने जीवन में तरह तरह के कार्य किये है, बहुत जी जॉब की, फिल्ममेकर भी रहे, फ्रीलांसर रायटर भी रहे, लेकिन इन सब के साथ साथ राजनीती में उनकी रूचि बढती गई|

बर्नी सैंडर्स की पहली जीत

1970 में एंटी बार लिबर्टी यूनियन पार्टी के सदस्य होने की वजह से संदेर्स को बहुत सी जगह से ठोकर मिली, वे 1979 तक इसके सदस्य रहे| जीत का पहला स्वाद उन्होंने वेरमोन के बुर्लिंगटोन में मेयर बनके चखा| 12 वोटों से उनकी जीत हुई| बर्नी सैंडर्स ने इस जीत के साथ ग्रासरूट्स आर्गेनाइजेशन के साथ गठबंधन कर लिया क्यूंकि ये बहुत मजबूत लोग थे| इसके बाद बर्नी सैंडर्स 3 बार और इस पद पर बने रहे, और सबको दिखा दिया कि राजनैतिक परिवार के ना होने के बावजूद भी वो अकेले खड़े रह सकते है|

1988 में US हाउस ऑफ़ रिप्रेजेन्टेटिव के सदस्य बने व 1990 में इसके अध्यक्ष बन गए| स्वतंत्र नेता होने के कारण संदेर्स को कई परेशानी का सामना करना पड़ा, अब उन्हें ऐसे सहयोगी दलों की जरुरत थी जो उनकी समस्या व बातों को समझे और निदान करे| रिपब्लिकन व डेमोक्रेट पार्टी के बीच किसे चुने, इस बात की दुबिधा में वे बहुत समय तक रहे| उनके हिसाब से दोनों पार्टी पूरी तरह से सही नहीं थी, ना ही उनकी विचारधारा पूरी तरीके से इनसे मिलती थी| लेकिन जहाँ भी वे गलत होती थी संदेर्स खुल कर गलतियाँ बताया करते थे| इराक युद्ध के दौरान उन्होंने कहा था कि 'सामाजिक व आर्थिक लड़ाई के चलते ये युद्ध हुआ, एक अच्छे नागरिक होने के नाते हमें हमारे देश को ऐसे युद्ध से बचाकर रखना चाहिए क्यूंकि इसमें देश की भी हानि होती है|'

सीनेटर बर्नी सैंडर्स

बर्नी सैंडर्स ने 2006 में सीनेट को चुन लिया जो रिपब्लिकन बिजनेसमेन रिचर्ड तर्रांत के खिलाफ थे| खुद को डेमोक्रेट समाजवादी कहने वाले संदेर्स ने रिचार्ड को आसानी से हरा दिया| सीनेट में रहने के दौरान संदेर्स ने बहुत सी कमिटियों को अपने इशू बताकर अपने साइड कर लिया था| इसके साथ ही वे बजट कमिटी, हेल्थ कमिटी, एजुकेशन, लेबर व पेंशन कमिटियों के मेम्बर बन गए|

राष्ट्रपति की दौड़

अप्रैल 2015 में बर्नी सैंडर्स ने एलान कर दिया कि वे डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ US में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए खड़े होंगें| राजनैतिक जरूरत के चलते बर्नी सैंडर्स को अपनी स्वतंत्रता छोड़ते हुए एक पार्टी से हाथ मिलाना पड़ा| बर्नी सैंडर्स ने एक इंटरव्यू में कहा कि ' डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ काम करते हुए अब मुझे और ज्यादा उर्जा, मेहनत की जरूरत होगी, व मेरे लिए वोटों को इक्कठा करना अब आसान हो गया, अब मैं दुसरे उमीदवार के साथ खुले आम वाद विवाद कर सकता हूँ|' राजनैतिक विशेषज्ञ कहते है कि संदेर्स पार्टी के एक अच्छे उम्मीदवार है, इनके नाम के अलावा हिलेरी क्लिंटन (Hillary Clinton) का नाम भी सामने आया था, जो बर्नी सैंडर्स के लिए एक खुली चुनौती है| लेकिन संदेर्स इस लड़ाई से नहीं डरते है, उनका मानना है, जनता उन्हें काफी समय से अच्छे से जानती है|

बर्नी सैंडर्स का मुख्य उद्देश्य US में समानता लाना है| आर्थिक परिस्तिथि को ठीक करने के लिए वे टैक्स रिफार्म को सही मानते है, जिससे देश आर्थिक रूप से मजबूती पायेगा| वे हायर एजुकेशन, हेल्थ केयर सिस्टम, को नया रूप देना चाहते है| वे समलैंगिक शादी को भी सपोर्ट करते है| बर्नी संदेर्स पहले जेविश उम्मीदवार है, साथ ही पहले नॉन क्रिस्चियन जो चुनाव के लिए खड़े हो रहे है| एक रिपोर्ट के अनुसार बर्नी को 60% वोट मिलने की उम्मीद है, व हिलेरी को 38% वोट मिलने की उम्मीद है| बर्नी सैंडर्स शायद राष्ट्रपति पद के लिए सही इन्सान ना हो, शायद 2016 में वे चुनाव ना भी जीतें लेकिन ये बात क्लियर है कि डेमोक्रेटिक पार्टी समय के साथ अपने आप को मजबूती देना चाहती है, वह बहुत तेजी से ग्रोथ कर रही है, राजनीतिज्ञ का भविष्य इन्ही पार्टी पर निर्भर करता है|

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