जब भगवान बन डॉ अनिल जांगिड़ ने बचाई ढाई साल के मासूम बच्चे की जान

Update: 2017-07-11 06:36 GMT

जयपुर : खिलौनों के साथ खेलना सभी बच्चों को अच्छा लगता है मगर कभी-कभी अनजाने में या माता पिता की नज़र अंदाजी के कारण ये खिलौने परेशानी का कारण भी बन जाते हैं। ऐसी ही एक घटना राजस्थान के पिलानी के बिरला सार्वजनिक अस्पताल में सामने आई। ढाई साल का एक मासूम बच्चा जो खेलते हुए प्लास्टिक का खिलौना निगल गया जो कि 5 दिन तक फंसा रहा। खिलौना प्लास्टिक का था इस कारण X-RAY से पता करना भी संभव नहीं था।

जब माता पिता को शक हुआ तो उन्होंने डॉक्टर से संपर्क किया लेकिन शुरुआत में पता लगा पाना मुश्किल था। मामले का पूरा पता तब लगा जब जयपुर से आए सुपर स्पेशलिस्ट डॉ अनिल जांगिड़ ने एंडोस्कोपी (Endoscopy) किया। खिलौना खाने की पाइप के शुरूआती हिस्से (hypopharynx) में अटका हुआ था। बाद में एंडोस्कोपी (Endoscopy) द्वारा अनेस्थेटिक (anesthetic) सपोर्ट में खिलौना निकाला गया। खिलौने का साइज लगभग 3 सेंटीमीटर था। शायद इसीलिए ये कहना भी गलत नहीं होगा कि डॉ, भगवान का दूसरा रूप होते हैं।

अनिल जांगिड़ ने बताया कि इस प्रकार का आपरेशन सामान्यत: एक मेडिकल कॉलेज लेवल के अस्पताल में ही संभव होता है लेकिन पिलानी के बिरला सार्वजनिक अस्पताल ने ये कर दिखाया। डॉ. जांगिड़ ने डॉ. पाल (Anesthesia सपोर्ट) और डॉ. करण बेनीवाल (pediatrician) को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। आपको बता दें कि डॉ अनिल जांगिड़ जयपुर के NIMS मेडिकल कॉलेज में DM Gasto विभाग में Consultant हैं। तथा पिलानी के पास के गांव के हैं जो हर 15 दिन में रविवार को बिरला सार्वजनिक अस्पताल आते हैं।

Talk To Anil Jangir

Image Title


 


Similar News