मुख्यमंत्री योगी ने अपने ही विधायक को बताई औकात, मिलने तक से किया इंकार: पढ़ें पूरी खबर

Update: 2017-06-08 03:17 GMT

लखनऊ। सत्ता की कमान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को हर स्तर पर बेहतर करने का दवा किया था, हालाँकि कानून व्यस्था ने उनके सारे दावे गलत को गलत साबित कर दिया. योगी को कटघरे में खड़ा कर ने उनकी पार्टी के नेताओं का भी बड़ा योगदान है। अब योगी ने ऐसे नेताओं पर नज़रें तिरछी कर ली है 

खबर है की समर्थकों संग होमगार्ड से बदसलूकी करने वाले भाजपा के विधायक श्रीराम सोनकर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नाराज हैं। विधायक बुधवार को एनेक्सी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने गए थे लेकिन, योगी विधायक से नहीं मिले। विधायक घंटों इंतजार के बाद देर शाम वापस लौट गए। विधायक से बात की गई तो उनका कहना था कि मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं हो सकी, गुरुवार को मिल लेंगे। विधायक से जब पूछा गया कि क्या आप होमगार्ड मामले में सीएम को अपनी सफाई देने गए थे, जिसपर उन्होंने कहा कि मैं जनता की समस्याओं को लेकर सीएम से मिलने गया था।


क्या था मामला 

होमगार्ड के मामले में मुझे कुछ नहीं कहना, जो कहना था वह पहले ही बता चुका हूं। मऊ से मोहम्मदाबाद गोहना विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक श्रीराम सोनकर अपने समर्थकों के साथ विधायक निवास से होते हुए उल्टी दिशा से जा रहे थे। इसके चलते वहां जाम लग गया। यातायात विभाग के उपनिरीक्षक प्रेमशंकर शाही के हमराही होमगार्ड अमित सरीन ने विधायक को रोक लिया और समझाने का प्रयास किया। आरोप है कि इसी बीच विधायक अपने वाहन से उतरे और समर्थकों संग ट्रैफिक सिपाही की पिटाई शुरू कर दी। बीच बचाव करने आए प्रेमशंकर शाही से भी उन्होंने अभद्रता की थी।  


पुलिस ने विधायक का नाम मुक़दमे से हटवाया

सूत्रों के अनुसार पीडि़त होमगार्ड की ओर से पहले जो तहरीर दी गई थी, उसमें विधायक द्वारा होमगार्ड को पीटने की बात प्रमुखता से शामिल थी। विधायक समर्थकों ने ट्रैफिक कर्मियों को गोली मारने की धमकी भी दी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक एक पुलिस अफसर के कहने पर पूरे मामले में कैसरबाग थाने की पुलिस ने होमगार्ड से दूसरी तहरीर लिखवाई और विधायक का नाम हटाकर एफआइआर सिर्फ उनके समर्थक के खिलाफ दर्ज की। इंस्पेक्टर कैसरबाग डीके उपाध्याय का कहना है कि होमगार्ड ने जो तहरीर दी है उसमें विधायक के गाड़ी का नंबर और उस पर बीजेपी का झंडा लगे होने की बात तो लिखी है, लेकिन विधायक का नाम नहीं। होमगार्ड को पीटने वाले विधायक समर्थक आजमगढ़ निवासी राजकुमार यादव को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

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