नदी के पानी को घी और बादलों से छाता बनाने वाले बाबा के चमत्कार

Update: 2016-08-09 10:34 GMT
देवभूमि उत्तराखंड की वादियों में बसे दिव्य स्थल "कैंची धाम" के नीम करौली बाबा की ख्याति विश्वभर में प्रसिद्घ है। इनके द्वारा किए गए चमत्कारों को सुनकर भक्त इनकी भक्ति में लीन हो जाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फेसबुक संस्‍थापक मार्क जुकरबर्ग भी नीम करौली बाबा के महिमा के गुणगान करते हैं। उत्तराखंड स्थित कैंची धाम में साल भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। हर साल 15 जून को यहां एक विशाल मेले व भंडारे का आयोजन होता है। 
मान्यता है कि कहते हैं कि कैंची धाम से कोई भी खाली हाथ वापस नहीं लौटता। यहां पर मांगी गयी मनौती पूर्णतया फलदायी होती है। स्‍थानीय लोगों द्वारा बताया जाता है कि 15 जून 1991 को कैंची धाम में आयोजित भक्तजनों की विशाल भीड़ में बाबा ने बैठे-बैठे इसी तरह निदान करवाया कि जिसे यातायात पुलिसकर्मी घंटों से नहीं करवा पाए। थक-हार कर उन्होंने बाबा जी की शरण ली। आख़िरकार उनकी समस्या हल हो गई। यह घटना आज भी खास चर्चा में रहती है। 
बताया जाता है कि धाम में आयोजित भंडारे में घी की कमी पड़ गई थी। बाबा जी के आदेश पर नीचे बहती नदी से कनस्तर में जल भरकर लाया गया। उसे प्रसाद बनाने हेतु जब उपयोग में लाया गया तो वह जल घी में बदल गया। एक अन्य चमत्कार के अनुसार बाबा नीम करौली महाराज ने गर्मी की तपती धूप में एक भक्त को बादल की छतरी बनवाकर उसे उसकी मंजिल तक पहुचवाया। इस तरह एक नहीं अनेक चमत्कार बाबा नीम करौली से जुड़े हुए हैं। नीम करौली बाबा को कैंची धाम बहुत प्रिय था। प्राय: हर गर्मियों में वे यहीं आकर रहते थे। 
बाबा के भक्तों ने इस स्थान पर हनुमान का भव्य मन्दिर बनवाया। उस मन्दिर में हनुमान की मूर्ति के साथ-साथ अन्य देवताओं की मूर्तियाँ भी हैं। 

यहां बाबा नीम करौली की भी एक भव्य मूर्ति स्थापित की गयी है।

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