नूरपुर Bypoll 2018: कौन है सपा उम्मीदवार नईमुल हसन, जिन्होंने बीजेपी को पछाड़ा

Update: 2018-05-31 07:45 GMT

लखनऊ। आज यूपी के कैराना और नूरपुर में हुए उपचुनाव की मतगणना हो रही है, अब तक मिले रूझान से स्पष्ट हो गया है कि विपक्ष की एकजुटता के आगे बीजेपी के सारे हथकंडे फेल हो गए हैं और इस बार ना तो मोदी का जादू वहां काम आया है और ना ही योगी की बातों का असर वहां के लोगों पर हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश की नूरपुर विधानसभा सीट पर सपा उम्मीदवार नईमुल हसन ने भाजपा की अवनि सिंह को 6000 से ज्यादा वोटों से पराजित कर दिया है।                  

कौन हैं नईमुल हसन?              

नईमुल हसन एक कद्दावर नेता माने जाते हैं, वो जामिया मिलिया विवि के छात्र संध अध्यक्ष भी रह चुके हैं। साल 2017 में भी सपा ने उन्हें इन्हीं सीट से उम्मीदवार बनाया था लेकिन तब उन्हें बीजेपी के लोकेंद्र सिंह ने 12000 वोटों से हरा दिया था। हसन को अखिलेश यादव का बेहद करीबी माना जाता है। साल 2012 में भी हसन को नूरपुर से टिकट दिया गया था लेकिन वो उस वक्त भी हार गए थे लेकिन इसके बाद भी अखिलेश यादव ने उन्हें दर्जा प्राप्त मंत्री बनाया था, उनकी पत्नी स्योहरा से नगर पालिका अध्यक्ष रह चुकी हैं।                

बिजनौर विधानसभा क्षेत्र अखिलेश यादव का दांव सही साबित हुआ               

आपको बता दें कि बिजनौर विधानसभा क्षेत्र के अंदर आने वाली नूरपुर सीट पर जब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हसन को यहां का प्रत्याशी बनाया था, तो पार्टी के अंदर ही नईमुल हसन को लेकर सवाल खड़े हो गए थे, पार्टी के कुछ नेताओं को हसन के नाम पर एतराज था क्योंकि उन्हें लग रहा था हसन बाहरी हैं, ऐसे में स्थानीय लोग हसन को वोट नहीं करेंगे, सबसे खास बात ये थी कि हसन का विरोध करने वालों में सबसे ज्यादा सपा के मुस्लिम नेता और कार्यकर्ता थे लेकिन इसके बावजूद अखिलेश यादव ने अपना फैसला नहीं बदला और आज उनका फैसला सही भी साबित हो गया।                               

नूरपुर विधानसभा सीट पर क्यों हुए उपचुनाव               

नूरपुर सीट भाजपा के खाते में थी, जो कि विधायक लोकेन्द्र सिंह के निधन से खाली हुई थी, लोकेन्द्र सिंह का निधन सड़क हादसे में हो गया था, जिसके बाद ही बीजेपी ने उनकी पत्नी अवनि सिंह को यहां की सीट पर खड़ा किया था, उसे लगा था कि सहानभूति के वोट भी अवनि सिंह के खाते में आएंगे लेकिन फिलहाल तो भाजपा का यह दांव उस पर भारी पड़ गया और उसकी जीती हुई सीट अब उसके हाथ से फिसल गई।                        

सपा और रालोद ने उपचुनाव और साल 2019 के लिए गठबंधन किया है                     

सपा और रालोद ने उपचुनाव और साल 2019 के लिए गठबंधन किया है और इसी वजह से कैराना में सपा ने रालोद उम्मीदवार तब्बसुम हसन को समर्थन किया है तो वहीं नुरपूर में रालोद ने सपा कैंडिडेट नईमुल हसन को समर्थन दिया है, इसके अलावा बीएसपी ने भी सपा को सपोर्ट किया है। गौरतलब है कि नूरपुर विधानसभा सीट पर मुस्लिम तकरीबन 122000 मतदाता हैं, जिनमें दलित 40000, सैनी 30000, चौहान 35000, जाट 10000, यादव 8000 और पाल 9000 हैं।

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