योगीराज: खूब फल फूल रहा जातिवाद. 311 सरकारी वकीलों की नियुक्ति, 216 ब्राह्मण-ठाकुर, 0BC-SC गायब

Update: 2017-07-11 03:58 GMT

लखनऊ: पुवर्ती सरकार का जातिवाद का ठप्पा लगा लगा कर राज्य की सत्ता के शीर्ष पर पहुंचे ठाकुर अजय सिंह बिष्ट उर्फ योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बनी बीजेपी सरकार में ज़बरदस्त जातिवाद हावी हो चूका है। ट्रांसफर-पोस्टिंग में जमकर चले जातिवाद के बाद अब यूपी की योगी सरकार में सरकारी वकीलों की नियुक्ति में जमकर ठाकुरवाद-ब्राह्मणवाद चल रहा है। आप को बता दें की विधान सभा चुनाव में दलित-ओबीसी का का नेता आगे कर वोट लेने के बाद बीजेपी का यह ज़ोरदार तमाचा है जो दलित दलित-ओबीसी के मुंह पर जड़ा गया है? हद तो यह है की 15 फीसदी सवर्णों के हिस्से में 90 फीसदी से ज्यादा सीटें हैं।


311 वकीलों को सरकारी काम काज के लिए हाईकोर्ट में सरकारी वकील के रूप में तैनाती देने में योगी सरकार ने जो लिस्ट जारी की है वह चौकाने वाली है। वैसे तो सरकार का दावा है कि पीएम मोदी की मंशा सबका साथ सबका विकास के अनुसार काम कर ही है, लेकिन 311 वकीलों की तैनाती में जो आंकड़ा है वह इसके बिलकुल उलट है और सरकार की झूठी मंशा को साबित कर रहा है।


ये है जातिवाद का आंकड़ा-

4 मुख्य स्थाई अधिवक्ता- ब्राह्मण- 3 ओबीसी- 1  
25 अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता- ब्राह्मण – 12 ठाकुर- 7  
103 स्थाई अधिवक्ता – 60 ब्राह्मण- 17 ठाकुर
65 ब्रीफ होल्डर सिविल- ब्राह्मण- 8 ठाकुर
114 ब्रीफ होल्डर क्रिमिनल- ब्राह्मण, 33 ठाकुर  


311 में से अकेले 70 फीसदी ठाकुर-ब्राह्मण-

इस लिस्ट में स्थायी अधिवक्ता (उच्च न्यायालय), मुख्य स्थाई अधिवक्ता, अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता और ब्रीफ होल्डर (क्रिमिनल) और ब्रीफ होल्डर सिविल के पद हैं। इसमें 311 में से अकेले 216 पद ब्राह्मण 65 पद ठाकुरों के पास हैं। यानि कि अकेले 70 फीसदी पद ठाकुर-ब्राह्मणों के पास हैं। अन्य वर्ग में 20 ओबीसी, 2 एससी और 4 मुसलमानों को इस लिस्ट में जगह दी गई है।


उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार के समय जातिवाद का रोना रोने वाले भाजपाईयों ने उत्तर प्रदेश में ठाकुर अजय सिंह बिष्ट उर्फ योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार बनते ही जमकर सवर्णवाद और ठाकुरवाद करना शुरू कर दिया है। जिन ठाकुर अधिकारियों ने अखिलेश सरकार के समय खूब मलाई काटी आज वही ठाकुर अधिकारी सपाई से संघी बन गए। ना सिर्फ ऐसे अधिकारी ठाकुर जैक के सहारे मलाईदार पदों पर जमे हैं बल्कि उनको मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से 1 साल तक पद पर बने रहकर लूट खसोट करने की अघोषित आजादी भी दे दी गई है। 

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