उत्तर प्रदेश में वक्फ बोर्ड भंग करने पर मचा घमसान, आज़म खान ने कहा बोर्ड को भंग करना अलोकतांत्रिक!

Update: 2017-06-17 03:58 GMT
Yogi With Ajam Khan

रामपुर। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने घपले और घोटाले का नाम ले कर शिया, सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को भंग करने का निश्चय कर सीबीआई जाँच की सिफारिश कर दी है। वही सपा नेता आजम खां ने कहा कि चुने हुए वक्फ बोर्ड को भंग करना गैर कानूनी है।


मीडिया कर्मियों से वार्ता में उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड का गठन चुनाव के जरिये होता है। कार्यकाल पूरा होने के बाद ही इसके चेयरमैन हटते हैं। चुनाव की एक प्रक्रिया है और बोर्ड के नियम हैं। सरकार को कानून और नियमों के दायरे में रहकर ही काम करना चाहिए। 
बोर्ड को भंग करना अलोकतांत्रिक और गैर कानूनी है।


वहीँ उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यमंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने प्रदेश सरकार द्वारा शिया-सुन्नी वक्फ बोर्ड को भंग कर भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच कराने के निर्णय की सराहना की है। नवेद मियां ने कहा कि पूर्व मंत्री आजम खां, शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी, सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जफर फारूकी ने भ्रष्टाचार की सभी हदें पार कर दी थीं।


वक्फ की जायदादों को न सिर्फ बन्दर बाँट किया था, बल्कि इन पर खुद ही काबिज हो गए थे। आजम की निजी संस्था जौहर ट्रस्ट को वक्फ जायदादें पट्टे पर दे दी गईं। केंद्रीय वक्फ परिषद के सदस्य डॉ. एजाज अब्बास नकवी ने अपनी रिपोर्ट में इन तीनों हकीकत को सामने लाकर  कौम और सरकार की आंखें खोल दी हैं। इन बोर्डों को भंग कर सीबीआई जांच का निर्णय लिया जाना सरकार का अच्छा कदम है। 

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