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Anil Ambani Biography in Hindi | अनिल अंबानी का जीवन परिचय

Anil Ambani Biography in Hindi | अनिल अंबानी Anil Ambani रिलायंस कैपिटल और रिलायंस कम्युनिकेशंस (Rcom) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक है। इसके साथ-साथ वे रिलायंस एनर्जी तथा पूर्व में रिलायंस इंडस्ट्री लिमिटेड के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक है। 2008 की सबसे अमीर लोगों की सूची में अनिल अंबानी का नाम छठे नंबर पर था।

Anil Ambani Biography in Hindi
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Anil Ambani Biography in Hindi  

Anil Ambani Biography in Hindi | अनिल अंबानी का जीवन परिचय

  • पूरा नाम अनिल धीरुभाई अंबानी
  • जन्म 4 जून 1959
  • जन्मस्थान मुंबई ( महाराष्ट्र )
  • पिता धीरुभाई अंबानी
  • माता कोकिलाबेन अंबानी
  • पत्नी टीना मुनीम
  • पुत्र अनमोल अंबानी, अंशुल अंबानी
  • शिक्षा बैचलर ऑफ साइंस
  • व्यवसाय रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के अध्यक्ष
  • पुरस्कार बिजनेसमैन ऑफ़ द इयर 1997
  • नागरिकता भारतीय

भारतीय उद्योगपति अनिल अंबानी (Anil Ambani Biography in Hindi)

Anil Ambani Biography in Hindi | अनिल अंबानी Anil Ambani रिलायंस कैपिटल और रिलायंस कम्युनिकेशंस (Rcom) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक है। इसके साथ-साथ वे रिलायंस एनर्जी तथा पूर्व में रिलायंस इंडस्ट्री लिमिटेड के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक है। 2008 की सबसे अमीर लोगों की सूची में अनिल अंबानी का नाम छठे नंबर पर था। लेकिन अपने भाई मुकेश अंबानी से अलग होने के बाद उनकी संपत्ति काफी कम हो गई है।

प्रारंभिक जीवन (Anil Ambani Early Life)

अनिल धीरुभाई अंबानी का जन्म 4 जून 1959 को मुंबई में भारत के महान उद्योगपति धीरुभाई अंबानी के घर में हुआ था। उनकी मां कोकिला बेन अंबानी है और उनके भाई मुकेश अंबानी हैं, जो भारत के सबसे अमीर शख्सियत में से एक हैं और दो छोटी बहने दीप्ती सलग ओकार और नीना कोठारी भी हैं।

शिक्षा और शादी (Anil Ambani Education and Marriage)

अनिल अंबानी ने मुंबई यूनिवर्सिटी के.के.सी. कॉलेज से अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की और पेनसिलवेनिया यूनिवर्सिटी के व्हार्टन से उन्होंने MBA की डिग्री हासिल की है। बाद में अनिल अंबानी ने बॉलीवुड की पूर्व अभिनेत्री टीना मुनीम से शादी कर ली। शादी के बाद उनके दो बेटे अनमोल और अंशुल हुए।

व्यवसायी करियर (Anil Ambani Business Career)

1983 में, वे अपने पिता धीरुभाई अंबानी द्वारा स्थापित कंपनी में शामिल हुए और को चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर के पद पर कार्यरत रहे। उन्होंने अपनी योग्यता और कुशल नीतियों की बदौलत भारतीय अर्थव्यवस्था को विकसित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अपने कामो से पूरी दुनिया को प्रभावित किया।

अनिल अंबानी के इन्ही प्रयत्नों की बदौलत 1991 में रिलायंस का ग्लोबल मार्केट शेयर बढ़कर 2 बिलियन US डॉलर हो गया था। हालांकि, बाद में अनिल ने अपने भाई मुकेश अंबानी के साथ मिलकर रिलायंस इंडस्ट्रीज की स्थापना की, जो आज भारत की टॉप टेक्सटाइल और पेट्रोलियम कंपनी है।

अनिल अंबानी को भारतीय कैपिटल मार्केट के विस्तार का पूरा श्रेय दिया जाता है। क्योकि ऐसा माना जाता है की रिलायंस ग्रुप की कमान अपने हाथों में लेकर उन्होंने जितना भारतीय कैपिटल मार्केट का विस्तार किया है उतना आज तक कोई नही कर पाया।

अनिल अंबानी ने मनोरंजन के क्षेत्र में अपनी शुरुवात 2005 में की थी। अनिल अंबानी को भारत का सबसे बड़ा मीडिया साम्राज्य खड़ा करने की का क्रेडिट भी जाता है। उन्होंने "टीवी टुडे" और "ब्लुमबर्ग टीवी" के शेयर खरीदने के साथ "बीबीसी" जैसे अंतर्राष्ट्रीय समाचार चैनलो के साथ भी टाय-अप किया था।

अंबानी के संपत्तियों का बंटवारा (Allotment of Ambani Assets)

यह भी विडंबना ही है कि जूनियर अंबानी को टेलीकॉम बिजनेस की ओनरशिप के लिए सीनियर अंबानी से तीखी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी थी। 2002 में पिता धीरूभाई अंबानी के निधन के तीन साल बाद ही दोनों भाइयों के बीच कारोबारी संपत्तियों का बंटवारा हुआ था। इसने अंबानी बंधु को देश के सबसे दौलतमंद उद्योगपतियों में खड़ा कर दिया था।

दोनों भाइयों में पारिवारिक झगड़ा 2005 में खत्म हुआ था। बंटवारे में मुकेश के पाले में फ्लैगशिप ऑयल रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल बिजनेस आए। अनिल को पावर जनरेशन, फाइनेंशियल सर्विसेज और टेलीकॉम जैसे नए कारोबार मिले। उस वक्त इनमें बढ़ने की भरपूर संभावनाएं दिख रही थीं। तभी से अनिल की कंपनियों ने भारी-भरकम कर्ज लेना शुरू किया। कारोबार को बढ़ाने और इसे डायवर्सिफाई करने के लिए ऐसा किया गया।

व्यवसाय में मिली असफलता (Anil Ambani Loss in Business)

अंबानी भाईयों के बीच बंटवारा हुआ था, उस दौरान टेलीकॉम सेक्टर में खासा उछाल देखा जा रहा था, जिसके चलते यह अनुमान लगाया जा रहा था कि अनिल अंबानी आने वाले समय में कारोबार में अपनी मजबूत धाक जमा सकते हैं, लेकिन बाद में वे कर्ज में डूब गए और काफी नुकसान हुआ।

2010 में रिलांयस कम्यूनिकेशन की जीटीएल इंफ्रा के साथ हुई डील लटक गई। लेकिन फिर भी अनिल अंबानी निवेश करते रहे और 2017 में एयरसेल के साथ सौदा भी सफल नहीं हुआ। अनिल अंबानी की कंपनी ने CDMA की 2G और 3G सेवा में जमकर निवेश किया था, लेकिन जब मार्केट में 4G सेवा आई, उसके बाद अनिल अंबानी को एक झटके में काफी नुकसान हो गया।

रिलायंस कम्यूनिकेशन में हुए घाटे का असर अनिल अंबानी की बाकी कंपनियों पर भी पड़ा और वह लगातार कर्जे में डूबते रहे। इसके बाद उन्होंने रिलायंस एंटरनेटमेंट में बड़ा निवेश किया लेकिन इसमें भी उन्हें असफलता ही हाथ लगी।

2016 में जियो की एंट्री के साथ मुकेश ने टेलीकॉम बाजार में कदम रखे। इसने टेलीकॉम मार्केट में प्रतिस्पर्धा को चरम पर पहुंच दिया। अनिल की कंपनी पर भी इसका असर पड़ा। रिपोर्टों के अनुसार, अनिल अंबानी की कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन घटकर 4 अरब डॉलर के नीचे रह गया है। जबकि मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज 98.7 अरब डॉलर के साथ कारोबार जगत में अपना परचम लहरा रही है।

2019 में अंबानी जेल भी जा सकते थे :

अंबानी अपनी छवि बचाने के लिए संघर्ष करते दिख रहे हैं। 2019 में आरकॉम को स्वीडन की कंपनी एरिक्सन को उसकी बकाया 453 करोड़ रुपये की रकम का भुगतान कर देना था। ऐसा नहीं कर पाने पर अंबानी जेल जा सकते थे। आरकॉम पहले ही एरिक्सन को 118 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुकी थी। उसे कुल मिलाकर स्वीडन की कंपनी को 571 करोड़ रुपये का भुगतान करना था।

पुरस्कार और सम्मान (Anil Ambani Awards)

  • 1990 में भारत में अनिल अंबानी को व्यापार और वित्तीय क्षेत्र का "नया हीरो" कहा गया।
  • 2002 में बॉम्बे मैनेजमेंट एसोसिएशन द्वारा "दशक के सबसे महान उद्यमी" से सम्मानित किया गया था।
  • 2003 में "एमटीवी यूथ आइकॉन ऑफ़ द इयर" चुने गए।
  • 2004 'द सीईओ ऑफ द ईयर' पुरस्कार से नवाजा गया
  • 2006 में टाइम्स ऑफ़ इंडिया के TNS चुनाव द्वारा अनिल अंबानी बिजनेसमैन ऑफ़ द इयर चुने गए थे।
  • 2006 में इंडिया टुडे पत्रिका द्वारा आयोजित नेशन पोल में सभी बिज़नेस उद्योगपतियों में "बेस्ट रोल मॉडल" का सम्मान भी मिला था।
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