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Sundar Pichai Biography in Hindi | सुंदर पिचाई की जीवनी

Sundar Pichai Biography in Hindi | दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी गूगल ने भारतीय मूल के सुंदर पिचाई को अपनी मूल कंपनी अल्फाबेट का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया है। दरअसल गूगल के सह संस्थापक लैरी पेज (46) ने सीईओ पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद कंपनी ने यह फैसला लिया है।

Sundar Pichai Biography in Hindi  सुंदर पिचाई की जीवनी
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Sundar Pichai Biography in Hindi सुंदर पिचाई की जीवनी

Sundar Pichai Biography in Hindi | सुंदर पिचाई की जीवनी

  • जन्म: 12 जुलाई 1972, चेन्नई, तमिल नाडु
  • कार्यक्षेत्र: गूगल के निर्दिष्ट सी.इ.ओ. (मुख कार्यकारी अधिकारी)

Sundar Pichai Biography in Hindi | दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी गूगल ने भारतीय मूल के सुंदर पिचाई को अपनी मूल कंपनी अल्फाबेट का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया है। दरअसल गूगल के सह संस्थापक लैरी पेज (46) ने सीईओ पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद कंपनी ने यह फैसला लिया है। वहीं एक अन्य सह सस्थापक सर्गेई ब्रिन (46) ने कंपनी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। अल्फाबेट 893 अरब डॉलर (64 लाख करोड़ रुपये) की बाजार पूंजी के साथ दुनिया की तीसरी बड़ी कंपनी है। वहीं पहले नंबर पर एप्पल और दूसरे नंबर पर माइक्रोसॉफ्ट है।

कौन हैं सुंदर पिचाई?

भारतीय मूल के सुंदर पिचाई का वास्तविक नाम सुंदरराजन है। उनका जन्म मदुरै (तमिलनाडु) में 1972 में हुआ था, लेकिन वो चेन्नई में पले-बढ़े। उनकी मां लक्ष्मी एक स्टेनोग्राफर और पिता रघुनाथ पिचाई इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे।

बतौर प्रोडक्ट मैनेजर की थी पहली नौकरी

1995 में जब सुंदर पढ़ाई के लिए अमेरिका गए, तब आर्थिक तंगी के कारण अपनी हर पुरानी चीज इस्तेमाल कर पैसे बचाए। वह पीएचडी करना चाहते थे। लेकिन परिस्थितियां ऐसी बनीं कि उन्हें नौकरी करनी पड़ी। पहली नौकरी सुंदर ने एक कंपनी में बतौर प्रोडक्ट मैनेजर की थी। फिर दूसरी कंपनी में बतौर कंसल्टेंट काम किया।

पिचाई ने 1993 में आईआईटी खड़गपुर से बीटेक किया। उसी साल स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप मिल गई। पिचाई ने वहां से इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री ली और यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया के व्हार्टन स्कूल से एमबीए किया। 2004 में गूगल जॉइन करने से पहले सॉफ्टवेयर कंपनी एप्लाइड मैटेरियल्स और मैनेजमेंट कंसल्टिंग फर्म मैकेंजी में काम किया था।

पिचाई ने गूगल को दिया था ये सुझाव

अप्रैल 2004 में सुंदर ने गूगल ज्वाइन किया था। गूगल में सुंदर पिचाई पहला प्रोजेक्ट प्रोडक्ट मैनेजमेंट और इनोवेशन शाखा में दिया गया। यहां उन्हें गूगल के सर्च टूल को बेहतर बनाने और दूसरे ब्रॉउजर के यूजर्स को गूगल पर लाने का काम दिया गया था। इसी दौरान सुंदर ने कंपनी को सुझाव दिया कि गूगल को अपना ब्राउजर लॉन्च करना चाहिए।

गूगल क्रोम के लॉन्च में निभाई थी अहम भूमिका

गूगल का एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने और 2008 में लॉन्च हुए गूगल क्रोम में सुंदर की अहम भूमिका रही। ऐसे काम और अपने आइडिया से वह गूगल के संस्थापक लैरी पेज की नजरों में आए। गूगल में प्रोडक्ट चीफ, एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम प्रमुख जैसे पदों पर रहने के बाद साल 2015 में उन्हें कंपनी का सीईओ बनाया गया।

100 भाषाओं में सेवाएं देती है कंपनी

तकनीक बहुत तेजी से बदल रही है और इस बदलाव में 'गूगल' की अहम भूमिका है। इसी साल सितंबर में गूगल ने अपना 21वां जन्मदिन मनाया था। गूगल दुनिया की 100 भाषाओं में अपनी सेवाएं देती है। ये बात कुछ ही लोगों को पता है कि पहले गूगल का नाम बैकरब (BackRub) था। अपनी शुरुआत के दो साल में ही गूगल सर्च इंजन पर फ्रेंच, जर्मन, इटैलियन, स्वीडिश और स्पैनिश जैसी कई भाषाओं में सर्च करने की सुविधा दी गई थी।

अल्फाबेट है मूल कंपनी

गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट (Alphabet) है। पिछले साल यानी 2018 के मुकाबले 2019 की अप्रैल-जून तिमाही में अल्फाबेट का मुनाफा तीन गुना बढ़ा है। अल्फाबेट को अप्रैल-जून तिमाही में 9.9 अरब डॉलर यानी 68,000 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है। कंपनी के रेवेन्यू में भी बढ़ोतरी हुई है। यह 19 फीसदी बढ़कर 38.9 अरब डॉलर हो गया है। वहीं कंपनी का एडवरटाइजिंग रेवेन्यू 32.6 अरब डॉलर हो गया है। गूगल के क्लाउड बिजनेस में अच्छी ग्रोथ दर्ज की गई है।

अलग-अलग कंपनियों का ग्रुप है अल्फाबेट

अल्फाबेट अलग-अलग कंपनियों का एक ग्रुप है। कंपनी गूगल को वायमो (स्वचालित कार) वेरिली (जैव विज्ञान) कैलिको (बायोटेक आर एंड डी) साइडवॉक लैब (शहरी नवोन्मेष) और लून (गुब्बारे की सहायता से ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट उपलब्धता) जैसी कंपनियों से अलग करती है।

इतना है अल्फाबेट का बाजार पूंजीकरण

तिमाही नतीजों की घोषणा के बाद, जुलाई 2019 में अल्फाबेट के शेयर में एक दिन की सबसे बड़ी तेजी आई थी। अल्फाबेट का बाजार पूंजीकरण 893.33 अरब डॉलर है। इस संदर्भ में गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा था कि क्लाउड बिजनेस का सालाना रेवेन्यू आठ अरब डॉलर पहुंच चुका है। गूगल प्रॉपर्टीज पर पेड क्लिक्स में भी सालाना आधार पर 28 फीसदी का इजाफा हुआ है।

परिकथा से कम नहीं सुंदर की कामयाबी की कहानी

सुंदर पिचाई ने अपनी 10वीं तक की पढ़ाई सीबीएसई से मान्यता प्राप्त जवाहर विद्यालय से और 12वीं वना वाणी स्कूल से की। अपने बैच में सुंदर को सिल्वर मेडल मिला था। आईआईटी के बाद सुंदर ने स्कॉलरशिप की मदद से अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से मैटीरियल साइंस में एमएस किया। इसके बाद पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी के व्हॉर्टन स्कूल से एमबीए की डिग्री ली।

सुंदर ने एक इंटरव्यू में बताया है कि अमेरिका जाने से पहले उनके पास अपना कम्प्यूटर भी नहीं था। उनके परिवार को टेलीफोन कनेक्शन के लिए पांच साल इंतजार करना पड़ा था। उन्होंने बताया कि जब उनके घर में फोन लगा तो लगा मानो वह सामुदायिक कनेक्शन हो गया हो। पड़ोसी अपने बच्चों को कॉल करने के लिए आते थे। ऐसी ही बातों से सुंदर की तकनीक की ताकत समझ आई।

एक घंटे में कमाते हैं 1.60 करोड़ रुपये

गूगल सीईओ के तौर पर पिचाई को साल 2018 में 47 करोड़ डॉलर यानी करीब 3,337 करोड़ रुपये मिले थे। बता दें कि इसमें उनके सभी तरह के भत्ते भी शामिल हैं। फॉक्स न्यूज के अनुसार, एक हफ्ते में सुंदर पिचाई अगर 40 घंटे काम करते है, तो ऐसे में उनकी हर घंटे की सैलरी 2,25,961 डॉलर यानी करीब 1.60 करोड़ रुपये बैठती है।

गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई (Sundar Pichai Biography in Hindi)

सुंदर पिचाई पुरे विश्व में एक जानेमाने नाम है, वह विश्व के सबसे प्रसिद्ध टेक्नोलॉजी कंपनी गूगल के चीफ एक्जेक्यूटिव ऑफिसर (CEO) हैं। सुंदर पिचाई ने साल 2004 में सर्च एंजिन कंपनी गूगल ने आगमन किया था और अपनी योग्यता और महेनत पर गूगल ने उसे सबसे बड़े पद के लिए चुने गए। सुंदर को 10 अगस्त 2015 के दिन गूगल का सीइओ बनाया गया था।

प्रारंभिक जीवन (Sundar Pichai Early Life)

सुंदर पिचाई का जन्म भारत के तमिलनाडु राज्य के खूबसूरत शहर और राजधानी चेन्नई में 12 जुलाई 1972 के दिन एक तमिल कुटुंब में हुआ था। उनके पिताजी का नाम रघुराजन पिचाई और उनके माताजी का नाम लक्ष्मीदेवी है। सुंदर ने अपना बाल्यकाल चेन्नई के अशोक नगर में बिताया। सुंदर के पिताजी रघुराजनजी ब्रिटिश की कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी (GEC) में सीनियर इलेक्ट्रिकल इंजिनियर थे और इसके साथ इस कंपनी में इलेक्ट्रिकल पार्ट बनाने वाली कंपनी में मेनेजमेंट में थे।

शिक्षा (Sundar Pichai Edcation)

उन्होंने अपने शहर चेन्नई ही जवाहर विद्यालय से अपनी शुरूआती पढाई की। बाद में आगे की पढाई चेन्नई में स्थित वना वाणी स्कूल से की जहा उन्होंने 12वीं की पढ़ाई की। शुरूआती पढाई के बाद उन्होंने ने खरगपुर की IIT में एडमिशन लिया और इंजीनियरिंग में बेचलर डिग्री प्राप्त की।

खड़गपुर के IIT के उनके प्रोफेसरों ने सुंदर को स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में से PhD करने के लिए सलाह दी लेकिन उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से मटेरियल साइंसेज एंड इंजीनियरिंग में एमएससी (Msc) और पेन्सिलवेनिया यूनिवर्सिटी से एमबीए (MBA) की डिग्री प्राप्त की।

सुंदर ने अपनी शिक्षा पूर्ण करने के बाद एप्लाइड मटेरियल (Applied Materials) में इंजीनियरिंग और प्रोडक्ट मेनेजमेंट (Product management) में कार्य करना शुरू किया। उसके साथ उन्होंने मैकिंसे एंड कंपनी में मैनेजमेंट कंसल्टिंग (Management Consulting) में भी कार्य किया।

शादी (Sundar Pichai Marriage)

सुंदर पिचाई की पत्नी का नाम अंजलि है, और वह दोनों खड़गपुर IIT कॉलेज में साथ में पढ़ाई करते थे। इसी समय उन दोनों के बिच प्यार हो गया था। और कॉलेज के समय ही वह एक दूसरे डेट करने लगे थे। कुछ वर्षो बाद इन दोनों ने विवाह कर लिया। फ़िलहाल उनके दो संतान भी है, जिसमे उनके बेटा का नाम किरण पिचाई और उनकी बेटी का नाम काव्या पिचाई है। Sundar Pichai Biography in Hindi

गूगल में करियर (Sundar Pichai Career in Google)

सुंदर पिचाई ने साल 2004 में गूगल ने नौकरी करने चालू किया, और वहा उन्होंने प्रोडक्ट प्रबंधक के रूप में और नई रिसर्च के कार्यो का उत्तरदायित्व मिला। इस पद के चलते सुंदर ने गूगल ड्राइव जैसे प्रोडक्ट के उन्नति में बहोत प्रभावशाली कार्य की जवाबदारी निभाई। इसके बाद गूगल के क्रोम ब्राउजर बनाकर सुंदर पिचाई ने अपना नाम दुनिया में प्रसिद्ध कर दिया।

गूगल क्रोम की सफलता बाद गूगल के अन्य प्रोडक्ट जैसे की गूगल मैप्स और जी मेल जैसे ऐप्लीकेशन सरल बनाने में महत्व की भूमिका भी निभाई। इसके बाद 19 नवम्बर 2009 के दिन पिचाई ने क्रोम ऑपरेटिव सिस्टम का प्रदर्शन किया और उसके बाद साल 2011 में क्रोमबुक अन्वेषण और परिक्षण के लिए निश्चित किया।

अन्वेषण और परिक्षण के बाद साल 2012 में इस प्रोडक्ट को कस्टमर के उपयोग के लिए तैयार कर दिया। इसके साथ उन्होंने साल 2010 में गूगल के एक नए प्रोडक्ट विडियो कोडेक के ओपन सोर्सिंग की घोसना की। इसके बाद गूगल ने इस विडियो कोडेक सिस्टम को नया विडियो फॉर्मेट WebM में घोसित किए। वही पिचाई ने साल 2011 में सबसे प्रसिद्ध कंपनी ट्विटर (Twitter) कंपनी में जाने का निर्णय लिया लेकिन गूगल ने उनको ज्यादा मनी पैकेज देकर गूगल में ही रोक लिया।

गूगल कंपनी ने में मोबाइल एप्लीकेशन के लिए एंड्राइड बनाने का निर्णय किया और उनकी जवाबदारी एंडी रुबिन संभाल रहे थे। लेकिन अचानक साल 2013 में किसी कारण से एंडी रुबिन ने एंड्राइड का प्रोजेक्ट बिच में ही छोड़ दिया। इसके बाद गूगल के स्थापक लेरी पेज नें इस एंड्राइड का प्रोजेक्ट पिचाई को देकर इन-चार्ज बनाया गया। इसके बाद साल 2014 में उनको गूगल के प्रोडक्ट का चीफ बनाया गया।

गूगल के सीइओ के रूप में (Sundar Pichai As Google CEO)

गूगल के संस्थापक लेरी पेज ने सुंदर पिचाई को गूगल का नए चीफ एक्जेक्यूटिव ऑफिसर (मुख कार्यकारी अधिकारी) बनाने के निर्णय 10 अगस्त 2015 को कर लिया था। बाद में 24 अक्टूबर 2015 को गूगल के फाउंडर लेरी पेज ने सुंदर पिचाई को गूगल के नए सीईओ घोसित किया। फिलहाल सुंदर पिचाई के नेतृत्व में आज गूगल नयी ऊंचाइयों छू रही है और कई नया प्रोजेक्ट लॉन्च कर चुकी है। आज दुनिया की सबसे प्रसिद्ध टेक्नोलॉजी कंपनी का नाम की बात करे तो इनका नाम गूगल है और इस कंपनी के सीईओ सुंदर पिचाई है।


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