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Neil Armstrong Biography in Hindi | नील आर्मस्ट्रांग का जीवन परिचय

Neil Armstrong Biography in Hindi | Neil Armstrong नील आर्मस्ट्रांग वे पहले आदमी थे ,जिन्हें चन्द्रमा पर सबसे पहले कदम रखने का गौरव प्राप्त हुआ था | 5 अगस्त 1930 को संयुक्त राज्य अमेरिका के वापाकोनेटा , ओहियो में जन्मे आर्मस्ट्रांग का रुझान शुरू से ही चन्द्रमा ,तारो और अन्तरिक्ष की ओर आकर्षित रहा , इसलिए उन्होंने इसी क्षेत्र को अपने करियर के तौर पर अपनाया |

Neil Armstrong Biography in Hindi | नील आर्मस्ट्रांग का जीवन परिचय
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Neil Armstrong Biography in Hindi | नील आर्मस्ट्रांग का जीवन परिचय

Neil Armstrong Biography in Hindi | नील आर्मस्ट्रांग का जीवन परिचय

  • नाम नील आर्मस्ट्रांग
  • जन्म 5 अगस्त 1930
  • जन्मस्थान ओहियो, संयुक्त राज्य अमेरिका
  • पिता स्टीफन आर्मस्ट्रांग
  • माता वायोला आर्मस्ट्रांग
  • पत्नी जेनेट शियरॉन
  • पुत्र मार्क आर्मस्ट्रांग
  • व्यवसाय खगोलयात्री
  • पुरस्कार प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम, कांग्रेसनल स्पेस मेडल ऑफ ऑनर
  • नागरिकता संयुक्त राज्य अमेरिका

Neil Armstrong Biography in Hindi | Neil Armstrong नील आर्मस्ट्रांग वे पहले आदमी थे ,जिन्हें चन्द्रमा पर सबसे पहले कदम रखने का गौरव प्राप्त हुआ था | 5 अगस्त 1930 को संयुक्त राज्य अमेरिका के वापाकोनेटा , ओहियो में जन्मे आर्मस्ट्रांग का रुझान शुरू से ही चन्द्रमा ,तारो और अन्तरिक्ष की ओर आकर्षित रहा , इसलिए उन्होंने इसी क्षेत्र को अपने करियर के तौर पर अपनाया | कुछ समय नौसेना में काम करने के बाद 1955 में उन्होंने National Advisory Committee for Aeronautics (NACA)में काम करना आरम्भ किया | इसी कमेटी का नाम बाद में नासा पड़ा |

नासा में Neil Armstrong इंजिनियर ,टेस्ट पायलट ,अन्तरिक्ष यात्री और प्रशाशक के रूप में कार्य करते रहे | उन्होंने तरह तरह के हवाई जहाज उडाये , जिनमे 4000 किमी प्रति घंटे की गति से उड़ने वाले एक्स-15 से लेकर जेट ,राकेट ,हेलीकाप्टर और ग्लाइडर शामिल रहे | 16 मार्च 1966 को जेमिनी-8 अभियान के तहत वे सबसे पहले अन्तरिक्ष में गये | इसके बाद अपोलो-2 में बतौर कमांडर वे जुलाई 1969 को चन्द्रमा की सतह पर उतरे और इतिहास रच दिया |

चन्द्र अभियान से लौटकर वर्ष 1971 तक Neil Armstrong आर्मस्ट्रांग नासा के एरोनॉटिक्स यूनिट में बतौर डिप्टी एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर जुड़े रहे , इसके बाद वे सिनसिनाती यूनिवर्सिटी में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के प्रोफेसर बनाये गये और आठ साल वहा रहे | सन 1982 में वे कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजी फॉर एविएशन इंससर्न में चेयरमैन बने और सन 1992 तक इस पद पर रहकर उड़ान से जुडी प्रोधोगिकी के विकास में सक्रिय योगदान करते रहे |

28 जनवरी 1986 को चैलेंजर अन्तरिक्ष यान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और इसके सभी यात्री मारे गये | दुर्घटना की जांच के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक आयोग का गठन किया | Neil Armstrong नील आर्मस्ट्रांग को इस आयोग का वाईस चेयरमैन बनाया गया | उस कठिन दौर में उन्होंने सघन जांच के बाद अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपी |

Neil Armstrong नील गणित और विज्ञान में काफी तेज थे | खगोल विज्ञान और ब्रह्मांड विज्ञान में उनकी ख़ास दिलचस्पी थी | सोलह साल की उम्र में उन्होंने अपना छात्र पायलट लाइसेंस हासिल कर लिया था | सन 1951 में एक बार युद्ध के दौरान वे उत्तर कोरिया के उपर उड़ रहे थे | अपने F9F पेंथर जेट विमान में उड़ते हुए उन्होंने देखा कि उत्तरी कोरियाई सैनिक अपने भोर के रोजमर्रा के काम में लगे हुए है | वे चाहते तो उन्हें अपनी मशीन गन से उड़ा सकते थे , लेकिन उन्होंने ट्रिगर से उंगली हठा ली और आगे निकल गये | वे ऐसे निहत्थे लोगो पर कैसे हमला कर सकते थे ,जो अपना बचाव भी नही कर सकते थे |

Neil Armstrong नील जब चन्द्रमा की धरती पर उतरे ,उनके दिल की रफ्तार 150 धडकन प्रति मिनट मापी गयी | नील बोले "मुझे लगता है कि हर आदमी की हृदय की धडकनों की एक निश्चित संख्या होती है और मै एक भी फ़ालतू खर्च नही करना चाहता था " | चन्द्र को उन्होंने रहने की अच्छी जगह बताया |

Neil Armstrong नील का जीवन एक संयमी जीवन था | उन्होंने वह काम किया ,जो विरले ही कर पाते थे लेकिन उसका जरा भी अहंकार नही पाला | वे एक प्यारे पति ,पिता ,दादा ,भाई और मित्र रहे | उन्होंने नेवी फाइटर पायलट , टेस्ट पायलट और अन्तरिक्ष यात्री के रूप में गर्वपूर्वक देश की सेवा की | उन्होंने एक व्यवसायी ,शिक्षाविद और समुदाय नेता के रूप में इज्जत हासिल की |उन्हें सैकड़ो पुरुस्कार और सम्मान मिले ,लेकिन अन्तरिक्ष जितनी ऊँची उपलब्धी के सामने सब गौण पड़ गये | 82 वर्ष की आयु में 25 अगस्त 2012 को दिल का दौरा पड़ने से इस महानतम अन्तरिक्ष यात्री Neil Armstrong का निधन हो गया था |

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