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Steve Jobs Biography in Hindi | स्टीव जॉब्स की जीवनी

Steve Jobs Biography in Hindi | स्टीव जॉब्स एक अमेरिकी उद्योगपति होने के साथ बहोत बड़ी कंपनी ‘एप्पल’ के सह – संस्थापक, अध्यक्ष और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर स्थान पर रह चुके है।

Steve Jobs Biography in Hindi
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Steve Jobs Biography in Hindi

Steve Jobs Biography in Hindi | स्टीव जॉब्स की जीवनी

  • नाम स्टीवन पॉल जॉब्स
  • जन्म 24 फ़रवरी 1955
  • जन्मस्थान सैन फ्रांसिस्को, कैलिफोर्निया
  • पिता पॉल रेनहोल्ड जॉब्स
  • माता क्लारा जॉब्स
  • पत्नी लोरेन पॉवेल
  • पुत्र रीड जॉब्स
  • पुत्री लिसा ब्रेनन, एरिन सिएना, ईव
  • व्यवसाय अमेरिकी उद्योगपति
  • पुरस्कार कैलिफ़ोर्निया हाल ऑफ फेम
  • राष्ट्रीयता अमेरिकन

अमेरिकी उद्योगपति स्टीवन पॉल जॉब्स (Steve Jobs Biography in Hindi)

स्टीव जॉब्स एक अमेरिकी उद्योगपति होने के साथ बहोत बड़ी कंपनी 'एप्पल' के सह – संस्थापक, अध्यक्ष और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर स्थान पर रह चुके है। स्टीव जॉब्स एप्पल के बावजूद 'पिक्सर एनीमेशन स्टूडियो' के मुख्य अधिकारी भी रह चुके है। इसी के साथ साथ स्टीव 2006 में 'दि वाल्ट डिज्नी कंपनी' के प्रबंधक बोर्ड के सभ्य भी रह चुके है।

प्रारंभिक जीवन (Steve Jobs Early Life)

बुसिनेसमेन स्टीव पोल जॉब्स का जन्म 24th फ़रवरी 1955 में अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया स्टेट के सैन फ्रांसिस्को सिटी में हुआ था। उनके पिताजी का नाम अब्दुलफत्ता था और उनकी माताजी का नाम कैरोल शिएबले था। उनके माता किसी कारणवश स्टीव के जन्म के बाद रखना नहीं चाहती थी, उन्होंने स्टीव को कही ओर संबधी को देने का फैसला लिया था।

इस परिस्थिति के बाद उनके मातापिता ने स्टीव जॉब्स को इसी शहर में रहने वाले उनके संबंधी पॉल और कालरा जॉब्स को गोद दे दिया था। स्टीव के पालक पिता पॉल जॉब्स एक पेशे से एक मैकेनिक थे, और उनकी माता क्लारा पेशे से एक अकाउंटेंट थी, लेकिन बाद में पॉल जॉब्स ने एक गैरेज खोला। इस स्थिति के बाद स्टीव का मन भी एक इलेक्ट्रिशन बनने का था।

शिक्षा (Education)

स्टीव जॉब्स स्कूल में अच्छे विद्यार्थी थे, लेकिन उन्‍हें स्‍कूल जाना बिलकुल पसंद नहीं था। स्‍टीव जॉब्स अपनी उम्र के लड़को से दोस्‍ती नहीं करते थे। इसलिए वह स्‍कूल में अकेले ही बैठे रहते थे। 12वी कक्षा के बाद उनका प्रवेश रीड कॉलेज में हुआ था। लेकिन उनका मन अभ्यास में नहीं लगता था। इसलिए उन्‍होनें कॉलेज छोड़ने का फैसला किया।

पहली नौकरी (Steve Jobs First Job)

स्‍टीव जॉब्स ने कॉलेज छोड़ने के बाद हस्तलिपि सीखने का निर्णय किया। और बहुत ही अच्छे से हस्तलिपि सीखी और उन्हों ने 1972 के साल में अपनी पहली नौकरी मिली। जहा उन्हों ने वीडियो गेम डेवलपिंग कंपनी अटारी में काम करना शुरु किया। कुछ समय के बाद में उनका इस कंपनी में मन नहीं लगा तो पैसे कमाकर वह भारत , घूमने के लिए आए।

1974 के साल में वह भारत आए, और यहां ७ महीने रहकर बौध धर्म को पढ़ा और उसको समझ कर वह वापिस अमेरिका लौट गए। बाद में उन्‍होंने अटारी कंपनी में काम करने लगे। और अपने परिवार के साथ रहने लगे।

शादी (Steve Jobs Married Life)

18 मार्च 1991 में स्‍टीव जॉब्स का विवाह अमेरिकी बिज़नेस वीमेन लौरेन पावेल के साथ हुआ। इस दोनों कपल के वहा दो पुत्रीओ का जन्म हुआ, जिसका नाम उन्होंने एरिन जॉब्स और दूसरी बेटी का नाम ईव जॉब्स रखा। बाद में उनके यहाँ बेटे का जन्म हुआ, जिसका नाम उन्होंने रीड रखा। Steve Jobs Biography in Hindi

शुरुआती करियर (Steve Jobs Starting Career)

उनके पिता को गैरेज का व्यवसाय होने के नाते स्टीव जॉब्स ने भी अपने व्यवसाय की शुरुआत गैरेज से की थी। उस गैरेज को आज सबलोग एप्पल के नाम से जानते है। स्टीव जॉब्स का बहोत परीश्रम और निष्ठा की वजह से उनकी कंपनी 2 बिलियन डॉलर गई और साथ में इस कंपनी में 4000 से अधिक कर्मचारी भी काम करने लगे। और इस तरह एप्पल के पर्सनल कम्प्यूटर बाजार में आये। साथ साथ एप्पल के कम्प्यूटर ने तेज़ी से पूरे व्यापार पर कब्ज़ा भी कर लिया।

एप्पल कंपनी की शुरुआत (Steve Jobs Apple company Started)

1976 में 21 साल की उम्र में स्टीव जॉब्स ने स्टीव वोजनियाक के साथ मिलकर एक कंप्यूटर बनाने का निर्णय किया और बाद दोनों ने मिलकर एक कंप्‍यूटर भी बनाया। इस कंप्यूटरका नाम 'ऐप्‍पल' रखा। आपको बतादे की यह कंप्‍यूटर स्‍टीव जॉब्स के पापा के गेराज में इन दोनों ने तैयार किया था।

पहले कंप्यूटर को सफलता पूर्वक बनाने के बाद उन्होंने कुछ निवेशक के साथ मिलकर एक बड़ी कंपनी बनाने के बाद ज्यादा कंप्यूटर बनाया। लोगो यह कंप्‍यूटर बहोत पसंद करने लगे, इस सफलताके बाद इन दोनों ने लाखो डॉलर कमाए। इसी के बाद सिर्फ 3 साल बाद इसकी ग्रोथ कई गुना बढ़ गयी।

शुरूआती दौर में बहोत सफलता के 10 साल बाद 'ऐप्‍पल' एक बड़ी कंपनी बन गई, और उनका श्रेय सिर्फ इन दोनों का था, लेकिन इस कंपनी में कुछ दिक्कत के चलते बहुत नुक़सान हो गया और इस का जिम्‍मेदार सिर्फ स्‍टीव जॉब्स को ठहराया गया। इसी समस्या के चलते स्‍टीव जॉब्स को 17 सिंतबर 1985 को इस कंपनी से निकाल दिया गया।

नेक्स्ट कंप्यूटर की स्थापना (Next Computer Steve Jobs)

एप्पल कंपनी से निकलने के बाद स्टीव जॉब्स ने 'नेक्स्ट कंप्यूटर' नाम की कंपनी की स्थापना की। इस कंपनी में रोस पेरॉट ने बड़ा इन्वेस्टकिया और दोनों ने मिलकर प्रोडक्शन चालू किया। नेक्स्ट कंप्यूटर का पहला प्रोडक्ट भी हाई एंड पर्सनल कंप्यूटर था। मार्केटिंग को ध्यान में रखते हुए 12 अक्टूबर, 1988 को नेक्स्ट कंप्यूटर को एक बड़े इवेंट में लॉन्च किया गया। नेक्स्ट, एप्पल लिसा की तरह टेक्नोलॉजी में एडवान्स था, लेकिन इस कम्प्यूटर की किंमत ज्यादा होने के कारण लोग इसे खरीद नहीं पा सकते थे, उसी वजह से नेक्स्ट को काफी नुकसान का सामना भी करना पड़ा।

नेक्स्ट कंप्यूटर की सफलता के कुछ समय बाद स्टीव जॉब्स को यह लगा की इस कंपनी को सॉफ्टवेर कंपनी बदलना चाहिए, और उन्होंने नेक्स्ट कंपनी को एक सॉफ्टवेर कंपनी में तब्दील कर दिया, जिसके बाद उसको बहोत सफलता मिली। यह कंपनी एक वेब ऑब्जेक्ट एप्लीकेशन के लिए फ्रेमवर्क बनाकर बेचने लगी। Steve Jobs Biography in Hindi

पिक्सेर कंपनी की स्थापना (Steve Jobs Start of Pixar Company)

स्‍टीव जॉब्स ने बाद में एक बार फिर हाई एंड पर्सनल कंप्‍यूटर नाम का एक सॉफ्टवेर तैयार किया। उसके बाद स्‍टीव जॉब्स ने इतने पैसे कमाए की, 1986 की साल में एक ग्राफिक्‍स कंपनी को खरीद लिया, जिसका नाम 'पिक्सर' रखा। और स्‍टीव जॉब्स बहुत ही सफलता पाई। फिर 'पिक्सर' को Disney के साथ मिल लिया, और कंपनी को काफी प्रॉफिट हुआ।

इसके बाद Apple कंपनी नुकसान में चल रही थी। और साथ में स्‍टीव जॉब्स ने इतने पैसे कमाए थे की उन्‍होनें Apple कंपनी को 477 मिलियन डॉलर में खरीद ही लिया। और आख़िरकार स्‍टीव जॉब्‍स Apple कंपनी के चीफ एक्जेक्यूटिव ऑफिसर (CEO) बन गए।

पुरस्कार (Steve Jobs Awards)

  • 1982 में उन्हें एप्पल कंप्यूटर के लिए 'मशीन ऑफ द इयर' का सन्मान दिया गया।
  • स्टीव को 'कैलिफोर्निया हॉल ऑफ फेम' से भी सम्मानित किया गया।
  • अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा उन्हें 'नेशनल मैडल ऑफ टेक्नोलॉजी' से भी सम्मानित किया गया।

मृत्यु (Steve Jobs Death)

साल 2003 में स्‍टीव जॉब्स को मालूम हुआ की उन्हें कैंसर की बीमारी हुई है। तब उन्हों ने अपनी सर्जरी करवाई। लेकिन सर्जरी के बाद भी उनकी तबियत ठीक नहीं हुई। साल 2009 में उनका लीवर ट्रांसप्‍लांट कर दिया गया। लेकिन फिर भी उनकी तभियात ठीक नहीं हुई और इसी बीमारी के चलते 56 वर्ष की आयु में 5 अक्‍टूबर, 2011 को उनकी मृत्यु हुई।

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