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Ustad Zakir Hussain Biography in Hindi | उस्ताद जाकिर हुसैन का जीवन परिचय

Ustad Zakir Hussain Biography in Hindi | उस्ताद जाकिर हुसैन तबला वादक और संगीत क्षेत्र के अंतरराष्ट्रिय महारथी है। वे एक शास्त्रीय तबला वादक है। जो उत्कृष्ट तरीके से तबला बजाते है, बेहतर तरीके से तबला बजाने की उनकी इस कला ने उन्हें अपने देश भारत में ही नही बल्कि विश्व प्रसिद्धि दिलवाई, जब भी वे तबला बजाते थे तो उससे निकलने वाले संगीत और धुन से काफी अंतर्बोध होता था।

Ustad Zakir Hussain Biography in Hindi | उस्ताद जाकिर हुसैन का जीवन परिचय
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Ustad Zakir Hussain Biography in Hindi | उस्ताद जाकिर हुसैन का जीवन परिचय

  • पूरा नाम उस्ताद ज़ाकिर हुसैन
  • जन्म 9 मार्च 1951
  • जन्मस्थान मुंबई
  • पिता त्रिलोकीनाथ बोस
  • माता बावी बेगम
  • पत्नी एंटोनिया मिनेकोला
  • पुत्री अनीसा कुरैशी, इसाबेला कुरैशी
  • व्यवसाय भारतीय संगीतकार
  • पुरस्कार पद्म भूषण, पद्म श्री
  • नागरिकता भारतीय

उस्ताद जाकिर हुसैन (Ustad Zakir Hussain Biography in Hindi)

Ustad Zakir Hussain Biography in Hindi | उस्ताद जाकिर हुसैन तबला वादक और संगीत क्षेत्र के अंतरराष्ट्रिय महारथी है। वे एक शास्त्रीय तबला वादक है। जो उत्कृष्ट तरीके से तबला बजाते है, बेहतर तरीके से तबला बजाने की उनकी इस कला ने उन्हें अपने देश भारत में ही नही बल्कि विश्व प्रसिद्धि दिलवाई, जब भी वे तबला बजाते थे तो उससे निकलने वाले संगीत और धुन से काफी अंतर्बोध होता था। वे पूरी निपुणता से अपना तात्कालिक प्रदर्शन करते हुए, अपने तबले की धुन से लोगो के दिलो को छू जाते थे।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा (Ustad Zakir Hussain Early Life and Education)

जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 को महान तबला वादक अल्लाह रखा के घर में हुआ। 3 साल की आयु से ही उनके पिता उन्हें पखावज पढ़ाने लगे थे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट माइकल हाई स्कूल, महिम से ग्रहण की और सेंट ज़ेवियर कॉलेज, मुंबई से वे ग्रेजुएट हुए।

निजी जीवन (Ustad Zakir Hussain Married Life)

जाकिर हुसैन का विवाह अन्टोनिया मिन्नेकोला के साथ हुआ, जो रक कत्थक नर्तकी और शिक्षिका थी, साथ ही वह जाकिर की मेनेजर भी थी। उन्हें दो बेटिया भी है, अनीसा कुरैशी और इसाबेला कुरैशी। Musician Zakir Hussain

करियर (Ustad Zakir Hussain Career)

1991 में जाकिर हुसैन का पहला प्लेनेट ड्रम एल्बम रिलीज़ किया गया था। जिसके लिए उन्हें 1992 में बेस्ट म्यूजिक एल्बम के लिए ग्रैमी अवार्ड भी मिला था। उस समय उनके क्षेत्र में यह पुरस्कार पाने वाले वह पहले भारतीय थे। ग्लोबल ड्रम प्रोजेक्ट एल्बम ने उस समय वैश्विक स्तर पर 8 फेब्रुअरी 2009 को 51 वे ग्रैमी अवार्ड्स सेरेमनी में ग्रैमी अवार्ड भी जीता था।

मलयालम फिल्म वनाप्रस्थं के लिए उन्होंने एक संगीतकार, कार्यकर्त्ता और भारतीय संगीत सलाहकार के रूप में भी काम किया था। 1999 के ए.एफ.आई लॉस एंजिल्स अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में इस फिल्म का ग्रैंड जूरी पुरस्कार के लिए नामनिर्देशन भी किया गया था। मुंबई इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल और 2000 में ही नेशनल फिल्म अवार्ड्स भी उन्होंने जीते।

बहुत सी फिल्मो के लिये उन्होंने संगीत दिया है। सिर्फ इतना ही नही, यहाँ तक की उनकी तबले की धुन का प्रयोग लिटिल बुद्धा जैसी दुसरी कई फिल्मो में भी किया गया है। जाकिर हुसैन बिल लास्वेल के "वर्ल्ड म्यूजिक सुपरग्रूप" के तबला विज्ञान के सदस्य भी है।

पुरस्कार और सन्मान (Ustad Zakir Hussain The Honors)

  • 1988 उन्हें 'पद्म श्री' का पुरस्कार मिला था।
  • 2002 में संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें 'पद्म भूषण' का पुरस्कार दिया गया।
  • 1992 और 2009 में संगीत का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार 'ग्रैमी अवार्ड' भी मिला है।
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