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उत्तर प्रदेश: महागठबंधन के लिए अखिलेश ने बनाया अचूक फार्मूला, भाजपा में मचा हड़कंप

उत्तर प्रदेश: महागठबंधन के लिए अखिलेश ने बनाया अचूक फार्मूला, भाजपा में मचा हड़कंप
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लखनऊ: 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ यूपी में खड़े हो रहे गठबंधन को लेकर समाजवादी पार्टी ने जमीनी स्तर पर काम शुरू कर​ दिया है. खुद अखिलेश यादव संगठन को मजबूती देने के लिए बूथ स्तर पर समीक्षा कर रहे हैं. साथ ही संभा‍वित गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर फार्मूले पर भी काम शुरू हो चुका है. जानकारी के अनुसार ऐसी सीटें जहां सपा 2014 के लोकसभा चुनाव में दूसरे नंबर पर रही थी, उन पर अपनी दावेदारी करेगी. वहीं सीधे टकराव वाली स्थिति में 'सिंबल आपका, प्रत्याशी हमारा' की रणनीति अपनाई जाए. गठबंधन को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती पहले ही साफ कर चुकी हैं कि सीटों के न्यायोचित बंटवारे की वह पक्षधर हैं.


इसके बाद सूत्रों के हवाले से खबर भी आई कि बसपा यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से 40 सीटों पर दावेदारी कर रही है. पार्टी की तरफ से इस पर अभी आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है.सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव साफ कर चुके हैं कि गठबंधन होकर रहेगा, भले ही उन्हें कुछ सीटों का समझौता ही क्यों न करना पड़े. 2014 लोकसभा चुनाव की बात करें तो सपा ने 5 और कांग्रेस ने 2 सीटें जीती थीं, जबकि बसपा का खाता भी नहीं खुला था. लेकिन बसपा 34 सीटों पर रनर अप रही थी, जबकि सपा 31 सीटों पर दूसरे स्थान पर रही. कांग्रेस छह सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी. वोटिंग प्रतिशत की बात करें तो सपा को 22.2 और बसपा को 19.6 प्रतिशत वोट मिले. बसपा ने पश्चिम उत्तर प्रदेश, अवध क्षेत्र और पूर्वांचल में बीजेपी को कई सीटों पर कड़ी टक्कर दी.


सपा के साथ भी यही स्थिति रही. बुंदेलखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ पश्चिम यूपी की कई सीटों पर वह बहुत ही कम अंतर से हारी. सपा का फॉर्मूला यह है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में जो पार्टी जिन सीटों पर जीती या जिन पर दूसरे नंबर पर रही वह उस पार्टी को मिलेगी. ​इस लिहाज से देखें तो समाजवादी पार्टी के खाते में कुल 36 सीट आती दिख रही हैं. 5 उसने जीतीं थीं और 31 पर वह दूसरे स्थान पर रही थी. वहीं बसपा के खाते में 34 सीटें आ रही हैं. इन सीटों पर वह दूसरे नंबर पर रही थी. वहीं कांग्रेस ने 2 सीटें जीती थीं, जबकि 6 सीटों पर वह दूसरे नंबर पर रही थी. लिहाजा उसके पास आठ सीटें आ सकती हैं. बाकी की बची 2 सीटें राष्ट्रीय लोकदल को मिल सकती है. लेकिन अगर मायावती कुछ सीटो पर जिद्द बनाती है फिर अखिलेश बसपा को कुछ और सीट दे सकते है लेकिन इस पर बसपा को सपा का उम्मीदवार अपने सिम्बल से उतारना होगा.

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