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2019 से पहले मोदी सरकार ने चल दिया मुस्लिम कार्ड, रमज़ान में डिस्प्ले लगा कर योजना की जानकारी नमाजियों को दी जायेगी!

2019 से पहले मोदी सरकार ने चल दिया मुस्लिम कार्ड, रमज़ान में डिस्प्ले लगा कर योजना की जानकारी नमाजियों को दी जायेगी!
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नरेंद्र दामोदरदास मोदी सरकार अल्पसंख्यकों को रिझाने के लिए बैंकों से लोन दिला कर आर्थिक तौर पर मजबूती देने की तैयारी में है। प्राप्त सुचना के अनुसार इसके लिए जिलों में खास हिदायत दी जा रही है। रमजान के महीने में मस्जिदों में डिस्प्ले लगाकर नमाजियों को जिले के अधिकारी इसकी जानकारी देंगे। मुस्लिमों को लोन हासिल करने के लिए मैसेजेज़ भी भेजने का प्लान तैयार किया गया हैं। महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए ई-रिक्शा के लिए आसानी से लोन देने की भी योजना है। पहले चरण में हर जिले के पांच अल्पसंख्यक बहुल गांव का चयन कर उनको सौ फीसदी लोन का लाभ दिया जाएगा। इस सारी कवायद को 2019 से पहले मोदी का वोटर्स को साधने के कार्ड के तौर पर देखा जा रहा है।


आप को बता दें मोदी सरकार 2019 में वापसी करने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। वह अल्पसंख्यकों को साधने में भी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। इसलिए अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय की तरफ से चलाई जाने वाली योजनाओं का पालन हर हाल में शत प्रतिशत कराने की मंशा है। सरकार अल्पसंख्यकों को ज्यादा से ज्यादा लोन देकर उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत करना चाहती है। इस मुहिम को परवान चढ़ाने के लिए हर जिले में अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को बैंक प्रतिनिधियों की सोच में परिवर्तन लाने, बैंकिंग प्रतिनिधि और नॉन बैकिंग फ़ाइनैंशल कंपनी की सहायता लेने, माइक्रो फ़ाइनैंस को बढ़ावा देने का प्लान है। कहा गया कि महिलाओं को ई-रिक्शा आदि के भी लोन उपलब्ध कराए जाएं, ताकि परिवार में आय का जरिया बढ़ सके। इसी के साथ कहा गया है कि रमजान में मस्जिदों में आम दिनों की तुलना में अधिक मुस्लिम नमाज अदा करते हैं। इसलिए मस्जिदों में जाकर लोगों को उनके लिए चलाई जाने वाले योजनाओं के बारे में जानकारी दें और लोन लेकर अपना काम शुरू करने के लिए जागरूक करें।


राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के सचिव जे.आर.के. राव के मुताबिक अल्पसंख्यक समुदाय को आसानी से लोन उपलब्ध हो, इसके लिए सभी बैंकों से अपनी सोच में परिवर्तन करने को कहा है। अल्पसंख्यक समुदाय को लोन लेकर अपना काम शुरू करे अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। सरकार की इस योजना से हर हाल में अल्पसंख्यकों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। सचिव राव ने शुक्रवार को इस बारे में मेरठ मंडल के जिलों के अफसरों की कमिश्नरी में बैठक भी ली। प्रधानमंत्री भारत सरकार के अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए नए 15 बिन्दुओं पर आधारित कार्यक्रम पर कार्य चल रहा है, जिसमें आईसीडीएस सर्विस की उपलब्धता, शैक्षणिक शिक्षा में सुधार, उर्दू की शिक्षा को बढ़ावा देना, मदरसों का आधुनिकीकरण, मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति, स्वरोजगार, कौशल विकास, ग्रामीण आवासीय योजना में समुचित लाभ देना आदि है।


मेरठ के कमिश्नर डॉक्टर प्रभात कुमार का कहना है कि औसत से कम और औसत से ऊपर कितने लोन बैंकों ने दिए इसका मूल्यांकन किया जाए। उन्होंने सभी सीडीओ को हर माह समीक्षा करने और सोने के बदले लोन देने की बैंकों की व्यवस्था का प्रचार कर लोगों को लाभ उठाने की जानकारी देने के भी निर्देश दिए हैं। हर जिले में पांच गांव होंगे लाभांवित तय किया गया है कि प्रत्येक जिले में पांच-पांच अल्पसंख्यक बहुल गांवों का चिह्नीकरण कर वहां के लोगों को योजनाओं का लाभ देकर उनका जीवन स्तर मजबूत किया जाएगा। इन गांवों में कामयाबी मिलने के बाद दूसरे गांवों में अगल चरण में सभी ग्रामों में इसको लागू किया जाएगा। बैंकों में एक रजिस्टर बनाकर लोन के आवेदनों और स्वीकृति की जानकारी रखी जाएगी। प्रधानमंत्री की तरफ से अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए 15 नए बिंदुओं पर प्रोग्राम चल रहे हैं, जिसमें आईसीडीएस सर्विस की उपलब्धता, शैक्षणिक शिक्षा में सुधार, उर्दू की शिक्षा को बढ़ावा देना, मदरसों का आधुनिकीकरण, मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति, स्वरोजगार, कौशल विकास, ग्रामीण आवासीय योजना में समुचित लाभ देना आदि है।


मेरठ के जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक अविनाश तांती के मुताबिक अल्पसंख्यक समुदाय को कृषि, मुद्रा योजना, एमएसएमई और उद्योग के तहत वित्तीय वर्ष 2017-18 में मेरठ मंडल के छह जिलों मेरठ, बुलंदशहर, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, बागपत और हापुड़ में एक लाख 74 हजार 627 लाभार्थियों को कुल 31 अरब रुपये से ज्यादा के ऋण दिए जा चुके हैं। मेरठ में 16127 लाभार्थियों को 22671 लाख रुपये, गौतमबुद्वनगर में 11573 लाभार्थियों को 77945 लाख रुपये, गाजियाबाद में 3106 लाभार्थियों को 11411 लाख रुपये, बागपत में 19633 लाभार्थियों को 39282 लाख रुपये, हापुड़ में 11330 लाभार्थियों को 43912 लाख रुपये और बुलंदशहर में 112858 लाभार्थियों को 115414 लाख रुपये का लोन दिया जा चुका है। उपनिदेशक अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने बताया कि बागपत, मेरठ, गाजियाबाद और हापुड़ में दो-दो मॉडल इंटर कालेजों का निर्माण हो रहा है।

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