बिहार: सृजन घोटाले में बड़ा खुलासा, नीतीश के संरक्षण में हो रहा था घोटाला- सामाजिक कार्यकर्ता का दावा
BY Jan Shakti Bureau19 Aug 2017 11:06 AM IST

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Jan Shakti Bureau19 Aug 2017 11:06 AM IST
पटना: बिहार में सबसे बड़ा घोटाला करने वाले सृजन एनजीओ में मोटा पैसा गैरकानूनी तरीके से सरकारी खजाने से पहुंचता था, तो सामान भी बाहर से खरीदा जाता और एनजीओ का ठप्पा लगाकर बेचा जाता. अब घोटाले का खुलासा करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता ने दावा किया है कि इस मामले की जानकारी नीतीश सरकार को दी गई थी. सबसे पहले सृजन घोटाले का खुलासा करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता संजीत कुमार ने दावा किया है कि उन्होंने साल 2013 में ही घोटाले का शक जताते हुए नीतीश सरकार को चिट्ठी लिखी थी. इस चिट्ठी में उन्होंने साफ-साफ शक जताया है कि एनजीओ में गैरकानूनी तरीके से सरकारी फंड को पहुंचाया जा रहा है.
सामाजिक कार्यकर्ता ने भेजा था ई-मेल
दरअसल साल 2013 में आर्थिक अपराध शाखा ने तब बांका में तैनात एक भू-अर्जन अधिकारी जयश्री ठाकुर के घर पर छापा मारा था. पता चला था कि अधिकारी जयश्री ठाकुर का सात करोड़ 36 लाख रुपए सृजन एनजीओ में जमा था. इसी छापेमारी के बाद सामाजिक कार्यकर्ता ने तब सीएम नीतीश कुमार, भागलपुर के तबके मुख्य सचिव और सहकारिता सचिव को ई-मेल भेजी थी. सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, "मैंने मुख्य सचिव बिहार, मुख्यमंत्री बिहार और सहकारिता सचिव को मेल पर जानकारी दी थी कि यह गंभीर विषय है और इसको लेकर अखबार में ऐसा-ऐसा छपा है. इसमें मैंने यह भी लिखा था कि मुझे शक है कि सृजन महिला में सरकारी फंड भी जमा होता है."
जांच के बाद सृजन NGO पर नहीं हुई थी कार्रवाई
संजीत के मुताबिक, तबके डीएम ने एक जांच कमेटी बनाई थी. लेकिन उसकी रिपोर्ट कभी सार्वजनिक नहीं की गई और मामला तब ठंडे बस्ते में चला गया. साल 2013 में बिहार में वित्त मंत्रालय डिप्टी सीएम सुशील मोदी के पास था. उनसे जब इस बारे में सवाल किया गया तो वो सीबीआई जांच की बात कह कर टाल गए.
सिर्फ दिखावे के लिए काम करता था सृजन एनजीओ
आपको बता दें कि साल 1996 में मनोरमा देवी ने सृजन एनजीओ बनाया था. ये एनजीओ कभी चेक पर फर्जी हस्ताक्षर कर सरकारी खातों से पैसा निकालता था. कभी सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी फंड सरकारी खातों की बजाए सृजन के एकाउंट में पहुंच जाते थे. सरकारी खातों से पैसा उड़ाने की करतूत को छिपाने के लिए सृजन एनजीओ दिखावे के लिए फैक्ट्री और शोरूम का खेल खेलता था.
सृजन की संचालिका मनोरमा थी मास्टरमाइंड
मनोरमा देवी भी बाहर से मंगाई हुई यही साड़ियां बड़े अधिकारियों और राजनेताओं की पत्नियों को देकर उन्हें ख़ुश किया करती थीं. हैरत इस बात की 1996 से गोरखधंधा करने वाले सृजन को महिलाओं के लिए काम करने के लिए कई पुरस्कार मिल चुके हैं. खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों मास्टरमाइंड मनोरमा सम्मानित हो चुकी हैं.
अबतक 12 लोगों की गिरफ्तारी
अब नौ एफआईआर और 12 लोगों की गिरफ्तारी से मामला परत दर परत खुल रहा है. लेकिन अब तक मामले के सभी मुख्य अभियुक्त मनोरमा का बेटा अमित, सृजन की मौजूदा सचिव प्रिया कुमार और मनोरमा का मुंह बोला बेटा बीजेपी नेता श्याम पुलिस की पकड़ से बाहर है. इनके पकड़े जाने पर ही राजनैतिक कनेक्शन का खुलासा हो सकता है.
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