सांप्रदायिक हिंसा: फ़र्ज़ी फोटो शेयर कर दंगे को भडकाले वाली भाजपा नेत्री विजेता मलिक गिरफ्तार!
BY Jan Shakti Bureau9 July 2017 1:23 PM IST

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Jan Shakti Bureau9 July 2017 1:23 PM IST
कोलकाता: भोजपुरी फिल्म के एक सीन को शेयर कर दंगा भड़काने वाली भाजपा नेत्री विजेता मालिक को शिनवार को कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। कोलकाता पुलिस ने बताया कि फर्जी फोटो शेयर करने के आरोप में भाजपा नेत्री विजेता मलिक को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया कि जिस तस्वीर को पश्चिम बंगाल का बताया जा रहा है, वह वास्तव में 2014 में रिलीज हुई भोजपुरी फिल्म 'औरत खिलौना नहीं' का एक सीन है। बता दें कि विजेता मलिक ने इस तस्वीर को अपने फेस बुक वाल पर शेयर किया था जिसके चलते पश्चिम बंगाल के 24 परगना में संप्रदायिक हिंसा फैल गया था और एक शख्स की भी जान चली गई थी।
हरियाणा की भाजपा नेता ने अपने फेसबुक वॉल पर भोजपुरी फिल्म की इस तस्वी को शेयर करते हुए लिखा था कि बंगाल में किस तरह से मुसलमान युवक हिंदू महिला का बलात्कार कर रहे हैं। विजेता मलिक हरियाणा राज्य की बीजेपी प्रदेश कार्याकारिणी की सदस्य हैं। विजेता ने अपने पोस्ट में लिखा था, "बंगाल में जो हालात हैं वो हिंदुओं के लिए बहुत बड़ी चिंता का विषय है। हिंदू को ही क्यों मारा जा रहा है और सरेआम उसकी इज्जत के साथ खेला जा रहा है। इस पर कोई कुछ नहीं बोलता और न ही अवार्ड वापस हो रहा है। न तो देश छोड़ कर जाने की बात हो रही है और राज्य सरकार भी हाथ पर हाथ रख कर बैठी है।"
उल्लेखनीय है कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को केंद्र सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि भाजपा आरएसएस समेत सभी हिंसा फैलाने वाले संगठनों की विचारधार को मानती है। उन्होंने यह भी कहा था कि जिस किसी ने फर्जी तस्वीर और वीडियो को शेयर किया है उसके खिलाफ सख्त कदम उठाया जाएगा। इनके साथ कानून अपना काम करेगी। ममता ने कहा, "मैं बंगाल की जनता की आभारी हूं कि उन्होंने अफवाहों और सांप्रदायिक नफरत फैलाने वालों को पहचानने में मदद की। शांति बहाल कर दी गई है।"
उन्होंने कहा कि लोगों को भड़काने के लिए भोजपुरी फिल्म के साथ बांग्लादेश की तस्वीरों का भी सहारा लिया गया। वहीं दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर पेज पर ट्वीट किया गया है, "कुछ लोग पश्चिम बंगाल में अन्य देशों और क्षेत्रों के पुराने वीडियो पोस्ट कर रहे हैं। यह अत्यधिक निंदाजनक है। कृपया हमेशा तथ्यों की जांच करें। हम सभी से अपील करते हैं कि दुर्भावनापूर्ण वीडियो को ध्यान न दें, जिससे कि समुदायों में अविश्वास पैदा हो।"
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