कठुआ सामूहिक रेप के आरोपियों के पक्ष में उतरा BJP विधायक, दे डाली पत्रकारों को धमकी, कहा- शुजात बुखारी याद है न
BY Jan Shakti Bureau23 Jun 2018 1:14 PM GMT
X
Jan Shakti Bureau23 Jun 2018 6:50 PM GMT
श्रीनगर: कठुआ सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड के आरोपियों के पक्ष में रैलियां निकालने वाले भाजपा विधायक चौधरी लाल सिंह ने अब पत्रकारों को लिमिट में रहने की धमकी दी है। भाजपा के इस विधायक ने राइजिंग कश्मीर के संपादक और वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या का उल्लेख करते हुए कहा कि क्या ऐसे रहना है जैसे बसारत (शुजात बुखारी) के साथ हुआ। जम्मू कश्मीर सरकार में मंत्री रहे लाल सिंह ने कठुआ कांड और सूबे के मौजूदा हालात को लेकर एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, "जैसे कश्मीर के पत्रकारों ने गलत माहौल तैयार कर दिया था। अब तो मैं कश्मीर के पत्रकारों को कहूंगा कि आप भी पत्रकारिता की अपनी सीमा तय कीजिए कि आपको कैसे रहना है।
BJP's leader #LalSingh who earlier took out rally in support for #KathuaRapists has now warned journalists to draw a line on their journalism otherwise get killed like @bukharishujaat
— Irony Of India (@IronyOfIndia_) June 23, 2018
pic.twitter.com/Ry0rvvoZwK
ऐसे रहना है जैसे बसारत (शुजात की जगह बसारत बोल गये) के साथ हुआ है। इसलिए अपने आपको संभालें और लाइन ड्रा करें ताकि भाईचारा खत्म न हो।" भाजपा विधायक ने कहा कि हम अभी भी कठुआ मामले की सीबीआई की जांच के लिए खड़े है। हमारी आवाज़ को दबाया गया। बता दें कि बसारत शुजात बुखारी के भाई हैं जो महबूबा के मंत्रिमंडल में मंत्री थे। गौरतलब है कि शुजात बुखारी की 14 जून को श्रीनगर के प्रेस एन्क्लेव में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हमले में शुजात के साथ रहने वाले दो सुरक्षाकर्मी भी मारे गए थे।
क्या था कठुआ कांड
बता दें कि जम्मू के कठुआ जिले के रासाना गांव से एक आठ साल की बच्ची आसिफा दस जनवरी को गायब हो गई थी। आसिफा को पुलिसकर्मी सहित मंदिर के पुजारी ने गायब किया था जिसके बाद उसके साथ सात दिनों तक गैंगरेप किया गया था और बाद में हत्या कर दी गई थी। इसके बाद देशभर में बवाल हुआ था। भाजपा के दो नेता और तत्कालीन महबूबा सरकार में मंत्री लाल सिंह और चंदर प्रकाश गंगा ने इस जघन्य अपराध के आरोपियों के पक्ष में रैलियां निकाली थी। इस खबर के बाद भाजपा बैकफुट पर आ गई थी और दोनों नेताओं को महबूबा कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा था। दोनों पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे।
Next Story