BREAKING: बिहार में 73 हजार शिक्षकों की नौकरी पर लटकी तलवार, जानिए क्या है वजह?
BY Jan Shakti Bureau17 Aug 2017 5:58 PM GMT
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Jan Shakti Bureau17 Aug 2017 5:58 PM GMT
पटना। प्रदेश के 73 हजार अनट्रेंड शिक्षकों पर नौकरी जाने की तलवार लटक गई है। राज्य के सरकारी प्रारंभिक स्कूलों के साथ ही निजी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को ट्रेंड होने के लिए केंद्र सरकार ने 18 महीने की मोहलत दी है। यदि शिक्षक 31 मार्च 2019 तक ट्रेंड नहीं होते हैं तो उन्हें नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। देशभर में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने को केंद्र सरकार ने प्रारंभिक शिक्षकों के लिए डीएलएड कोर्स आवश्यक कर दिया है। डीएलएड की पढ़ाई राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान के माध्यम से कराई जाएगी।
निबंधन शुरू, 15 सितंबर तक मौका
प्रशिक्षण के लिए निबंधन की प्रक्रिया 16 अगस्त से प्रारंभ कर दी गई है। निबंधन 15 सितंबर तक कराया जा सकेगा। शिक्षकों को निबंधन के लिए राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान की वेबसाइट पर जाना होगा। www.nios.ac.in पर जाकर शिक्षक अपना निबंधन कर सकेंगे।
साल भर के कोर्स की फीस छह हजार
शिक्षकों को 18 महीने के इस कोर्स के एवज में करीब छह हजार रुपये खर्च करने होंगे। एनआइओएस ने सालभर के कोर्स की फीस छह हजार रुपये निर्धारित की है। लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि जिन शिक्षकों के पास बारहवीं में कम से कम 50 प्रतिशत अंक होंगे वैसे शिक्षक ही कोर्स के लिए नामांकन करा सकेंगे। यदि किसी एक विषय में संबंधित शिक्षक के कम अंक होंगे तो उन्हें उस कोर्स के लिए अलग से नामांकन लेकर परीक्षा में कम से कम पचास प्रतिशत अंक लाने होंगे।
एनआइओएस पोर्टल पर रहेगी प्रशिक्षण सामग्री
डीएलएड कोर्स के पाठ्यक्रम से संबंधित सभी सामग्री एनआइओएस के वेबपोर्टल पर मौजूद रहेगी। इसके अलावा मानव संसाधन विकास मंत्रालय के शैक्षिक चैनल स्वयंप्रभा पर भी प्रशिक्षण पाठ्यक्रम मौजूद रहेंगे। स्वयंप्रभा चैनल पर इस कार्यक्रम को प्रसारित करने के समय के बारे में जानकारी अभ्यर्थियों को उनके मोबाइल पर मैसेज के जरिए मिलेगी। यह पूरा कोर्स तकरीबन 750 घंटे का होगा। जिसमें प्रैक्टिकल और संपर्क क्लास शामिल हैं।
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