अलविदा: जस्टिस सच्चर जिन्होंने मुसलमानों की सामाजिक-आर्थिक और शैक्षिक स्थिति की सही तस्वीर पेश की
BY Jan Shakti Bureau20 April 2018 11:14 AM GMT
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Jan Shakti Bureau20 April 2018 4:53 PM GMT
जस्टिस राजिंदर सच्चर का शुक्रवार को निधन हो गया। देश में मुसलमानों की सामाजिक-आर्थिक और शैक्षिक दशा जानने के लिए यूपीए सरकार के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 2005 में दिल्ली हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस राजिंदर सच्चर की अध्यक्षता में समिति गठित की थी। 403 पेज की रिपोर्ट को 30 नवंबर, 2006 को लोकसभा में पेश किया गया था। पहली बार मालूम हुआ कि भारतीय मुसलमानों की स्थिति अनुसूचित जाति-जनजाति से भी खराब है। जस्टिस राजिन्दर सच्चर द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट 'भारत के मुस्लिम समुदाय की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक स्थिति' की 10 प्रमुख सिफारिशें इस प्रकार हैं:
1. शिक्षा सुविधा- 14 वर्ष तक के बच्चों को मुफ्त और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा उपलब्ध कराना, मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में सरकारी स्कूल खोलना, स्कॉलरशिप देना, मदरसों का आधुनिकीकरण करना आदि। 2. रोजगार: रोजगार में मुसलमानों का हिस्सा बढ़ाना, मदरसों को हायर सेकंडरी स्कूल बोर्ड से जोड़ने की व्यवस्था बनाना। 3. ऋण सुविधा- प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के मुसलमानों को ऋण सुविधा उपलब्ध कराना और प्रोत्साहन देना, मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में और बैंक शाखाएं खोलना, महिलाओं के लिए सूक्ष्म वित्त को प्रोत्साहित करना आदि।
4. कौशल विकास- मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में कौशल विकास के लिए आईटीआई और पॉलिटेक्निक संस्थान खोलना। 5. वक्फ- वक्फ संपत्तियों आदि का बेहतर इस्तेमाल। 7. विशेष क्षेत्र विकास की पहलें- गांवों/शहरों/बस्तियों में मुसलमानों सहित सभी गरीबों को बुनियादी सुविधाएं, बेहतर सरकारी स्कूल, स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना। 8. चुनाव क्षेत्र के परिसीमन प्रक्रिया में इस बात का ध्यान रखना कि अल्पसंख्यक बहुल इलाकों को एससी के लिए आरक्षित न किया जाए। 9. सकारात्मक कार्यों के लिए उपाय- इक्वल अपॉर्च्युनिटी कमीशन, नेशनल डेटा बैंक और असेसमेंट और मॉनिटरी अथॉरिटी का गठन। 10. मदरसों की डिग्री को डिफेंस, सिविल और बैंकिंग एग्जाम के लिए मान्य करने की व्यवस्था करना।
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