निर्भया कांड के 5 वीं बरसी पर दिल्ली हुआ फिर एक बार शर्मसार
BY Jan Shakti Bureau18 Dec 2017 8:18 AM GMT
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Jan Shakti Bureau18 Dec 2017 8:18 AM GMT
निर्भया कांड की 5 वीं बरसी पर तीन युवकों ने 16 वर्षीय छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया । घटना का पता रविवार को चला , घटना उस वक्त कोई जब छात्रा अपने दोस्त के साथ शनिवार शाम को 6.30 से 7.00 बजे के बीच पार्क में बैठी हुई थी।
पुलिस के मुताबिक पीड़ित नाबालिग छात्रा अपने परिवार के साथ उत्तर पश्चिमी दिल्ली में रहती है। वह कक्षा आठ की छात्रा है, शनिवार शाम को वह बेरीवाला पार्क में घूमने गई थी । पुलिस के दिए गए बयान के मुताबिक तीन चार युवक पार्क में पहुंचे और पीड़िता से सवाल जवाब करने लगे और चाकू की नोक पर दोनों को बंधक बना लिया पीड़ित छात्रा के दोस्त ने मदद के लिए आवाज लगाई किंतु उस वक्त पार्क में कोई नहीं था फिर बदमाश युवकों ने डराते धमकाते हुए उसकी पिटाई कर दी और छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और दुष्कर्म के दरमियान उसका मोबाइल फोन उससे दूर फेंक दिया था ताकि वह किसी को फोन ना कर सके
और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी गई इसके बाद पीड़ित छात्रा अपने घर आकर बिना किसी को बताए सो गई । मामले का खुलासा रविवार को हुआ जब पीड़ित छात्रा की तबीयत बिगड़ने लगी , घर के सदस्यों द्वाराे पूछे जाने पर उसने सारी आपआ बीती बताएं ओर फिर परिवार वालों ने पुलिस थाना में मामला दर्ज कराया गया फिर पुलिस ने पीड़ित छात्रा को अस्पताल में भर्ती करवाया और मेडिकल टेस्ट कराया पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। परंतु सभी आरोपी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं .
बलात्कार की यह कोई नई घटना नहीं है इससे पहले भी घटना होती आ रही हैं और इस पर कोई लगाम नहीं लग रही है यह पहला कोई नया मामला नहीं है इससे पहले आज से 5 साल पहले निर्भया कांड हुआ था और रोजाना ऐसी घटना होती रहती हैं जिन को दबा दिया जाता है, 3 जुलाई 2017 को चलती हुई कार में 19 वर्षीय युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था यह घटना मधु विहार इलाके में घटी थी।
परंतु पीड़िता को इंसाफ नहीं मिला निर्भया की मां आज भी इंसाफ की तलाश में भटक रही है क्या इस लड़की को भी इंसाफ मिलेगा यह अपने आप में एक बहुत बड़ा सवाल है जो कि हमारे लचर कानून व्यवस्था और सिस्टम को घेरे में खड़ा करती है आखिर कब तक बेटियों के आबरू पर हमले होते रहेंगे और सरकार सिस्टम कानून व्यवस्था चुपचाप आंख बंद करके इस तमाशा को देखती रहेगी.
पत्रकार वैभव फौजदार
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