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देहरादून में सरकारी तंत्रों के नीचे से वाईफाई के नाम पर घपला

देहरादून में सरकारी तंत्रों के नीचे से वाईफाई के नाम  पर  घपला
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देहरादून :मसूरी और नैनीताल में हरीश रावत सरकार ने ठीक एक बरस पहले फ्री वाई फाई इंटरनेट सेवा शुरू की थी,क्या ये सेवा अभी चल रही है?
खबर है कि सर्विस प्रोवाइडर ने सरकार से पांच पांच करोड़ का भुगतान लिए और रफ्फूचक्कर होंगये है।
क्या किसी को मसूरी नैनीताल में मुफ्त में इंटरनेट सेवा wifi सेवा क्या मिल रही है?क्या बाहर से आने वाले टूरिस्ट को स्थानीय लोगो को,सरकारी कर्मचारियो से कभी पूछा गया कि हरीश रावत सरकार ने जो ये सुविधा शुरू की थी उसके उपकरण कहाँ लगे है उनकी क्या मोनेटरिंग हो रही है?

उत्तराखण्ड के सूचना प्रद्योगिकी विभाग के इस कारनामे की भनक अभी तक सचिवालय में किसी को नहीं लगी है



उत्तराखंड में 13 जिलो में टूरिस्ट पॉइंट्स में करीब 44 करोड़ की स्वीकृत योजना का बंदरबांट होगया,मुफ्त इंटरनेट प्रोवाइडर कंपनी आई टीआई लिमिटेड गोमतीनगर लखनऊ जिसे सभी जगह ये सुविधा दिए जाने का काम मिला था उसे बिना काम किये कैसे भुगतान हो गया, जबकि योजना पूरी होने पर थर्ड पार्टी से गुणवत्ता और सर्विस का प्रमाणपत्र भी लिया जाना था जोकि नही लिया गया और करोड़ो का भुगतान भी कर दिया गया।

मान्यवर महोदय जरा आई टी विभाग के दिनांक27 जनवरी 2016 और 15 जनवरी 2016 के तत्कालीन सचिव दीपक कुमार,और अरुणेंद्र सिंह चौहान के पत्रों का आप अवलोकन करें कि क्या क्या घपला हुआ, आपके विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने भी चुनावो से पहले इस मामले में हुए घपले पर सवाल उठाए थे वो भी अब खामोश क्यों है?
क्या आईटीडीए देहरादून इस मामले को दबाना चाहता है? इस मामले में सरकार के व्यय वित्त विभाग समिति के जरिये भी जांच पड़ताल होनी चाहिए थी जोकि नहीं हुई,
कुल मिलाकर सरकार का करोड़ो रु कंपनियां ले कर उड़ गई और मुफ्त में इंटरनेट वाई फाई दिए जाने की योजना भी भाप बन कर उड़ गई।

पत्रकार गौरव कांत जयसवाल

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