EXCLUSIVE: मोदी युग में माया-सोनिया की गले मिलने वाली तस्वीर को 'पोर्न साइट' पर डाला गया, और किनता गिरोगे!
BY Jan Shakti Bureau24 May 2018 6:15 PM GMT
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Jan Shakti Bureau26 May 2018 12:55 PM GMT
नई दिल्ली: जब से मोदी सरकार बनी है मानो देश बदतमीज़ी का तूफान सा आया हुआ है। भारत ही नहीं पूरी दुनिया में स्त्री होने से बड़ा गुनाह कुछ नहीं है। बात सिर्फ भारतीय समाज की करें तो ये विशुद्ध पितृसत्तात्मक समाज है। भारतीय संविधान ने भले ही स्त्री-पुरूष को समान नागरिक अधिकार दिए हो लेकिन देश तो धर्मग्रंथों से चलता है और ग्रंथों में लिखा है स्त्री, पशु, शुद्र उपभोग के लिए हैं। 22 मई को कर्नाटक के बेंगलुरु में तमाम विपक्षी दल के नेता पहुंचे थे। मौका था एचडी कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह का। मंच पर वो तमाम लोग एक साथ दिखे जो बीजेपी की राजनीति से खुश नहीं है। जैसे- यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, बसपा प्रमुख मायावती, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी, टीडीपी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, आरएलडी अध्यक्ष अजीत सिंह, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और सीपीआई के डी. राजा।
सोशल मीडिया पर विपक्ष की एकता को सुअरों का झुंड कहा गया और मोदी जी को अकेला शेर बताया गया। लेकिन ये आलोचना तो पुरुष नेताओं की हो गई, महिला नेताओं के लिए भी तो कुछ होना चाहिए। क्योंकि मंच पर तो सोनिया, मायावती और ममता भी हैं। जैसा ही पितृसत्तात्मक समाज की मानसिकता होती है कि मान लीजिए किसी पुरुष से झगड़ा हुआ तो उसे गुस्से में दूसरा पुरुष कहता है तुम्हारे दांत तोड़ दूंगा। लेकिन जैसे ही ये झगड़ा किसी महिला से होता है तो पुरुष दांत तोड़ने की बात नहीं करता बलात्कार करने की धमकी देता है। भारतीय या दुनिया भर के पुरुषों के पास महिलाओं को उनकी कथित औकात बताने के लिए सफल फार्मूला है।
वो तुरंत उनकी योनी और स्तन की बात करने लगते हैं। यौन हिंसा की बात करने लगते हैं। यही किया गया सोनिया गांधी, मायावती के साथ। दरअसल 22 मई के दिन मंच पर मायावती और सोनिया गांधी हर समय एक साथ दिखी। एक ऐसा भी पल आया जब सोनिया गांधी ने मायावती के सिर अपना सिर रखकर स्नेह दिखाया। इस खूबसूरत पल की गवाह बनी कई तस्वीरें। सोशल मीडिया पर इस तस्वीर को खूब प्यार मिला। लेकिन जो लोग सोनिया गांधी और मायावती की राजनीति को पसंद नहीं करते उन्होंने विरोध करने का पितृसत्तात्मक रास्ता अपनाया। सोनिया गांधी और मायावती की तस्वीर को पोर्न वेबसाइट की एक वीडियो पर एडिट कर दिया गया। अपनी इस नीच हरकत के माध्यम से सोनिया गांधी और मायावती लेस्बियन (समलैंगिक) बताने की कोशिश की गई।
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