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बिहार: नीतीश-शरद की लड़ाई में अब लालू ने खेला ये बड़ा दांव!

बिहार: नीतीश-शरद की लड़ाई में अब लालू ने खेला ये बड़ा दांव!
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पटना। जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने शरद यादव पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि बहुत कम समय में ही शरद यादव ने लालू से बहुत कुछ सीख लिया है। लालू की तरह शरद भी परिवारवाद के नक्शेकदम पर चलने लगे हैं । बेटा और दामाद को राजनीति में स्थापित करने के लिए शरद यादव ने अपनी पूरी नैतिकता ताख पर रख दी है। लालू के परिवारवाद और भ्रष्टाचार का समर्थन देकर शरद यादव ने अपनी राजनीतिक जमा पूंजी का ना​श कर लिया है। सिंह ने कहा कि बिहार के 27 सालों की राजनीति में शरद यादव 17 सालो तक एनडीए के साथ रहे , उस समय बीजेपी ठीक लगती थी । अचानक लालू से दोस्ती गहरी होते ही उनका गुण ले लिया। एयरपोर्ट से लेकर सीएम हाउस और श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल तक समर्थकों की गुंडागर्दी आरजेडी की संस्कृति है। ये सभी शरद समर्थक नहीं आरजेडी के गुंडे थे।


लालू ने जेडीयू सांसद को बनाया आरजेडी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष

आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने शिवानंद तिवारी को पार्टी का नया राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया है। हाल के दिनों में महागठबंधन टूटने के बाद से शिवानंद तिवारी काफी सक्रिय रहे हैं। उन्होंने लालू यादव का पक्ष लिया था और नीतीश कुमार की जमकर आलोचना की थी। शिवानंद तिवारी इससे पहले जेडीयू से राज्यसभा सांसद थे लेकिन 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले जेडीयू ने उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया था। उस वक्त भी शिवानंद तिवारी ने पार्टी में रहते हुए नीतीश कुमार का विरोध किया था।


उन्होंने नीतीश को खुली चुनौती भी दी थी। उन्होंने कहा था कि नीतीश का भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस एक मात्र ढोंग है। उनका कहना है कि अगर भेद खुला तो गड़े मुर्दे उखड़ेंगे और उनकी पोल खुल जाएगी। गौरतलब है कि बिहार के बड़े नेता स्वर्गीय रामानंद तिवारी के बेटे हैं शिवानंद तिवारी। उनका दोनों ही दलों में सम्मान होता रहा है। रामानंद तिवारी की छत्र छाया में ही लालू-नीतीश सरीखे नेताओं ने राजनीति का ककहरा सीखा था, इसलिए शिवानंद तिवारी लालू यादव और नीतीश कुमार के गुरुभाई भी कहलाते हैं। इस वक्त उनके बेटे राहुल तिवारी आरजेडी से विधायक हैं।

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