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मोदी राज: महिला सुरक्षा में नाकाम मोदी को पूर्व नौकरशाहों ने लिखी चिट्ठी, PM को ठहराया जिम्मेदार, कह दी इतनी बड़ी बात की मच गया हड़कंप

मोदी राज: महिला सुरक्षा में नाकाम मोदी को पूर्व नौकरशाहों ने लिखी चिट्ठी, PM को ठहराया जिम्मेदार, कह दी इतनी बड़ी बात की मच गया हड़कंप
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कठुआ और उन्नाव गैंगरेप केस को लेकर पूर्व नौकरशाहों ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुली चिट्ठी लिखी है। रविवार (15 अप्रैल) को 49 सेवानिवृत्त सिविल सेवा अधिकारियों के समूह ने इसमें देश की आतंकित करने वाली स्थिति के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। चिट्ठी में सख्त लहजे में सरकार की आलोचना करते हुए कहा गया कि यह हमारा सबसे अंधकारमय दौर है और केंद्र सरकार और राजनैतिक पार्टियां इससे निपटने में विफल साबित हुई है। चिट्ठी में कहा गया कि नागरिक सेवाओं से जुड़े युवा साथी भी लगता है कि अपनी जिम्मेदारियां पूरी करने में विफल साबित हुए हैं। पूर्व नौकरशाहों ने इसी के साथ पीएम से अपील की है कि वह कठुआ और उन्नाव में पीड़ित परिवारों से माफी मांगे, फास्ट ट्रैक जांच कराएं और इन मामलों को लेकर सभी दलों की एक बैठक बुलाएं। बता दें कि जम्मू-कश्मीर के कठुआ और उत्तर प्रदेश के उन्नाव में गैंगरेप के दो मामलों ने देश को दहलाया है।



यूपी में लगभग हफ्ते भर पहले एक महिला ने सीएम योगी आदित्यनाथ के आवास के बाहर खुदकुशी का प्रयास किया था। आरोप था कि बीजेपी के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने उससे रेप किया। मामले पर भारी विरोध और गहमा-गहमी के बाद मामला सीबीआई को सौंपा गया, जिसके बाद आरोपी विधायक गिरफ्तार किया गया उधर, कठुआ में आठ साल की मासूम को पहले अगवा किया गया था। फिर आरोपियों ने उसे अपनी हवस का शिकार बनाया और बाद में मौत के घाट उतार दिया था।



इन दोनों ही मामलों की लपटें कम भी नहीं हुई थीं कि हाल में गुजरात से एक नाबालिग बच्ची की लाश मिलने की खबर आई। नौ साल की मासूम के शरीर पर चोटों के तकरीबन 100 निशान थे। पीएम ने इससे पहले इन मामलों पर शुक्रवार (13 अप्रैल) को चुप्पी तोड़ी थी और कहा था, "कोई भी अपराधी बख्शा नहीं जाएगा। न्याय होगा और बेटियों को इंसाफ मिलेगा।" टि्वटर पर इस बाबत प्रधानमंत्री कार्यालय के हैंडल से लिखा गया, "जो घटनाएं हमनें बीते दिनों देखीं, वे सामाजिक न्याय की अवधारणा को चुनौती देती हैं। बीते 2 दिनों में जो घटनाएं चर्चा में हैं, वे निश्चित तौर पर किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मनाक हैं। एक समाज के रूप में। दूसरा देश के रूप में हम सब इसके लिए शर्मिंदा हैं।"

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