JNU छात्र नजीब को लापता हुए 9 महीने बाद भी CBI को जांच के लिए चाहिए और समय
BY Jan Shakti Bureau18 July 2017 4:56 AM GMT
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Jan Shakti Bureau18 July 2017 4:56 AM GMT
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र नजीब अहमद को लापता हुए नौ माह बीत चुके हैं। इस मामले की जांच के लिए दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा सीबीआई को निर्देश दिए जाने के दो माह बाद सोमवार(17 जुलाई) को केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि वह महज एक महीने से मामले की जांच कर रही है और उसे कुछ और वक्त चाहिए। गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने 16 मई को सीबीआई को आदेश दिया था कि वह नजीब के रहस्यमय तरीके से लापता होने की परिस्थतियों की जांच करे, जो कि अक्तूबर से लापता है।
सीबीआई के अनुरोध पर न्यायमूर्ति जीएस सिस्तानी और न्यायमूर्ति चंद्र शेखर की सदस्यता वाली एक पीठ ने उसे जांच की प्रगति के बारे में आठ अगस्त तक एक रिपोर्ट दाखिल करने का वक्त दिया है। सीबीआई ने अदालत से कहा कि वह एक सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। बता दें कि नजीब अहमद का पता लगाने में दिल्ली पुलिस की विफलता के बाद हाईकोर्ट ने 16 मई, 2017 को मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। नजीब का पता लगाने में विफल रहने पर हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा को आड़े हाथ लिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि पुलिस नजीब का पता लगाने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रही है।
इसके बाद हाईकोर्ट ने नजीब की मां फातिमा नफीस की ओर से दाखिल बंदीप्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले की जांच सीबीआई को स्थानांतरित कर दी थी। गौरतलब है कि जेएनयू में बायोटेक्नोलॉजी की पढ़ाई करने वाला नजीब अहमद 15 अक्तूबर, 2016 से लापता है। आरोप है कि गुमशुदगी से एक दिन पहले ही नजीब की जेएनयू के ही कुछ छात्रों से मारपीट हुई थी। पहले मामले की जांच दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा को सौंपी गई थी। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में दो पूर्व छात्रों सहित 9 छात्रों को संदेह के दायरे में बताया था।
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