साक्षी जोशी ने संघ का किया पर्दाफाश, कहा मदरसे में तिरंगा-राष्ट्रगान का चाहिए प्रमाण लेकिन संघी बगैर तिरंगा-राष्ट्रगान के देशभक्त हैं
BY Jan Shakti Bureau9 Jun 2018 7:51 AM GMT
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Jan Shakti Bureau9 Jun 2018 1:34 PM GMT
नई दिल्ली: जानी मानी एंकर एंव पत्रकार साक्षी जोशी देश में सर उठाने वाले सांप्रदायिक संगठनों की जमकर ख़बर लेती रही हैं। एक बार फिर उन्होंने संघ परिवार पर देशभक्ती को लेकर निशाना साधा है। दरअस्ल बीती सात तारीख को आरएसएस ने अपने नागपुर स्थित मुख्यालय पर 'तृतीय वर्ष वर्ग' कार्यक्रम का समापन किया था। इसी कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने भी शिरकत की थी। आरएसएस के इस कार्यक्रम में जहां आरएसएस का अपना गान, नमस्ते मां वत्सले गाया गया, और भगवा झंडा फहराया गया था वहीं आरएसएस ने तिरंगा फहराने और राष्ट्रगान गाने से किनारा कर लिया, या फिर राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान को गाना आरएसएस ने जरूरी नहीं समझा।
मदरसों में तिरंगा फहरता है या नहीं इसका प्रमाण चाहिए, अगर नहीं फहरता तो देशद्रोही अगर फहरता भी है तो अगला टेस्ट राष्ट्रगान/राष्ट्रगीत बजता है या नहीं ।
— Sakshi Joshi (@sakshijoshii) June 8, 2018
लेकिन RSS के तृतीय वर्ष में तिरंगा दिखेगा न राष्ट्रगान। फिर भी ये देशभक्त बाकी ग़द्दार। एक देश दो मापदंड मेरा भारत महान
हालांकि यह पहला मौका नही है जिसमें आरएसएस ने तिरंगा और राष्ट्रगान से दूरी बनाई हो, आजादी के बाद से लेकर 2002 तक आरएसएस के मुख्यालय पर किसी भी अवसर पर न तो तिरंगा फहराया गया था और न ही राष्ट्रगान गाया था। न्यूज 24 की एंकर साक्षी जोशी ने इसी को लेकर आरएसएस को फटकार लगाई है, और सवाल दागते हुए पूछा है कि मदरसों में तिरंगा फहरता है या नहीं इसका प्रमाण चाहिए, अगर नहीं फहरता तो देशद्रोही अगर फहरता भी है तो अगला टेस्ट राष्ट्रगान/राष्ट्रगीत बजता है या नहीं। लेकिन RSS के तृतीय वर्ष में तिरंगा दिखेगा न राष्ट्रगान। फिर भी ये देशभक्त बाकी ग़द्दार। एक देश दो मापदंड मेरा भारत महान।
ऐसा कोई सबूत नहीं चलेगा क्योंकि दूसरे समुदायों के लिए भी तो नहीं चला था। आज़ादी की लड़ाई में किसी का योगदान जब नहीं माना तुम लोगों ने। रिबेरो जैसे जानबाज़ अफ़सर को खुद को second class citizen महसूस कराया। हमें तो तिरंगा और राष्ट्रगान ही चाहिए। फहराओगे तो देशभक्त कहलाओगे। https://t.co/Gi738XHUEi
— Sakshi Joshi (@sakshijoshii) June 8, 2018
साक्षी के ट्वीट पर आरएसएस के एक यूजर ने कहा कि आरएसएस ने 1962 में देश के लिये लड़ाई थी इससे बड़ा और क्या सबूत चाहिये आपको, उस यूजर को जवाब देते हुए साक्षी ने कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं चलेगा क्योंकि दूसरे समुदायों के लिए भी तो नहीं चला था। उन्होंने कहा कि आज़ादी की लड़ाई में किसी का योगदान जब नहीं माना तुम लोगों ने। रिबेरो जैसे जानबाज़ अफ़सर को खुद को second class citizen महसूस कराया। हमें तो तिरंगा और राष्ट्रगान ही चाहिए। फहराओगे तो देशभक्त कहलाओगे।
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